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2200 दरोगाओं की भर्ती निरस्त, चयनितों की ट्रेनिंग रद्द

नए सिरे से नियमानुसार चयन सूची तैयार करने का हाईकोर्ट का निर्देश… इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस में हुई लगभग 2200 दरोगाओं की भर्ती की चयन सूची को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार व भर्ती करने वाले पुलिस भर्ती व प्रमोशन बोर्ड के खिलाफ तल्ख़ टिप्पणी भी की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 फरवरी 2019 को घोषित दरोगा भर्ती 2016 के परिणाम को नियम विरुद्ध करार देते हुए रद्द कर दिया है। कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को नए सिरे से नियमानुसार चयन सूची तैयार करने का निर्देश भी दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने अतुल कुमार द्विवेदी व कई अन्य की विशेष अपीलों को स्वीकार करते हुए दिया है।

हाईकोर्ट ने फाइनल लिस्ट में सेलेक्ट हुए दरोगाओं की ट्रेनिंग को भी ख़त्म किये जाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने माना है कि रिजल्ट मनमाने तरीके से तैयार किया गया और इसमें नियमों की अनदेखी की गई है।

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17 जून 2016 को पुलिस उपनिरीक्षक, पीएसी प्लाटून कमांडर, फायर फाइटिंग अफसर के 2707 पदों के लिए की भर्ती विज्ञापित हुई। यह भर्ती यूपी सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर सर्विस रूल 2015 के नियम 15 ए, 15बी, 15सी व 15डी के तहत की जानी थी। इसके अनुसार सभी चार स्टेज में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। चयन प्रक्रिया के बाद 2181 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया।

याचियों का तर्क था कि चयन प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश पुलिस उप निरीक्षक, निरीक्षक नियमावली 2015 के नियम 15ए, 15बी, 15सी व 15डी का पालन नहीं किया गया। नार्मलाइजेशन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी कर मनमानी की गई। 28 जून 2017 को नार्मलाइजेशन का नियम लागू किया गया। कहा कि याची चयन प्रक्रिया की प्रत्येक स्टेज तक गए और जब अंतिम परिणाम आया तो वे चयन सूची में थे जबकि उन्होंने न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। उनसे कहा गया कि पहली स्टेज (लिखित परीक्षा) में वे फेल थे। कोर्ट ने अपीलार्थियों के अधिवक्ताओं के तर्कों से सहमत होते हुए चयन परिणाम रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि नियमानुसार नए सिरे से परिणाम घोषित किया जाए।

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उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 2017 में सब इंसपेक्ट के 2707 पदों पर भर्ती शुरू की थी, जिसका बीते फरवरी माह में फाइनल रिजल्ट आया था। चयन सूची जारी होने के साथ चयनित अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेजा गया और 6 महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अधिकांश को नियुक्ति भी दे दी गयी है। लेकिन, अब इसी भर्ती के फाइनल रिजल्ट पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है और रिजल्ट रद्द करते हुए नये सिरे से रिजल्ट जारी करने को कहा है।

दरअसल 2017 की इस सब इंस्पेक्टर भर्ती का शुरू से ही विवादों से नाता रहा है। लगातार इस भर्ती को अभ्यर्थी कोर्ट में चुनौती देते रहे और कोर्ट के आदेश पर ही धीरे धीरे यह भर्ती पूरी हो सकी है। सामान्यीकरण और गलत उत्तरों के आधार पर यह भर्ती कोर्ट में फंसी हुई थी। लिखित परीक्षा के बाद बवाल व हंगामा के चलते बोर्ड को कयी बार इसका रिजल्ट संशोधित करना पड़ा था। हालांकि, कोर्ट में रिजल्ट को लेकर याचिकाओं के दाखिल होने का क्रम जारी रहा और आखिरी समय तक 130 याचिकाएं इस पर दाखिल हो गयी थी। इसी बीच बोर्ड ने 28 फरवरी 2019 को इसका फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया। हालांकि, हाईकोर्ट ने अब याचिकाकर्ताओं के हित में फैसला सुनाते हुए नये सिरे से परिणाम जारी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस सख्त आदेश से ट्रेनिंग कर रहे तकरीबन बाइस सौ दरोगाओं के साथ ही यूपी सरकार को भी बड़ा झटका लगा है।

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