अभी फेसबुक खोला तो देखा कि कुमार सौवीर जी की पोस्ट दिख रही है। उन्होंने प्लेटफार्म टिकट के दाम बढ़ने पर चिंता जताते हुए पोस्ट लिख रख्खा है।
शाम को आनंद विहार रेलवे स्टेशन गया था वहां हमने भी सुना की प्लेटफार्म टिकट मंहगा हो गया है। अब प्लेटफार्म टिकट की खिड़की पर काफ़ी भीड़ देख कर वापस चले आये। तब तक टिकट वेडिंग मशीनों पर नजर पड़ी । हम वहां पहुंचे। उस मशीन पर एक अधेड़ सज्जन लोगों से रुपये लेकर गंतव्य का टिकट मशीन से निकाल कर दे रहे थे।
हमने पूछा कि गाजियाबाद का टिकट कितने का है? सज्जन ने बताया कि दस रुपये। साथ ही बोले कि खुला पैसा दीजिएगा। हम उनके हाथ में दस का कडकडीया नोट निकाल कर पकड़ा दिये।
उन्होंने गाजियाबाद का टिकट दे दिया। अब हम नवाब की तरह दस रुपये का टिकट लेकर प्लेटफार्म पर पहुंच गये। तो महाराज यह युग युक्ति का है। रोना- धोना छोड़िये। मौज कीजिए। सोचा बता दू। आप लोग भी इस युक्ति से लाभ उठा सकें। हां लाभ हो तो धन्यवाद दीजिएगा। हमारा नहीं। ईश्वर का। हमारे जैसा मित्र आप सबके पास है 🙂
प्लेटफार्म टिकट की फोटो। ताकि सनद रहे 🙂
गाजीपुर निवासी प्रदीप उपाध्याय की एफबी वॉल से.