लखनऊ, 23 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट के हाल के आदेश के बाद प्रदेश सरकार की ओर से पत्रकारों से सरकारी आवास खाली कराए जाने को लेकर भेजी गयी नोटिस के संदर्भ में आज उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की और उन्हें इस समस्या से अवगत कराते हुए शीघ्र उचित कदम उठाने की मांग की। विधानसभा में मुख्यमंत्री से हुयी मुलाकात के दौरान हेमंत तिवारी ने एक ज्ञापन सौंप कर सरकारी आवास खाली न कराए जाने का आग्रह करते हुए उक्त प्रकरण में अन्य की भांति प्रस्तावित कानून के दायरे में पत्रकारों को भी लाए जाने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने हेमंत तिवारी को स्पष्ट तौर पर आश्वस्त किया कि पत्रकारों के आवास खाली नही कराए जाएंगे और इस संदर्भ में हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। अनुपूरक बजट पेश करने के बाद एक बार फिर से मुख्यमंत्री ने समिति अध्यक्ष हेमंत तिवारी से विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में वार्ता की और संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द कारवाई कर पत्रकारों को हितों का संरक्षण करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार आवास आवंटन संबधी बिल को विधानसभा के वर्तमान सत्र में ही पेश कर पारित कराया जाएगा। उन्होंने कहा संविधिक प्रावधानों के जरिए पत्रकारों के आवास संबंधी नियमों का संरक्षण किया जाएगा जिससे आगे कभी यह समस्या न उत्पन्न हो।
मंगलवार को ही समिति अध्यक्ष ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल से मुलाकात कर उन्हें इस प्रकरण से संबंधित ज्ञापन सौंपा और पत्रकारों के आवास खाली कराए जाने संबंधी नोटिस की जानकारी दी। मुख्य सचिव ने भी इस संदर्भ में अविलंब करावाई करने को कहा है। बाद में हेमंत तिवारी ने विधानभवन के सेंट्रल हाल में सभी पत्रकार साथियों को मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से हुयी वार्ता की जानकारी दी।
ज्ञापन ये है….
सेवा में,
श्री अखिलेश यादव
मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश
विषय- पत्रकारों के आवास खाली कराए जाने के संदर्भ में
महोदय,
हम सब राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकार आपका ध्यान हाल ही में सरकारी आवास खाली कराए जाने को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा जारी एक आदेश के अनुपालन में राज्य संपत्ति विभाग की ओर से पत्रकारों को भेजी गयी नोटिस की ओर आकृष्ट कराते हुए अनुरोध करना चाहते हैं।
महोदय राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकार अत्यंत ही अल्प आय में अपना कोई आवास न होने की दशा में राज्य सरकार की ओर से आवंटित आवासों में रह रहे हैं। पत्रकारों के सामने राज्य संपत्ति विभाग के इस आदेश से जीवन यापन की दुरुह स्थितियां उत्पन्न हो गयी है।
राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को दिए गए सरकारी आवास खाली कराए जाने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट उल्लेख न होते हुए भी महज व्याख्या के आधार पर मकान खाली कराए जाने संबंधी नोटिस दी गयी है। आदेश में निजी व्यक्तियों को विधिक प्रावधानों के अभाव में आवास दिए जाने को विधिसम्मत न बताए जाते हुए आवास खाली कराए जाने की अपेक्षा की गयी है।
हमारा आपसे अनुरोध है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सम्यक विचारोपरांत पत्रकारों के लिए भी पूर्व मुख्यमंत्रियों, ट्रस्टों, राजनैतिक दलों व संस्थाओं की भांति विधानसभा में कानून लाकर उन्हें संरक्षण दिया जाए व संविधिक प्रावधानों के द्वारा उन्हें संरक्षित किया जाए जिससे उनके सामने आवास की समस्या न उत्पन्न हो।
महोदय पूर्व में आपकी सरकार ने पत्रकारों के हित में जो फैसले लिए हैं वैसे फैसले देश में किसी अन्य राज्य सरकार ने नहीं लिए हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार की देश भर के पत्रकारों के बीच सराहना हो रही है। आपसे अपेक्षा है कि सरकारी आवासों में रह रहे पत्रकारों की विषम परिस्थितियों और उनकी जीविका के अल्प साधनों को देखते हुए प्रदेश सरकार उनके हित में अनुकूल फैसला करते हुए संरक्षण प्रदान करेगी।
भवदीय
हेमंत तिवारी
अध्यक्ष
मूल खबर….