शैलेश अवस्थी-
रिटायर आईपीएस अफसर विजय शंकर सिंह आज अचानक देह छोड़ गए। वरिष्ठ पत्रकार शंभू नाथ शुक्ल ने मुझसे य़ह खबर कंफर्म करने को कहा और इसी बीच विजय शंकर सिंह के निधन की सूचना सोशल मीडिया में फैल चुकी थी। वह यहां विकास नगर में रहते थे।
1986-87 में कानपुर के स्वरूप नगर और फिर कलेक्टर गंज सर्किल के इंचार्ज थे, सीओ सिटी भी रहे। वह प्रमोट होकर आईपीएस बने और फिर कई जिलों की कप्तान भी रहे। रिटायर होने के बाद वह लेखन में जुटे थे। मुद्दों पर खुलकर लिखते और देखते ही देखते उनकी गिनती शीर्ष लेखकों में हो गई थी।
मेरा उनसे संपर्क उनके कानपुर कार्यकाल के दौरान तब हुआ था, जब वह सीओ थे। इसके बाद जब मैं “अमर उजाला ” में क्राइम कवर करता था, तब कई मामलों में उनका वर्जन लेता और सलाह भी। वह अन्य पुलिस अफसरों से कुछ अलग थे। शानदार व्यक्तित्व, मोहक मुस्कान और बेहद विनम्र। शायद ही किसी पर हांथ उठाया हो।
वह कानून को मानने वाले और इसी दायरे में रहकर काम करने वाले पुलिस अधिकारी थे। अपनी सूझ-बूझ और जानकारी से बड़े आपराधिक मामलों को सुलझाने में माहिर थे। स्पष्ट बात कहते और शांत रहकर कर्तव्यों को निभाते थे। य़ह उनकी लेखनी में भी झलकता है।
वह इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका कृतित्व अमर रहेगा। आज उनके चाहने वालों, सम्मान करने वालों, उनसे सीखने वालों, उनसे सुझाव लेने वालों की आंखें नम हैं, हर कोई हतप्रभ है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि….