इनके लिए ताजमहल है अभिशाप, कहते हैं इसे कुवारों का गांव… बेपनाह मोहब्बत की निशानी ताज 400 सालों से पर्यटकों को दीवाना बना रहा है। यहां आने वाले पर्यटक इसे प्यार की सबसे बड़ी सौगात मानते हैं। पर यही ताजमहल करीब दो हजार युवक-युवतियों के लिए अकेलेपन का सबब बन गया है। ताजमहल के पूर्वी गेट के पास स्थित गांव अहमद बुखारी, नगला पैमा, गढ़ी बंगस, नगला तल्फी के युवक-युवतियां को कुदरत से शिकायत है कि उन्हें ताजमहल के पास के गांव में क्यों पैदा किया। यहां कुवारों की फौज तैयार हो चुकी है। ताज इस गांव के लिए अभिशाप बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण ताजमहल की सुरक्षा और प्रदूषण से हो रहे दुष्प्रभाव की वजह से पांच सौ मीटर की दूरी के भीतर बिना अनुमति कोई गाड़ी नहीं आ सकती है। इन गांवों में आने-जाने वालों की कड़ी तलाशी ली जाती है। ऐसे में यहां के ग्रामीणों के घर बाहर से आने वाले रिश्तेदारों को डेढ़ से दो किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है। ऐसे में हालत ये है कि कोई भी इन पांच गावों में अपनी बेटी या बेटे की शादी नहीं करना चाहता है। इन पांच गांवों में रास्ते की बंदिशों के चलते दस सालों से शादियां न के बराबर हो रही हैं और जो हुई भी हैं वो गांव से बाहर। लेकिन हर किसी के लिए गांव से बाहर जाकर शादी करना मुमकिन नहीं है। अगर वहां के ग्रामीण तैयार भी होते हैं तो रिश्तेदार इसके लिए तैयार नहीं होता।
ऐसे में इन पांच गांवों में हालात ये है कि हजारों लोग कुंवारे हैं। इसके साथ गांव में करीब दो हजार युवक-युवतियां कुंवारे हैं। ऐसा नहीं है कि इसका हल निकालने के लिए ग्रामीणों ने कोशिश या पहल ना की हो। गांव के लोग स्थानीय प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। रास्ते की समस्या की वजह से इन गांवों में न कोई स्कूल है और न ही कोई स्वास्थ्य केंद्र है। कई बार तो सही समय पर इलाज ना मिलने की वजह से कई हादसे भी हो चुके हैं, बावजूद इसके सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। संबंधित वीडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :
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आगरा से farhan khan की रिपोर्ट.