प्रिया का आंख मारना मौलानाओं को नहीं पचा, हैदराबाद में एफआईआर

Dayanand Pandey : मलयाली अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर एक आंख मार कर देश भर के लिए क्रश बन कर मौलानाओं को खटक गई है। इसकी वीडियो अलग-अलग तरह से वायरल हो कर पहले वाट्स अप पर मिली थी। अब खबरों में मिल रही है, स्टोरी बन कर। कई हस्तियों के साथ भी इस वीडियो को जोड़ दिया गया है। 18 साल की यह लड़की इसे आई ब्रो डांस बता रही हैं। लेकिन मौलाना लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो गई हैं। हैदराबाद में एफआईआर भी दर्ज हो गई है प्रिया के ख़िलाफ़।

एक अजनबी बिल्ली से यशवंत यूं लगा बैठे दिल…. देखिए, बिल्ली- एक प्रेम कथा

Yashwant Singh : कल एक अजनबी बिलार आ गई। मच्छी-भात पका रहा था। वो भूखी होने वाली गुहार-आवाज़ लगा रही थी। उसको मच्छी के टुकड़े डालता खिलाता रहा। थोड़ी ही देर में परिचित सी हो गयी। शांत, स्निग्ध और सहज टाइप स्वभाव वाली दिखी। हम दोनों की दोस्ती हो जाने के बाद उसको ससम्मान कटोरी में खिलाया और विदा किया। लगा यूँ ही रास्ता भटक के आ गयी थी और पेट भर खा पीकर चली गयी।

इन पांच गांवों के लिए ताजमहल अभिशाप, नहीं होती हैं शादियां (देखें वीडियो)

इनके लिए ताजमहल है अभिशाप, कहते हैं इसे कुवारों का गांव… बेपनाह मोहब्बत की निशानी ताज 400 सालों से पर्यटकों को दीवाना बना रहा है। यहां आने वाले पर्यटक इसे प्यार की सबसे बड़ी सौगात मानते हैं। पर यही ताजमहल करीब दो हजार युवक-युवतियों के लिए अकेलेपन का सबब बन गया है। ताजमहल के पूर्वी गेट के पास स्थित गांव अहमद बुखारी, नगला पैमा, गढ़ी बंगस, नगला तल्फी के युवक-युवतियां को कुदरत से शिकायत है कि उन्हें ताजमहल के पास के गांव में क्यों पैदा किया। यहां कुवारों की फौज तैयार हो चुकी है। ताज इस गांव के लिए अभिशाप बन गया है।

लड़कियों ने मजनू का यूं भगाया भूत (देखें वीडियो)

ताजनगरी में सरेराह युवतियों ने एक मजनू पर से प्यार का भूत उतार दिया. जमकर की मजनू की पिटाई. लाइव पिटाई कैमरे में हुई कैद. मामला आगरा के थाना एत्मादपुर के बरहन चैराहे के पास का है. एक युवक को चार लड़किया मिल कर मार रही हैं. युवक कई दिनों से एक युवती को परेशान कर रहा था. उससे आये दिन छेड़छाड़ करता था.

महिला पत्रकार अपने इंजीनियर पति से बोली- बिना इजाजत हाथ लगाया तो जेल में सड़ा दूंगी!

बीवी पत्रकार और पति इंजीनियर। शादी के दो साल बाद इनकी कहानी अब पुलिस थाने तक पहुंच गई है। मुरादाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने दो साल पहले अपने इंजीनियर बेटे की शादी हिसार हरियाणा में रहने वाली पत्रकार लड़की से की थी। शादी के बाद से ही लड़की ने उसे पति मानने से इनकार कर दिया। जैसे-तैसे ये रिश्ता दो साल तक खिंचा। इंजीनियर का आरोप है कि जब वह उसे पत्नी की तरह मानकर पास जाता है तो वह कहती है- ”मैं पत्रकार हूं… मुझे बिना इजाजत छुआ तो पूरे खानदान को जेल में सड़ा दूंगी”। दुखी पति कहता है कि शादी को दो साल हो गए लेकिन पत्रकार पत्नी ने कभी उसे पति ही नहीं माना। पत्नी को समझाने की कोशिश करने पर वह भड़क उठती है और जेल भिजवाने की धमकी देती है।

कूड़े की तरह पड़ी मिली दो दिन की इस बच्ची के लिए है कोई इस धरती पर मददगार?

किस पत्थरदिल मां ने पैदा होते ही इस बच्ची को कूड़े की तरह छोड़ दिया!

देहरादून : लोग अपने बच्चों से इतना प्यार करते हैं कि उनके लिए जान न्योछावर कर लेते हैं. लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं कि जो नवजात के पैदा होने के बाद अगर बच्ची हो जाये तो उसे कूड़े की तरह एक किनारे पर रख लेते हैं.

मुस्लिम लड़के से प्यार में धोखा खाई तो मरने के पहले पूरे कौम को कमीना बता गई (पढ़ें पत्र)

Sanjay Tiwari : वह दलित होकर भी वेमुला नहीं थी। न ही अखलाक हो पायी थी। आनंदी होती तो टीवी रोता। सोशल मीडिया भी निंदा ही करता लेकिन उसका दुर्भाग्य यह था कि वह न रोहित थी, न टीवी की आनंदी, इसलिए बिहार के एक जिले में सिंगल कॉलम की खबर बनकर रह गयी। लेकिन पूनम भारती की मौत का एक संदेश है। उसी तरह का संदेश जैसे रोहित वेमुला की मौत में एक संदेश था। पूनम भारती एक ऐसे झूठे फरेब का शिकार हुई जिससे वह प्यार के आवेग में बच नहीं पायी।

भारतीय मोहतरमा को एक पाकिस्तानी के प्यार में पड़ने की ये सजा मिली, न्यूड तस्वीरें आनलाइन हो गईं

Yashwant Singh : एक भारतीय मोहतरमा ने एक पाकिस्तानी से चैट किया और प्यार में पड़कर अपनी कई न्यूड तस्वीरें भेज डालीं. उन परदेसी भाई साहब ने एक रोज सब कुछ आनलाइन कर दिया. साथ ही मोहतरमा के सारे एफबी मित्रों के पास उस आनलाइन फोटोज के लिंक भेज दिए. मेरे पास भी आई हैं कुछ नंगी तस्वीरें लेकिन मैंने एक आंख से देखा और दूसरी आंख से डिलीट का बटन दबा दिया. सुना है वस्त्र विहीन तस्वीरें देख कुछ करीबियों की जुगलबंदियां टूट गईं और दिल इधर उधर छटपटाते बिखरे पाए गए.

सरहद पार फेसबुक का प्यार : पाकिस्तानी प्रेमी के लिये हिन्दुस्तानी युवक ने कराया लिंग परिर्वतन

अजय कुमार, लखनऊ

प्यार अंधा होता है। उसे कुछ दिखाई-सुनाई नहीं देता है। न वह मजहब के दायरे में कैद होता है न किसी तरह की सीमाएं उसे बांध सकती हैं। न कोई प्यार पर पहरा बैठा सकता है,न ही न इसे जुल्मों-सितम से दबाया जा सकता है।  यह बात सदियों से प्रेम करने वालों के लिये कही जाती रही है। चाहें भगवान कृष्ण की दीवानी राधा हो या फिर मीरा।  लैला हो या मजनू, शीरी-फरहाद,हीर-रांझा,सलीम-अनारकली चंद ऐसे नाम हैं जिनकी बेपनाह मोहब्बत ने प्यार को नई ऊंचाइयां दी।  आजकल भी एक ‘मीरा’ का प्यार चर्चा में हैं। 

प्यार नहीं, आपकी पॉलिटिक्स कुछ और है बॉस… प्यार है तो धर्मांतरण की जरूरत क्यों?

हाल ही में आया इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला न्याय व तर्क के हर पहलू पर फिट बैठता है. कितनी बेहतरीन बात कही न्यायालय ने… अगर धर्म में आस्था ही नहीं, तो धर्म परिवर्तन क्यों? सही बात है, इसे तो धर्मगुरु भी मानेंगे कि धर्म को एक दांव की तरह तो नहीं इस्तमाल किया जा सकता न कि शादी करनी हो या तालाक लेना हो तो धर्म का दांव खेल दिया. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जिन मामलों की सुनवाई करते हुए फैसला दिया, आईये उन पर गौर करते हैं. दरअसल एक ही विषय पर पांच अलग-अलग याचिकाएं न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गईं. इन सभी में हिन्दू लड़कियों ने मुसलमान लड़कों से शादी करने के खातिर इस्लाम कुबूल किया फिर निकाह किया व न्यायालय के समक्ष अपनी शादी को वैधता देने और सुरक्षा की मांग की. सभी याचिकाकर्ताओं ने मजिस्ट्रेट के समक्ष जो बयान दिए थे उनकी विषय वस्तु कमोबेश एक ही थी.

हिंदी अखबार के उप संपादक छोकरे और अंग्रेजी अखबार की कन्या का लव जिहाद!

साल 1988 की बात है। मैं तब जनसत्ता में मुख्य उप संपादक था और उसी साल संपादक प्रभाष जोशी ने जनसत्ता के राज्यों में प्रसार को देखते हुए एक अलग डेस्क बनाई। इस डेस्क में यूपी, एमपी, बिहार और राजस्थान की खबरों का चयन और वहां जनसत्ता के मानकों के अनुरूप जिला संवाददाता रखे जाने का प्रभार मुझे सौंपा। तब तक चूंकि बिहार से झारखंड और यूपी से उत्तराखंड अलग नहीं हुआ था इसलिए यह डेस्क अपने आप में सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा जिम्मेदारी को स्वीकार करने वाली डेस्क बनी। अब इसके साथियों का चयन बड़ा मुश्किल काम था। प्रभाष जी ने कहा कि साथियों का चयन तुम्हें ही करना है और उनकी संख्या का भी।

इश्क़ जुर्म नही तो इसमें अनुचित हस्तक्षेप क्यों?

90 के दशक में जब इंजिनीयरिंग की पढ़ाई करने गया था तब भारत में इन्टरनेट नया नया आया था, उन दिनों याहू मैसेंजर सबसे हिट सोसियल चैट रूम हुआ करता था. उन दिनों इंदिरा जी के सख्त कंट्रोल से निकले और घनघोर  लाल फीताशाही भरे माहौल में जिस तरह  भारत का उद्यमी उद्यम करने की जगह लाटरी खरीद कर अपनी किस्मत बदलने की सोचता था, ठीक वैसे ही सामान्य रंग रूप के ‘नव चैटिये’ याहू मेसेंजर पर  रोमियो बनकर अपने लिए जूलियट ढूंढने की किस्मत आजमाइश करता था.

साइनाइड ढूंढते ढूंढते उनमें प्यार हो गया और मरने का कार्यक्रम कैंसिल कर आपस में विवाह कर लिया

Sanjay Sinha : मैने ये कहानी कब, कहां और कैसे पढ़ी है मुझे जरा भी याद नही। कहानी भी लगता है कुछ कुछ ही याद है। लेकिन जितनी कहानी याद है उससे मेरी आज की बात पूरी हो जाएगी। कहानी इस तरह है – एक लड़का किसी लड़की के प्रेम में धोखा खाकर ज़िंदगी से निराश हो गया। उसे लगने लगा कि अब ज़िंदगी में कुछ बचा नहीं, और मन ही मन तय कर लिया कि अब मर जाना चाहिए। उसने मरने की सबसे आसान विधा के बारे में पढ़ा और ये समझ पाया कि अगर पोटैशियम साइनाइड जैसा जहर कहीं से मिल जाए तो मौत बेहद आसान हो जाएगी। पोटैशियम साइनाइड मतलब जुबां पर रखो और सबकुछ सदा के शांत।

वो अपनी पत्नी को विधवा होते हुए देखना चाहता है!

संजय सिन्हासंजय सिन्हा

Sanjay Sinha : हमारे फेसबुक परिवार के एक सदस्य ने गज़ब की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने मेसेज बॉक्स में आकर मुझे लिखा है कि उनकी दिली तमन्ना है कि वो अपनी पत्नी को विधवा होते हुए देखें। वाह! रिश्ता हो तो ऐसा हो। यही खासियत है रिश्तों की। रिश्ता जो कभी आपको जीने के लिए प्रेरित करता है, तो कभी मर जाने के लिए उकसाता है। लेकिन इन दोनों स्थितियों से परे भी एक स्थिति होती है और उसी स्थिति की कल्पना हमारे फेसबुक परिवार के इस सदस्य ने की है। वो जीना नहीं चाहते, वो शायद मरना भी नहीं चाहते, वो चाहते हैं अपनी पत्नी को विधवा होते हुए देखना।