नियुक्ति रद्द होने के बाद भी शिक्षा मंत्री के प्रिंसिपल एडवाइजर ने केंद्रीय सत्ता की दमनकारी राजनीति के खिलाफ बड़ा कलेजा दिखाया है. शैलेंद्र शर्मा ने कहा वे नियुक्ति समाप्त होने के बाद भी आतिशी की मदद करते रहेंगे...
दिल्ली के शिक्षा मंत्री के प्रिंसिपल एडवाइजर रहे शैलेंद्र शर्मा की नियुक्ति रद्द कर दी गई है. नियुक्ति रद्द होने के बाद शर्मा ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि, “आठ साल पहले, जब मैं कार्यालय में गया था मनीष सिसोदिया के साथ आतिशी… मुझे क्या पता था जादू खुलने वाला है. अगले कुछ वर्षों में दिल्ली के सरकारी स्कूल जनता के स्कूल बन गये. हमारे शिक्षकों की नज़रों में गर्व, माता-पिता के बीच विश्वास और हमारे बच्चों के दृष्टिकोण में विश्वास ही हमने हासिल किया है.
आज, आठ साल बाद, एक “बाबू” को पता चला कि मेरी नियुक्ति से पहले “सक्षम प्राधिकारी” की मंजूरी नहीं ली गई थी, इसलिए मुझे हटा दिया गया है. इस पर मैं केवल इतना ही कह सकता हूं- ‘मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. धन्यवाद…
मुझे मनीष सिसौदिया जी के दृष्टिकोण को साकार करने में योगदान देने पर गर्व है. हमारे देश की भावी पीढ़ी को और अधिक “सक्षम” बनाने के लिए, मेरे पास जो भी “योग्यता” है, मैं आतिशी जी की सहायता करना जारी रखूंगा.”
न्यूज़24 के पत्रकार प्रभाकर कुमार मिश्रा ने लिखा, “बहुत कम लोगों को पता होगा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार के आने के बाद शिक्षा व्यवस्था में जो सुधार हुआ और जिसकी चर्चा देश- विदेश सब जगह हुई, उसके आर्किटेक्ट शैलेंद्र शर्मा ही थे. शैलेंद्र को शिक्षा मंत्री के सलाहकार के पद से हटा दिया गया है. क्योंकि दिल्ली के सरकारी स्कूलों से बाक़ी राज्यों की तुलना की जाने लगी थी. अब न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी. यही है राजनीति.”