भिंड पुलिस का शर्मनाक और बेरहम चेहरा एक बार फिर सामने आया है… गोहद थाना क्षेत्र के विजसेन के पूरा में चोर पकड़ने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया और दो इंसास रायफल लूटने के बाद फरार हो गए… इस घटना के बाद पुलिस पूरी तरह से बौखला गई…. बौखलाहट में पुलिस पूरी तरह दबंगई पर उतर आई…. पुलिस को जब आरोपी नहीं मिले तो पुलिस आरोपियों के छोटे-छोटे बच्चे और उनकी पत्नी व माँ सहित पांच लोगों को उठाकर मालनपुर थाने ले आई….
इन परिजनों को अवैध रूप से हिरासत में रखा. वह भी बिना महिला पुलिस के. मीडिया के लोग खबर के लिये मालनपुर थाने पहुंचे. बंदूक लूटे जाने के सम्बध में वरिष्ठ अधिकारीयों के बयान देने का इंतजार कर ही रहे थे तभी पुलिस ने महिलाओं को निकाल कर एक कमरे से दूसरे कमरे में ले जाने का प्रयास किया. तब कुछ मीडिया कर्मियों ने फोटो लेना चाहा. इस पर थाने में तैनात एसआई विजेंद्र सिंह भड़क गए और मीडिया के साथ बदसलूकी की. एक चैनल के पत्रकार का कैमरा तोड़ने का प्रयास भी किया और मीडिया पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे डाली. इसके साथ ही मीडिया के लोगों को थाने के बाहर कर दिया.
कुछ देर तक तो थाने में आपातकाल जैसी स्थिती हो गई. पुलिस की सारी दबंगई पत्रकारों ने कैमरे में कैद कर ली. साथ ही कैद हुआ पुलिस का बेरहम चेहरा. जब इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई तो उल्टा उन्होंने भी मीडिया को दोषी ठहराया. हालांकि पुलिस चौबीस घंटे से अधिक बीत जाने के उपरांत भी बदूंके तो बरामद नहीं कर सकी लेकिन मीडिया पर पुलिस की भड़ास जम कर निकाली. इस घटना के उपरांत राजधानी भोपाल में IFWJK पत्रकार संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के.एम. झा ने मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री बाबूलाल गौर और डीजीपी से मिलकर इस घटना के विरोध में उनको ज्ञापन सौंपा और मालनपुर थाना इंचार्ज बिजेन्द्र सिंह पर कार्यवाही की मांग की.
भिंड से प्रदीप शर्मा की रिपोर्ट.