दैनिक जागरण कानपुर के संपादक जितेंद्र शुक्ल, आउटपुट प्रभारी दिवाकर मिश्र और प्रदेशिक डेस्क सेकंड इंचार्ज यशांश त्रिपाठी को लीगल नोटिस भेजी गई। इसमें मालिक संजय गुप्त को भी पार्टी बनाया गया है। प्रादेशिक डेस्क में काम करने वाले हरेंद्र सिंह ने तीनों को आरोपी बनाया है। मानसिक प्रताड़ना जैसे कई आरोप लगाए हैं। कई और लोग मुकदमा की तैयारी कर रहे हैं। दैनिक जागरण कानपुर में वरिष्ठ लोग बौखलाहट में सीधे कर्मचारियों पर गुस्सा निकाल रहे हैं। एक को बिना कारण के whatsup group से बाहर किया गया। कर्मचारियों में त्राहिमाम की स्थिति है।
दैनिक जागरण कानपुर में प्रादेशिक डेस्क पर काम कर रहे संवाद सहयोगी हरेंद्र प्रताप सिंह ने संपादक जितेंद्र शुक्ला, उनके चहेते दिवाकर मिश्रा व प्रादेशिक प्रभारी यशांश त्रिपाठी को मानसिक प्रताड़ना का कानूनी नोटिस दिया है।
हरेंद्र प्रताप ने नोटिस में एक साल की घटनाओं का जिक्र किया है जिसमें संस्थान ने हरेंद्र का ट्रांसफर औरैया जिला प्रभारी पद पर किया था। वहां जाने पर आउटपुट हेड दिवाकर मिश्रा ने मौखिक रूप से जिला प्रभारी पद पर ज्वाइन करने से मना कर दिया।
हरेंद्र वापिस कानपुर आए। उन्होंने नोटिस में कहा है कि स्टेट हेड आशुतोष शुक्ल तक भी इस उत्पीड़न में शमिल थे क्योंकि आशुतोष शुक्ल ने ही फोन कर औरैया जाने को कहा था और फिर उसे परेशान किया गया।
आरोप है कि यशांश त्रिपाठी, दिवाकर मिश्रा और संपादक जितेंद्र शुक्ल ने उन गलतियों पर रेड स्टार दिया जो हरेंद्र ने की ही नहीं। जो डेस्क हरेंद्र ने देखी नहीं, उसकी सजा दी गई। इस बात को हरेंद्र ने डायरेक्टर संदीप गुप्ता को मेल कर अवगत कराया और जितेंद्र शुक्ल और दिवाकर मिश्र की कई करतूत भेजी।
इस बीच हरेंद्र बीमार हुए। मेडिकल उपचार के सारे कागज देने के बाद भी दिवाकर मिश्र ने काम करने को बुला लिया।
ऑफिस आने पर बुखार के कारण काम में दिक्कत होने पर हरेंद्र ने मेल कर समस्या बताई और घर चला गया।
तब से दिवाकर मिश्रा संपादक जितेंद्र शुक्ल और जीएम अवधेश शर्मा हरेंद्र को ज्वाइन न कराकर बार बार कार्यालय बुलाकर प्रताड़ित कर रहे है।
हरेंद्र ने जितेंद्र शुक्ला दिवाकर मिश्र व यशांश त्रिपाठी पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
नोटिस डायरेक्टर संदीप गुप्ता, सीईओ संजय गुप्ता व सीएमडी महेंद्र मोहन गुप्ता के पास भी गया है।
नोटिस के कुछ पेज भड़ास के पास भी आए हैं. देखें-
J P Singh
October 8, 2021 at 7:58 pm
Note kiya jaye, pratarit karne wale teeno brahmin hain, pratarit hone wala gair baniya/ brahmin. Bharat ke jansakhya mein brahmin 3% aur baniye (jisme jain aur punjabi hindu khatri bhi baniye hote hain) kewal 2% hain. Par yeh 5% walon ne baki 95% pe trahi maccha rakha hai (Lakhimpur kheri ka Mishra baap beta ko hien dekh lo, woh baat acchi hui ki pehli baar 3 brahmino ko jawabi hamle mein thok diya gaya).
Lagta hai ab samay aa raha hain inki samuhik thukai ka Hindi belt mein bhi, jis tarah Tamilon ne, Marathiyon ne, Sardaron ne aur Kashmiriyon ne poorv mein inki zabardast thukai kara thaa!