उत्तर प्रदेश विधानसभा ने मुजफ्फरनगर दंगे का स्टिंग ऑपरेशन करने के मामले में आजतक न्यूज चैनल के कुछ पत्रकारों की हाजिरी माफी की अर्जी को स्वीकार कर लिया है। अब इन पत्रकारों को 4 मार्च को फिर से सदन में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। मुजफ्फरनगर दंगे संबंधी स्टिंग ऑपरेशन करने वाले आजतक चैनल के पत्रकारों को विधानसभा में पेश होना था, लेकिन चैनल ने पेशी के लिए विधानसभा सचिवालय के पत्र को 24 फरवरी को देर शाम मिलने के आधार पर अपना पक्ष रखने के लिए पत्र लिखकर सदन से समय मांगा।
इस पर विधानसभाध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने अब चैनल वालों को 4 मार्च को दिन में 12.30 बजे उपस्थित होने का फैसला सुनाया है। विधानसभा सचिवालय के आदेश पर असेंबली में एक अस्थाई कठघरा भी बनाया गया है जिसमें खड़े होकर सभी आरोपी पत्रकार अपनी बात रखेंगे। सूबे के नगर विकास मंत्री आजम खान ने शुक्रवार को विधानसभा में इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने कहा कि अगर वे मुजफ्फरनगर दंगे में दोषी हैं तो इस्तीफा देने को तैयार हैं। सदन में अपना इस्तीफा लेकर पहुंचे आजम ने कहा, ‘सदन का एक भी सदस्य बताये अगर मैं दोषी हूं। मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं।’
जब सदन में पत्रकारों के हाजिरी माफ़ी की चिट्ठी पढ़ी जा रही थी उस दौरान बीजेपी विधायकों ने उनको समन किये जाने का विरोध किया और सदन से वाक आउट कर गए। हालांकि सदन के अन्य सदस्यों ने पत्रकारों को तलब किये जाने पर अपनी सहमती जताई। सपा विधायक सतीश कुमार निगम की अध्यक्षता में सात मेंबरों की कमिटी ने मंगलवार को विधानसभा में 350 पन्नों की जांच रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में पैनल ने कहा, ’17-18 सितंबर 2013 को न्यूज चैनल का स्टिंग ऑपरेशन फर्जी था।’