अरुण पांडेय-
“शक्तिशाली” पुतिन जिसने युद्ध में अपने देश को ही दांव पर लगा दिया… जिन्हें पुतिन की हरकत में वीरता की झलक मिलती है उनके लिए खास: कैसे शक्तिशाली पुतिन ने अपने देश के लोगों के करोड़ों डॉलर कौड़ियों के कर दिए…
)) यूक्रेन युद्ध शुरू करने के बाद 8 दिन में ही रूस की आर्थिक हालत खस्ता
)) रूस की हालत इतनी खराब है कि 4 दिन से वहां के शेयर बाजार बंद हैं और उन्हें खोलने की हिम्मत ही नहीं पड़ रही है क्योंकि शेयर बाजार खुलते ही बुरी तरह गिरेंगे
)) रूस की रेटिंग फिच और मूडी ने जंक कर दी है।
)) डॉलर और यूरो के मुकाबले रूबल करीब करीब ध्वस्त
)) रूस में डॉलर खऱीदने वालों से सेंट्रल बैंक 30% कमीशन लेगा
)) एक्सपोर्टरों से कहा गया है कि 80 परसेंट पेमेंट रूबल
)) लंदन स्टॉक एक्सचेंज में जो रूसी कंपनियां लिस्टेड हैं उनकी कीमत कौड़ियों की रह गई है।
)) रूस के सबसे बड़ा साइबर बैंक के शेयर 15 फरवरी से अब तक 99 परसेंट धूल धुसरित हो गए हैं। बुधवार को इस शेयर का दाम 14 डॉलर के आसपास था और 3 मार्च को सिर्फ 1 सेंट रह गया है। मतलब एक दिन में 85 परसेंट स्वाहा।
)) दिसंबर तक इस बैंक के पास 500 अरब डॉलर के एसेट थे और कुल शेयरों की कीमत 10, 200 करोड़ डॉलर थी जो अब सिर्फ 19 करोड़ डॉलर ही रह गई है।
)) रूस की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी रोजनेफ्ट के शेयर दो हफ्ते में 90% स्वाहा हो चुके हैं। लंदन स्टॉक एक्सचेंज में रोजनेफ्ट के शेयरों के दाम 15 दिन में 99.7% गिरे हैं।
)) रोजनेफ्ट और रूस की एक दूसरी ऑयल कम्पनी ल्यूकऑयल के कुल शेयरों की वैल्यू जिसे शेयर बाजार की भाषा में मार्केट कैप कहा जाता है सितंबर में 14000 करोड़ डॉलर थी जो कल तक घटकर सिर्फ 903 करोड़ डॉलर ही बची है।
रूस के लोगों को कैसे उनके ही शासक ने गरीब और बेचारा कर दिया है इसकी मैं और भी लंबी दास्तान बता सकता हूं। बड़ी दर्दनाक सच्चाई है कैसे शक्तिशाली दिखने के चक्कर में एक शासक ने अपने देश को ही दांव पर लगा दिया।
मॉरल ऑफ द स्टोरी उन सभी लोगों के लिए है, जो शक्तिशाली दिखने के चक्कर में युद्ध की वकालत करते हैं। मेरे हिसाब से शासक शक्तिशाली भले ना हो, देश शक्तिशाली होना चाहिए… शासक भले बहुत बुद्धिशाली ना हो पर उसके सलाहकार बुद्धिमान होना चाहिए। शासक भले हर विषय का जानकार ना हो पर उसके सलाहकार भरपूर जानकारी वाले हों और इतने साहसी हों कि अपनी बात निडरता के साथ शासक के सामने रख पाएं। पुतिन जैसा कथित शक्तिशाली और निर्णायक शासक किसी भी देश के लिए घातक होता है।
सर्व शक्तिशाली शासक की धारणा खतरनाक है और बहुत बड़ा भ्रम है। रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन का मौजूदा रवैया उन लोगों के लिए चेतावनी है जिन्हें लगता है कि शासक सर्वशक्तिमान होना चाहिए।