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वेब-सिनेमा

वेबसाइट के माध्यम से एकेडमिक मीडिया शिक्षण-प्रशिक्षण की नई पहल

आज हम सूचना युग में रह रहे हैं। इस युग की एक विशेषता यह है कि इसमें पत्रकारिता और जन-संचार का तेजी से विस्‍तार हुआ है। मीडिया ने आज एक बड़े उद्योग का रूप धारण कर लिया है। हमारे देश में समाचारपत्रों और टेलीविजन समाचार चैनलों का तेजी से विस्‍तार हो रहा है और इसी के अनुरूप मानव संसाधनों की मांग भी बढ़ती चली जा रही है। इन मानव संसाधनों की पूर्ति के लिए अनेक विश्‍वविद्यालयों और संस्‍थानों में पत्रकारिता और जन-संचार के अनेक पाठ्यक्रम चल रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों की गुणवत्‍ता पर प्रश्‍नचिन्‍ह उठते रहे हैं और यह भी माना जाता है कि समाचार मीडिया की जरूरतों और इन पाठ्यक्रमों में दिये जाने वाले शिक्षण-प्रशिक्षण के बीच एक दूरी बनी हुई है।

<p>आज हम सूचना युग में रह रहे हैं। इस युग की एक विशेषता यह है कि इसमें पत्रकारिता और जन-संचार का तेजी से विस्‍तार हुआ है। मीडिया ने आज एक बड़े उद्योग का रूप धारण कर लिया है। हमारे देश में समाचारपत्रों और टेलीविजन समाचार चैनलों का तेजी से विस्‍तार हो रहा है और इसी के अनुरूप मानव संसाधनों की मांग भी बढ़ती चली जा रही है। इन मानव संसाधनों की पूर्ति के लिए अनेक विश्‍वविद्यालयों और संस्‍थानों में पत्रकारिता और जन-संचार के अनेक पाठ्यक्रम चल रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों की गुणवत्‍ता पर प्रश्‍नचिन्‍ह उठते रहे हैं और यह भी माना जाता है कि समाचार मीडिया की जरूरतों और इन पाठ्यक्रमों में दिये जाने वाले शिक्षण-प्रशिक्षण के बीच एक दूरी बनी हुई है।</p>

आज हम सूचना युग में रह रहे हैं। इस युग की एक विशेषता यह है कि इसमें पत्रकारिता और जन-संचार का तेजी से विस्‍तार हुआ है। मीडिया ने आज एक बड़े उद्योग का रूप धारण कर लिया है। हमारे देश में समाचारपत्रों और टेलीविजन समाचार चैनलों का तेजी से विस्‍तार हो रहा है और इसी के अनुरूप मानव संसाधनों की मांग भी बढ़ती चली जा रही है। इन मानव संसाधनों की पूर्ति के लिए अनेक विश्‍वविद्यालयों और संस्‍थानों में पत्रकारिता और जन-संचार के अनेक पाठ्यक्रम चल रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों की गुणवत्‍ता पर प्रश्‍नचिन्‍ह उठते रहे हैं और यह भी माना जाता है कि समाचार मीडिया की जरूरतों और इन पाठ्यक्रमों में दिये जाने वाले शिक्षण-प्रशिक्षण के बीच एक दूरी बनी हुई है।

पत्रकारिता और जन-संचार के शिक्षण-प्रशिक्षण में एक बहुत बड़ा शून्‍य गुणवत्‍तापरक पाठ्य-सामग्री का अभाव है। देश भर में हजारों-हजार छात्र-छात्राएं पत्रकारिता और जन-संचार के क्षेत्र में कैरियर बनाने के आकांक्षी हैं और विभिन्‍न शिक्षण संस्‍थाओं में शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्‍त कर हैं, लेकिन उन्‍हें उनके पाठ्यक्रम और समाचार उद्योग की जरूरतों के अनुरूप पाठ्य-सामग्री उपलब्‍ध नहीं हो पाती।

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इस पृष्‍ठभूमि में मीडिया शिक्षण-प्रशिक्षण से जुड़े एकेडमिशियनों, प्रोफेसनलों और पत्रकारों की एक टीम ने इस वेबसाइट को शुरू करने की पहल की है। हमारा प्रयास रहेगा कि देश के अनुभवी और जानकार एकेडमिशियनों, प्रोफेसनलों और पत्रकारों के सहयोग से उत्‍कृष्‍ट किस्‍म की पाठ्य-सामग्री उन तमाम छात्रों को उपलब्‍ध कराई जाए जो अनेक संस्‍थानों में शिक्षण-प्रशिक्षण  प्राप्‍त कर रहे हैं और पाठ्य-सामग्री के अभाव से जूझते रहते हैं।

हिन्‍दी माध्‍यम से पढ़ाई कर रहे छात्रों को पाठ्य-सामग्री की अनुपलब्‍धता की समस्‍या से अधिक जूझना पड़ता है इ‍सलिए अभी हम इस वेबसाइट को हिन्‍दी माध्‍यम से पढ़ाई करे रहे छात्रों पर फोकस कर रहे हैं, लेकिन साथ ही कुछ सामग्री अंग्रेजी में भी उपलब्‍ध करायी जायेगी। यहां इस बात का उल्‍लेख करना भी आवश्‍यक है कि एक हिन्‍दी पत्रकार बनने के लिए भी अंग्रेजी का कामकाजी ज्ञान होना चाहिए।

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हमें उम्‍मीद है कि पत्रकारिता और जनसंचार शिक्षा में पाठ्य-सामग्री के अभाव को दूर करने में यह वेबसाइट एक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। हमें आशा है कि छात्र समुदाय इस वेबसाइट से लाभान्वित होगा।

कृपया यह वेबसाइट विजिट करें और अपना फीडबैक दें और शेयर भी करें। अगर आप मीडिया से जुड़े हैं और वेबसाइट के लिए लिखना चाहते हैं तो आपका स्वागत  है। वेबसाइट का लिंक है : http://www.newswriters.in–

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सुभाष धूलिया से संपर्क : [email protected]

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0 Comments

  1. श्याम कुमार

    May 24, 2015 at 8:47 am

    अच्छा है सर! website का लिंक बना देना चाहिए था।

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