Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

जेल में बंद आईएएस अफसर ने कोर्ट से कहा- मुझे जमानत नहीं चाहिए, मैं यहीं ठीक हूं

भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के सचिव रहे आईएएस अफसर एच.सी. गुप्ता ने अदालत में जो बात कही है, वह गजब की है। मेरी याददाश्त में ऐसी साहसिक बात आज तक किसी नौकरशाह ने नहीं कही है। गुप्ता के पहले भी कई नौकरशाह भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं, उनकी जमानतें हुई हैं, उन्हें सजा भी हुई है लेकिन किसी ने अदालत को यह नहीं कहा है कि मुझे जमानत नहीं चाहिए। मैं जमानत लेकर मुकदमा नहीं लड़ना चाहता, क्योंकि मेरे पास वकीलों को देने के लिए भारी फीस नहीं है। बरसों तक मुकदमा लड़ने की बजाय बेहतर होगा कि मैं जेल में रहूं।

<p>भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के सचिव रहे आईएएस अफसर एच.सी. गुप्ता ने अदालत में जो बात कही है, वह गजब की है। मेरी याददाश्त में ऐसी साहसिक बात आज तक किसी नौकरशाह ने नहीं कही है। गुप्ता के पहले भी कई नौकरशाह भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं, उनकी जमानतें हुई हैं, उन्हें सजा भी हुई है लेकिन किसी ने अदालत को यह नहीं कहा है कि मुझे जमानत नहीं चाहिए। मैं जमानत लेकर मुकदमा नहीं लड़ना चाहता, क्योंकि मेरे पास वकीलों को देने के लिए भारी फीस नहीं है। बरसों तक मुकदमा लड़ने की बजाय बेहतर होगा कि मैं जेल में रहूं।</p>

भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के सचिव रहे आईएएस अफसर एच.सी. गुप्ता ने अदालत में जो बात कही है, वह गजब की है। मेरी याददाश्त में ऐसी साहसिक बात आज तक किसी नौकरशाह ने नहीं कही है। गुप्ता के पहले भी कई नौकरशाह भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं, उनकी जमानतें हुई हैं, उन्हें सजा भी हुई है लेकिन किसी ने अदालत को यह नहीं कहा है कि मुझे जमानत नहीं चाहिए। मैं जमानत लेकर मुकदमा नहीं लड़ना चाहता, क्योंकि मेरे पास वकीलों को देने के लिए भारी फीस नहीं है। बरसों तक मुकदमा लड़ने की बजाय बेहतर होगा कि मैं जेल में रहूं।

उन्होंने यह भी कहा कि मैं अपने जीवन में पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा से काम करता रहा हूं। मेरा अंतःकरण पवित्र है। कोयले की खदानें बांटते समय चयन समिति के अध्यक्ष के नाते मैंने पूरी ईमानदारी से काम किया है। फिर भी अदालत मुझे सजा देना चाहती है तो दे। मैंने जब यह खबर पढ़ी तो मैं दंग रह गया। मनमोहनसिंह सरकार के जमाने में अरबों रु. के कोयला घोटाले में किस-किसके नाम उजागर नहीं हुए हैं लेकिन गुप्ता की हिम्मत को दाद देने का मेरा मन हुआ। फिर मैंने सोचा कि यह कल्पना करना भी जरा मुश्किल होता है कि कोई मछली पानी में रहे और उसके मुंह में पानी न जाए? गुप्ता ने अदालत से जो कहा, वह बयान इतना तीखा और मार्मिक है कि उसे गुप्ता ने एक पैंतरे की तरह उछाला हो सकता है। इस पैंतरे से कहीं अदालत चित न हो जाए! लेकिन आज यह खबर पढ़कर दिल खुश हुआ कि हमारे आईएएस के कई अधिकारी गुप्ता के समर्थन में एक सामूहिक याचिका अदालत में लगाना चाहते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इससे भी बेहतर यह खबर है कि भाजपा के एक अधिकारी नेता ने गुप्ता से संपर्क किया है। भाजपा ने ही तीन साल पहले यह मुकदमा डाला था। अब भाजपा गुप्ता की मदद हर प्रकार से करने को तैयार है। यदि यह सच है तो इससे गुप्ताजी को ही नहीं, हर उस अफसर को बल मिलेगा, जो ईमानदार है और जिसके लिए देश के हित से बड़ा कोई हित नहीं है। इस कदम से भाजपा की छवि भी चमकेगी। लोग भी मानेंगे कि भाजपा में बड़ी परिपक्वता है। वह बदले की भावना में बहकर अंधी नहीं हो जाती है। आज मैंने जब इंटरनेट पर अदालत को भेजा हुआ एचसी गुप्ता का मूल पत्र पढ़ा तो मुझे यूनान के महात्मा सुकरात की याद आई, जिन्होंने अपनी अदालत से कहा था कि मैं मरने से नहीं डरता हूं। आप जहर देकर मुझे मारना चाहें, मार दें लेकिन मैं जानता हूं कि मैं निर्दोष हूं। हो सकता है कि एचसी गुप्ता कानून की पकड़ में आ जाएं और सजा भी पा जाएं लेकिन उन्होंने जो तेवर दिखाया है, वह सुकरात के तेवर-जैसा है।

लेखक डा. वेद प्रताप वैदिक वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement