आलोक मेहता के ऐसे दिन आ गए हैं कि इन्हें इंडिया न्यूज़ चैनल में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अपने कर्मचारियों को सेलरी न देने के लिए कुख्यात इंडिया न्यूज़ चैनल में आलोक मेहता का जुड़ना बताता है कि इनके दिन बुरे चल रहे हैं, इनकी दाल अब कहीं गल नहीं रही है।
इंडिया न्यूज़ के संपादक राणा यशवंत ने एक फ़ेसबुक पोस्ट लिखकर इस घटनाक्रम की जानकारी दी है। पोस्ट पूरी तरह चाशनी में डूबी हुई है। पत्रकारिता को सत्ताकारिता में तब्दील कर देने वाले आलोक मेहताओं की प्रशंसा के लिए देखिए कैसे कैसे शब्द विशेषण खोज लाए हैं राणा यशवंत-
“आलोक मेहता, पत्रकारिता में कई मायनों में विशेष जगह रखते हैं। अनुभव और योगदान ही नहीं सादगी, सहजता और ईमानदारी के कारण भी वे भीड़ में बहुत अलग से नजर आते हैं। संक्रमण के इस दौर में जब सूचनाओं का हर घंटे अंबार खड़ा हो जाता है, खबर दबी रह जाती है। जैसे एक तेज रेला चलता है, उसकी अपनी कोई गति या दिशा नहीं होती, बल्कि बहाव का दबाव उसको धक्का मारे रहता है- चौबीस घंटे की खबरों की दुनिया में कुछ वैसा ही है। ऐसे में बहाव तो तेज रहता है लेकिन बहने का मर्म खत्म हो जाता है। आलोक मेहता जैसे लोगों ने सूचनाओं के अंबार से खबर निकालने और धक्के के जोर पर बहते रेले को साधने का वह महत्वपूर्ण काम किया है, जिसने पत्रकारिता के मूल्यों के बचाए रखा है। उनकी तरह के कुछ पत्रकारों ने सधी और सरोकार वाली पत्रकारिता की है। खुद को समझ, साख और को सम्मान का पर्याय बनाया है। आलोक जी से काफी समय से मेरा निवेदन था कि आप इंडिया न्यूज से जुड़ें और आपके अनुभव का फायदा संस्थान को मिले। आखिरकार, उन्होंने बात मान ली। ‘इंडिया न्यूज’ और संस्थान के अखबार ‘आज समाज’ के साथ एडिटोरियल डायरेक्टर के तौर पर जुड़ गए। उनका अनुभव और समाज को लेकर प्रतिबद्दता अब ‘इंडिया न्यूज’ के ज़रिए देश के काम आएंगे। आनेवाले कुछ दिनों में ‘इंडिया न्यूज’ एक नए अवतार में दिखेगा। मौजूदा वक्त में जीवन और दुनिया के कई हिस्सों में तेजी से हो रहे बदलावों के लिहाज से खबरों का दायरा बहुत बढा है। नया अवतार उस नज़रिए से काफी महत्वपूर्ण होगा।”
अब देखिए आलोक मेहता की टिप्पणी, राणा यशवंत की पोस्ट पर, ‘तू मुझे पंत कह मैं तुझे निराला’ टाइप-