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अमर उजाला की देहरादून यूनिट से संबद्ध हरिद्वार ब्यूरो कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. यहां के ब्यूरो प्रभारी राकेश शर्मा एक स्टिंग में खनन माफिया से रिश्वत लेते कैद हुए हैं. इसके साथ ही उनके एक रिपोर्टर जोगेंद्र मावी भी रिश्वतखोरी में फंसे हैं.
इस वीडियो में राकेश शर्मा एक खनन माफिया के साथ एक रेस्टोरेंट में बैठे हैं. खनन माफिया उनके किसी परिचित का हवाला देते हुए मिलता है. सौदा तय होता है.
अवैध खनन को लेकर कोई खबर नहीं छपेगी. यदि ग्रामीण संवाददाता खबर भेज भी देता है, तो राकेश शर्मा ठेका लेते हैं कि वह देख लेंगे. तय होता है कि चार और खनन माफिया हैं. उनसे एक लाख रुपये का बंदोबस्त हर महीने कराया जाएगा.
राकेश शर्मा यहां तक दावा करते हैं कि अगर प्रशासन या अन्य किसी तरह की कोई लकड़ी होगी तो वह पूर्व सूचना देंगे. इस वीडियो में राकेश शर्मा अपनी करियर यात्रा का बखान करते हैं. दस हजार रुपये लेकर जेब में रख लेते हैं. ये बताना नहीं भूलते कि वह गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, रुड़की और देहरादून में भी रहे हैं.
ज्ञात हो कि जब से संजय अभिज्ञान संपादक बने हैं, उजाला की देहरादून यूनिट लगातार सुर्खियों में है. ऋषिकेश के ब्यूरो चीफ रहे महेंद्र सिंह की रंगदारी के आरोप में गिरफ्तारी होने पर उत्तराखंड के इस नंबर वन अखबार ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. अखबार की जमकर किरकिरी भी हुई थी.
इस प्रकरण के बाद देहरादून के पटेलनगर में अमर उजाला देहरादून के सिटी ब्यूरो चीफ आफताब अजमत एक गुंडे की तरह सरे राह लड़ते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे. उसकी गुंडई कई समाचार चैनलों की सुर्खियां भी बनी थी.
अब राकेश शर्मा और उनके एक अन्य रिपोर्टर जोगेंद्र मावी का वीडियो सामने आया है. इससे ये संदेह पुख्ता होता है कि हर किस्म की अराजकता और भ्रष्टाचार को अमर उजाला देहरादून यूनिट में कोई ऊंची शह हासिल है.