भड़ास की आफिसियल मेल की सफाई के दौरान आज कई पुराने मेल डिलीट किए जा रहे हैं. इसी क्रम में एक ये मेल मिला जिसके सेंडर ने अपना नाम पहचान गोपनीय रखने का अनुरोध किया हुआ है. इसलिए इस रोचक कंटेंट को बिना प्रेषक के नाम पते के खुलासे के प्रकाशित किया जा रहा है.
Dec 27, 2012, 11:00 AM
यशवंत भाई
आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी पहचान गुप्त रखें।
गलती एएनआई की और सजा दूरदर्शन कर्मी को
गैंगरेप के बाद दिल्ली और पूरे देश में आठ दिनो तक जारी हंगामे के बाद जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चुप्पी तोड़ी तो उस पर और ज्यादा बवाल मच गया। प्रधानमंत्री ने अपने रिकार्डेंड स्पीच में गैगरेप की पीड़िता के प्रति सहानुभूति जताते हुए लोगों के गुस्से को जायज ठहराया। लेकिन उसी स्पीच के रिकार्डेड आखिरी दो शब्द ‘‘ठीक है’’टेलीकास्ट होने के बाद प्रधानमंत्री का भाषण ही उनके लिए गले की हड्डी बन गया है।
सोशल मीडिया, फेसबुक से लेकर ट्विटर पर और समाचार पत्रों में मनमोहन सिंह की तीखी आलोचना हुयी है। इसके बाद बलि का बकरा दूरदर्शन के पांच कर्मियों को बनाया गया है । लेकिन सवाल यह है कि गलती एएनआई की और सजा दूरदर्शन कर्मी को क्यों? प्रधानमंत्री ने अपना भाषण एएनआई को रिकार्ड कराया और उसी में आखिरी शब्द ‘‘ठीक है’’ भी रिकार्ड हो गया।
एएनआई ने ‘‘ठीक है’’ शब्द को बिना एडीट किये ही प्लेआउट कर दिया जो एक ही साथ देश के तकरीबन 41 चैनलों पर चला। इसके बाद प्रधानमंत्री का भाषण मजाक का पात्र बन गया है। लेकिन एएनआई के गलती की गाज पीएमओ ने दूरदर्शन के पांच कर्मियों पर गिरा दी। गलती के तत्काल बाद एएनआई ने अपनी तरफ से सफाई भी जारी की। लेकिन एएनआई की सफाई से पीएमओ का गुस्सा कम नहीं हुआ है।
एएनआई को दूरदर्शन की तरह ही दूसरा सरकारी डिपार्टमेंट माना जाता है। दूरदर्शन पर चलने वाले कई प्रोग्राम एएनआई में बनते हैं। इस हालत में एएनआई की गलती को प्रधानमंत्री कार्यालय पचा नहीं पा रहा है। वहीं एएनआई में इस गलती को लेकर अच्छी खासी गहमागहमी है। मीडियाकर्मियो के गॉसिप पर भरोसा करें तो ‘‘ठीक है’’ के टेलिकास्ट के सूत्रधार एएनआई के कुछ वरिष्ठ लोगों को माना जा रहा है जो प्रबंधन और नेतृत्व से जुड़े हुए हैं।