संजय कुमार सिंह-
लाइव लॉ इंडिया (@LiveLawIndia) ने एक खबर दी (ट्वीट किया) – सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया है कि उस व्यक्ति की शिकायत पर पुनर्विचार किया जाए जिसे एएनआई मीडिया द्वारा टैक्स चोरी की सूचना देने के लिए पर्याप्त ईनाम नहीं दिया गया है।
इसमें खबर तो यही है कि वित्त मंत्रालय अब चोरी की सूचना देने वालों को ईनाम भी नहीं दे रहा है। चोरी करने वाला एएनआई मीडिया है तो जाहिर है चोरी पकड़ी ही नहीं गई होगी और जब कुछ मिला नहीं तो ईनाम कैसा? इसलिए ईनाम नहीं देने का मतलब मोदी राज में और एएनआई के मामले में सामान्य समय से अलग है। यहां जांच करके खबर यह बनती कि शिकायत पर कार्रवाई हुई कि नहीं। अब यह काम एएनआई खुद तो करेगा नहीं, हम जैसे लोगों को करना था पर मुझे यह खबर दिखी ही नहीं।
तो मितरों, हुआ यह कि ब्लूटिक वाले ईशान प्रकाश (@ishaan_ANI) ने ट्वीट किया, “यह हमारा लोगो नहीं है। हमारी कंपनी का नाम एएनआई मीडिया प्राइवेट लिमिटेड है। हम जीएसटी से कवर्ड हैं और पूरी तरह अप टू डेट। यह पूरी तरह गलत और अपमानजनक है तथा हमारी लीगल टीम इस मामले को देखेगी”।
कहने की जरूरत नहीं है कि पहले के ट्वीट में ऐसा कुछ कहा ही नहीं गया। संभव है मामले में कार्रवाई हो चुकी हो या शिकायत (सूचना) गलत पाई गई हो इसलिए ईनाम नहीं दिया गया हो। सुप्रीम कोर्ट का आदेश तो ना गलत हो सकता था ना अपमानजनक। वह एएनआई के मामले में था ही नहीं। वह तो वित्त मंत्रालय और शिकायतकर्ता के बीच का मामला था। इसमें खबर अगर हो सकती थी तो वही जो मैंने पहले कहा।
फिर भी, कंपनी से जुड़े होने के कारण बदनाम करने वाली खबर बुरी लगी तो सामान्य सा काम था कि पहले सलाह कर लेते। कम से कम लोगो गलत होने की शिकायत तो नहीं करते। इसमें होना तो यही था कि लोगो सही करके खबर और जोर से पेश की जाती। लाइव लॉ ने वही किया और ईशान प्रकाश ट्वीट डिलीट कर भाग निकले। मुझे यह सब रोशन राय (@RoshanKrRaii) के ट्वीट से पता चला। उन्होंने इसे एपिक बेइज्जती कहा है।
हालांकि बेईज्जती तो तब होगी जब इस मामले में कार्रवाई और वसूली होगी। पर उसकी उम्मीद बहुत कम है। गनीमत यह है कि एएनआई पर टैक्स चोरी की शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई जैसी खबर नहीं की गई। जो भी हो, ईशान प्रकाश का व्यवहार बिल्कुल बचकाना रहा।
बाद में, 29 जुलाई 2023 को रात 10:37 पर एएनआई मीडिया प्राइवेट लिमिटेट ने बयान ट्वीट किया कि यह 2010 का मामला है और निपट चुका है। यानी मामला सही है और खबर भी सही थी। एएनआई ने इसमें अपनी बात कही है और अब वह भी ठीक है।
लेकिन ईशान बबुआ ने बिलावजह पंगा कर दिया और इसपर चुप रहते तो हम जैसे लोगों में कोई ना कोई फंस चुका होता। इसके लिए शुक्रिया बाबू। वैसे तो यह बड़ा ब्लंडर है और कोई कर्मचारी होता तो नौकरी जाती पर …. रक्षा में हत्या हो जाती है।
लाइव लॉ की खबर-