बहुत जल्दी अमीर होने की चाहत रखने वाले लोग जब पत्रकारिता में आते हैं तो कुकर्म करने का कोई कोना नहीं छोड़ते. कोट टाई लगाए ये लोग पत्रकारिता कम, पैसाकारिता के चक्कर में भरपूर लगे रहते हैं. कभी कभी उनका बुना बनाया जाल ऐसा उलट जाता है कि वे खुद ही फंस जाते हैं और जीवन भर की अपनी इज्जत व दशकों की मेहनत से अर्जित खुद के करियर को नेस्तनाबूत कर लेते हैं.
अनिल राय के साथ यही हुआ है.
न्यूज वर्ल्ड इंडिया नामक चैनल के मैनेजिंग एडिटर रहे अनिल राय को कल रात यूपी पुलिस की एसटीएफ की एक टीम उठा ले गई. अनिल राय इन दिनों अंबानी की मीडिया कंपनी न्यूज18इंडिया के डिजिटल विंग के हेड हैं. जब उन्होंने अंबानी के चैनल में ज्वाइन किया था तो उनकी खबर भड़ास पर छपी थी जिसमें बताया गया था कि अनिल राय को नेटवर्क18 समूह में एडिटर स्पेशल प्रोजेक्ट्स के पद पर लाया गया है.
बताया जाता है कि इनकी अंबानी के चैनल में नियुक्ति पीएमओ में कार्यरत रहे एक आईएएस अफसर की सिफारिश पर हुई थी. ये आईएएस अफसर अब पीएमओ से हटाया जा चुका है. सूत्रों के मुताबिक अनिल राय ने इस आईएएस अफसर के नाम का अच्छा खासा सदुपयोग-दुरुपयोग किया.
चर्चा है कि अनिल राय ने कुछ समय पहले एक करोड़ रुपए का एक मकान खरीदा. अनिल की लाइफस्टाइल काफी लग्जरी वाली है. जाहिर है, खर्च के लिए इतने सारे पैसे उन्हें अपनी सेलरी से पूरे नहीं पड़ते होंगे. सो, उन्होंने दलाली, ट्रांसफर-पोस्टिंग, ठेका-पट्टा दिलाने आदि के धंधे में संलग्न रैकेट का हिस्सा होना कुबूल कर लिया होगा. इसके बाद उनके पांव दलदल में धंसते फंसते चले गए. इसकी परिणति ठगी-चारसौबीसी के एक बड़े मामले में पुलिस द्वारा उठाए जाने के रूप में हुई. अनिल राय अब लंबा जेल काटेंगे. जो कुछ दलाली-बट्टा से हासिल किया था, उसका बड़ा हिस्सा अब गंवाएंगे. इज्जत और करियर गया सो अलग.
देवरिया के मूल निवासी अनिल राय न्यूज वल्ड इंडिया से पहले सहारा मीडिया में कई साल तक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं.. सहारा प्रबंधन ने उन्हें सहारा यूपी उत्तराखण्ड चैनल का प्रमुख भी बनाया था. अनिल राय ने न्यूज़ वर्ल्ड इंडिया में एग्जीक्यूटिव एडिटर के रूप में ज्वाइन किया था. बाद में वे मैनेजिंग एडिटर बने.
जिस कांड में अनिल राय फंसे हैं, उसी कांड में कई अन्य पत्रकार भी फंसे हैं. इनमें से दो अन्य पत्रकार हैं- संतोष मिश्र और एके राजीव.
पूरा प्रकरण क्या है, अब इस पर चर्चा हो जाए.
पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजों ने इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ ठगे….
मामला 9 करोड़ के फ्रॉड का है. पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर “गैम्बलरों” ने इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ ठग लिए. पीड़ित की तहरीर पर संगीन धाराओं में मुकदमा लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज हुआ. इस मामले में मंत्रियों के निजी सचिव और अधिकारियों की बड़ी भूमिका भी सामने आई है. इसमें एक जालसाज आशीष राय ने इंदौर के व्यापारी से खुद को विभाग का निदेशक एसके मित्तल बताते हुए मुलाकात की थी. इस मामले में पत्रकार संतोष मिश्र, एके राजीव, अनिल राय व अन्य ने रची थी साजिश..
2018 से चल रहा था खेल. व्यापारी ने सारे रास्ते बंद होने के बाद पुलिस को दी जानकारी. कुल 11 लोगों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में FIR. फर्जीवाड़े का मुंबई कनेक्शन भी है. आजमगढ़ का कुख्यात बदमाश भी इस खेल में है शामिल.
पढ़ें आज के अखबार में छपी खबर-
भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की रिपोर्ट.