Surya Pratap Singh : सुनो सर जी, ऐसा क्यों हो रहा है? बीबीसी के अनुसार- बलात्कार के आरोप में अमिताभ ठाकुर की शीघ्र गिरफ़्तारी संभव… क्या उ.प्र. में ‘आंख के बदले आंख’ यानि ‘प्रतिशोध का कानून’ (The Law of Retaliation)” लागू !!! अब उ.प्र. होगा ‘आँख रहित व दांत रहित’ प्रदेश!!! इस uncivilized सिधान्त को लातिनी भाषा में Lex Talionis कहते है, यानि ‘मौत के बदले मौत व आँख के बदले आँख ‘ की सजा| यह ‘प्रतिशोधात्मक दण्ड प्रणाली’ , प्राचीन समय में अल्प विकसित सभ्यताओं के युग की पहचान थी|
प्राचीन सभ्यताओं का यह कानून ‘बेबीलोन कानून’ (Babylonian Law) के रूप में भी बाद में प्रचलित हुआ , जिसमे यदि गलती से भी या दुर्घटनावश किसी का हाथ या पैर छतिग्रस्त हो जाये तो ‘पीड़ित-व्यक्ति’ को यह हक ही नहीं, बल्कि यह करना ही पड़ता था कि उसे न चाहते हुए भी ‘दोषी-व्यक्ति’ का हाथ या पैर काटना ही पड़ता था… कोई चॉइस नहीं थी| महिलाओं के लिए तो बहुत कड़े गुलामियत भरे कानून थे| भारत में भी ‘सामंती’ युग में ऐसी व्यवस्था व दृष्टांत सुनने को मिलते थे|
इस्लामी शरीयत कानून के “नाम” पर आज भी कुछ देशों में कुछ ‘तत्वों’ द्वारा “एक आंख के लिए आंख” का दंड दिया गया,के उधारण मिल जातें है , जो यदपि बहुत कम, इक्का-दुक्का ही हैं| रंगभेद के विरुद्ध संघर्ष करने वाले मार्टिन लूथर किंग (Martin Luther King, Jr.) ने कहा था “आंख के लिए आँख” का बर्बर कानून हर किसी को अंधा छोड़ देता है, जो नितांत अमानवीय था। यह कानून सारी दुनिया को अँधा बनाने में सक्षम था| यह ‘अंधा’ कानून नहीं बल्कि ‘ मनोरोगियों या कर्म व बुद्धि से अन्धो का अँधा कानून’ था|
जैसे-जैसे सभ्यताओं का विकास होता गया, इस बर्बर कानून का त्याग होता रगया…क्यों कि ‘आंख के बदले आंख ‘ यानि इस प्रतिशोध के कानून ने सामाजिक ताने-बाने को धीरे धीरे छिन्न-भिन्न कर दिया| आज के युग में “Rule of Law” या ‘Natural Justice’ का सिधान्त स्थापित किया गया और लिखित नैसर्गिक न्यायसंगत कानून बनाये गए| परन्तु यह क्या?…… उत्तर प्रदेश में ….यंहा क्या ….आंख के बदले आंख….दांत के बदले दांत….प्रतिशोध का कानून… फिर लागू हुआ है ……जिसमे नैसर्गिक न्याय का कोई स्थान नहीं….
….मेरा एक मित्र कह रहा था …लगता है कि उ.प्र. में एक बार फिर से “An Eye for an Eye, A tooth for a tooth” यानि “आंख के लिए आंख, दांत के लिए दांत” का सामंती कानून लागू करने का प्रयास हो रहा है. ….. जो सारे प्रदेश को अँधा ….व दांत रहित ….न बना दे ……ऐसी आशंका हो रही है…. बीबीसी के अनुसार- अमिताभ ठाकुर की शीघ्र गिरफ़्तारी संभव है …..लखनऊ पुलिस अधीक्षक ने बीबीसी को बताया, “महिला के कलमबंद बयान दर्ज किए जाएंगे और मेडिकल कराया जाएगा.” उन्होंने कहा, “आरोपों की सत्यता की जाँच के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ़्तार भी किया जा सकता है.”
आवाहन! आवाहन!…… आओ कुछ विचारें ……कुछ करें…. कुछ सुधारें….. कुछ सुधरें .. प्रथम दिवस ..काफी कुछ मीडिया …. और राजनैतिक संगठन …लगभग मौन…..बड़ी बड़ी बातें..खाली पीली….व्यक्तिगत-सम्बंधनों व प्रलोभनों आदि .. के बोझ तले…दवा-पिसा सा लग रहा है ….सब कुछ …..हां सब कुछ.
यूपी कैडर के सीनियर आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के फेसबुक वॉल से.
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