पंकज चतुर्वेदी-
रेप केस में पत्रकार तरुण तेजपाल को बड़ी राहत मिली है. 8 साल बाद गोवा की सेशन कोर्ट ने तरुण तेजपाल को बरी कर दिया है. गोवा सरकार का कहना है कि हम फैसले को चुनौती देंगे. तहलका मैगजीन के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल पर 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था.
आखिरकार जिल्लत के आठ साल और कई साल जेल में बिताने के बाद तहलका के संपादक बाइज्जत बरी हो गए।
अब इज्जत ही बची। वैसे बहुत कुछ खोया तरुण तेजपाल ने।
सभी जानते थे कि बंगारू लक्ष्मण को कैमरे पर रिश्वत लेते दिखाना तरुण तेजपाल को भारी पड़ा। उस मामले में कितना लेनदेन हुआ था, कौन मध्यस्थ था- दिल्ली में कई जानते हैं।
उसके बाद ही भारतीय प्रेस ने खुद को सरेंडर कर दिया था।
माल भी मिलने लगा।
जनता चाहती तो है कि पत्रकार निष्पक्ष हो, तवरित हो, हिम्मती हो — लेकिन जब वह फंसे तो उसकी खैर खबर भी मत लो।
तहलका पत्रिका के पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल को यौन शोषण मामले में बरी कर दिया गया है. तरुण तेजपाल पर पिछले 8 साल से मामला चल रहा है. उनपर अपनी सहकर्मी के साथ लिफ्ट में यौन शोषण का आरोप लगा था.
तरुण तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं. पत्रकार तरुण तेजपाल पर आईपीसी की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोगकरना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला.
बता दें कि एक महिला ने तरुण तेजपाल पर नवंबर 2013 को गोवा के एक फाइव स्टार होटल में लिफ्ट के अंदर रेप करने का आरोप लगाया था. इसके बाद 30 नवंबर 2013 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. वहीं मामले की कार्रवाई करते हुए गोवा पुलिस ने फरवरी 2014 में उनके उनके खिलाफ 2846 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी.