बीबीसी-4 ने दिल्ली गैंगरेप के दोषी मुकेश सिंह के इंटरव्यू वाली लेज़्ली उडविन की डॉक्यूमेंट्री लंदन में 4 मार्च को प्रसारित कर दी। बीबीसी का कहना है, “डॉक्यूमेंट्री हमारे एडिटोरियल गाइडलाइन के अनुरूप है और इस संवेदनशील मुद्दे को पूरी जिम्मेदारी के साथ पेश करती है। इसलिए ‘बीबीसी-4 ने इसका प्रसारण ब्रिटेन में किया है।”
बीबीसी का कहना है कि, “लोगों की रुचि को देखते हुए इस सशक्त फ़िल्म का निर्धारित समय से पहले ही प्रसारण किया गया है।” इससे पहले भारत सरकार ने बीबीसी के मैनेजिंग डॉयरेक्टर के नाम एक पत्र लिखकर डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण रोकने का अनुरोध किया था। बीबीसी ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है, “यह डॉक्यूमेंट्री पीड़िता के परिवार के लोगों के पूरे सहयोग और समर्थन से बनाई गई थी, यह जघन्य अपराध को ठीक से समझने में मदद करती है, इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और देश के कई हिस्सों में इसके विरोध में प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों का यही कहना था कि भारत में महिलाओं के प्रति रवैए में बदलाव की ज़रूरत है।”
उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस संबंध में कोर्ट के फ़ैसले का हवाला भी दिया है, जिसमें फ़िल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की बात कही गई है। भारत में इस डॉक्यूमेंट्री या उसके अंश प्रसारित करने पर रोक लगा दी गई है। बीबीसी ने भारत में अब तक इस डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किसी भी रूप में नहीं किया है। दुनिया के कई देशों के सरकारी टीवी चैनलों पर यह फ़िल्म दिखाई जाने वाली है लेकिन बीबीसी सिर्फ़ ब्रिटेन में इसके प्रसारण के लिए ज़िम्मेदार है।
इस डॉक्यूमेंट्री के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में घोषणा की है कि किन परिस्थितियों में जेल में फ़िल्मिंग करने की अनुमति दी गई थी, इसकी जाँच की जाएगी। राजनाथ सिंह का कहना है कि गृह मंत्रालय की अनुमति ली गई थी, लेकिन उस अनुमति के लिए जिन शर्तों का पालन किया जाना था, वह नहीं किया गया। यह डॉक्यूमेंट्री बीबीसी ने नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र निर्माता-निर्देशक ने बनाई है, जिसे बीबीसी के अलावा और भी कई चैनलों पर दिखाया जाना है, जिनमें भारत का एनडीटीवी भी शामिल है।
इंसान
March 6, 2015 at 1:52 pm
भारतीय मीडिया प्रसंग के आधार पर इस समाचार का शीर्षक कुछ ऐसा होना चाहिए था: स्वतंत्र निर्माता-निर्देशक द्वारा वृतचित्र की शर्तों का पालन नहीं किया गया–केन्द्रीय मंत्री| प्रस्तुत शीर्षक केवल बीबीसी के वक्तव्य को दुहराता है|
अभिषेक
March 8, 2015 at 7:56 am
इस डॉक्यूमेंट्री को को-प्रोड्यूसर दिबांग से बलात्कारी के प्रति सहानुभूति की अपेक्षा तो रखनी ही चाहिये.. आखिर उसका भी ट्रैक रिकॉर्ड तो वैसा ही रहा है.. अपनी जूनियर सहकर्मियों से छेड़-छाड़ के दर्जनों आरोप लग चुके हैं दिबांग पर