मामले को दबा रहा प्रबंधन, सांसत में कर्मियों की जान
दैनिक भास्कर कार्यालय भागलपुर में कार्यरत एक सिटी स्ट्रिंगर में कोरोना वायरस की पुष्टि के बाद दो दर्जन कर्मियों में खलबली मची है. स्थानीय प्रबंधन मामले को दबाने में जुटा है. स्ट्रिंगर का नाम सुधीर तिवारी है. ये दैनिक भास्कर भागलपुर के सिटी एडिशन के लिए धर्म-समाज का बीट देखते हैं.
सुधीर का बीते गुरुवार को सैंपल लिया गया था. शुक्रवार को कोरोना की पुष्टि होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें आइसोलेट कर दिया गया.
पाजिटिव स्ट्रिंगर को आइसोलेट किए जाने के बाद भी प्रबंधन दलील देता रहा कि वह आफिस में किसी से नहीं मिला. उधर चर्चा है एक दिन पूर्व संक्रमित स्ट्रिंगर ने सिटी टीम के साथ मीटिंग में भाग लिया. एकाउंटेंट सहित कई अन्य लोगों से मिला था.
सिटी स्ट्रिंगर की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद भी किसी कर्मी की जांच के प्रति प्रबंधन गंभीर नहीं है. कार्यालय के कर्मी भय के साए में पूर्व की भांति कार्य करने को विवश हैं. कोरोना जांच की मांग पर छंटनी के दूसरे लिस्ट का भय दिखाया जा रहा है.
भागलपुर में एडिटोरियल के आठ कर्मियों पर 20 दिन पूर्व ही गाज गिराने वाला भास्कर प्रबंधन कोरोना काल का भरपूर लाभ उठाने की जुगत में है. इधर, 10 हजार के मामूली मानदेय पर कोरोना काल में भी अनवरत कार्य पर रहा संक्रमित स्ट्रिंगर आज जिंदगी की जंग लड़ रहा है और प्रबंधन की बेरुखी का शिकार है.
डर के साए में रोजाना कार्य पर जा रहे कर्मियों के परिवार में भी दहशत का माहौल है. कर्मियों का कहना है कि अब तक एक भी कर्मी को वर्क फ्राम होम की सुविधा नहीं मिली और ना ही कार्यालय में सुरक्षा मानकों का ख्याल रखा जा रहा. जांच कराने को कहते हैं तो इस्तीफा मांगी जाती है.