Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

भास्कर बोकारो में ब्यूरो चीफ की दबंगई, महिला कर्मी से अभद्रता, स्टॉफ में रोष

दैनिक भास्कर प्रबंधन ने बोकारो संस्करण (झारखंड) की कमान अशोक अकेला के हाथों में सौंप दी है, जिसके बाद से ही कार्यालय में उथल-पुथल मची हुई है। इस ब्यूरो चीफ की कारस्तानियों की वजह से एडिटोरियल और विज्ञापन विभाग में लोग सहमे हुए हैं। सबसे पहले भास्कर बोकारो के पहले ब्यूरो चीफ अभय मिश्र गौतम को हटाने के लिए एक या दो महीने पहले से ही प्रयास शुरू दिए थे और सफलता भी मिल गई। हटाते ही खुद के ब्यूरो चीफ बनने का रास्ता साफ हो गया।

<p>दैनिक भास्कर प्रबंधन ने बोकारो संस्करण (झारखंड) की कमान अशोक अकेला के हाथों में सौंप दी है, जिसके बाद से ही कार्यालय में उथल-पुथल मची हुई है। इस ब्यूरो चीफ की कारस्तानियों की वजह से एडिटोरियल और विज्ञापन विभाग में लोग सहमे हुए हैं। सबसे पहले भास्कर बोकारो के पहले ब्यूरो चीफ अभय मिश्र गौतम को हटाने के लिए एक या दो महीने पहले से ही प्रयास शुरू दिए थे और सफलता भी मिल गई। हटाते ही खुद के ब्यूरो चीफ बनने का रास्ता साफ हो गया।</p>

दैनिक भास्कर प्रबंधन ने बोकारो संस्करण (झारखंड) की कमान अशोक अकेला के हाथों में सौंप दी है, जिसके बाद से ही कार्यालय में उथल-पुथल मची हुई है। इस ब्यूरो चीफ की कारस्तानियों की वजह से एडिटोरियल और विज्ञापन विभाग में लोग सहमे हुए हैं। सबसे पहले भास्कर बोकारो के पहले ब्यूरो चीफ अभय मिश्र गौतम को हटाने के लिए एक या दो महीने पहले से ही प्रयास शुरू दिए थे और सफलता भी मिल गई। हटाते ही खुद के ब्यूरो चीफ बनने का रास्ता साफ हो गया।

26 फरवरी को भास्कर के मेहनतकश मुख्य फोटोग्राफर हेमंत को भी फर्जी शिकायत कराकर हटवा दिया। हेमंत को हटवाने के पीछे मकसद अपने चहेते अंकुश कुमार सिंह को उसकी जगह बिठाना था। इसके बाद उनका अगला निशाना कंप्यूटर आपरेटर एक लाचार और विवश विधवा महिला पुष्पा सिंह बनीं। उन्हें कार्यालय में बहुत ही अभद्र व अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए बाहर चले जाने को कहा गया। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसके बाद भी वह विवश महिला अपनी नौकरी बचाने की जुगत में प्रतिदिन कार्यालय जा रही है, लेकिन उन्हें असहयोग करते हुए कोई काम नहीं दिया जा रहा। कार्यालय में सबके सामने उनकी बेइज्जती की जा रही है। कोई इसका विरोध नहीं कर रहा है। चर्चा है कि वह अपनी नौकरी बचाने के लिए आखिरी उम्मीद के रूप में भोपाल जाकर दैनिक भास्कर ग्रुप के मालिक रमेश चंद्र अग्रवाल से मिलने वाली हैं।  इधर दो दिनों से सारे कर्मचारियों को उनसे बातचीत करने से भी मना कर दिया गया है। वह पल-पल मानसिक प्रताड़ना की शिकार हो रही हैं। अकेला जी के अगले टारगेट में कई और लोग भी हैं। चर्चा है कि ब्यूरो चीफ की दबंगई से धनबाद संस्करण और रांची संस्करण के लोग नाखुश हैं।

(एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित)

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement