Mohammad Anas : हजरात हजरात .. दैनिक भास्कर वालों ने आज दौसा मामलें में माफ़ी मांग ली. और इसी के साथ सांप्रदायिक, जातिवादी, कट्टरपंथी मीडिया घराने को टेकने पड़े घुटने. मैंने पहले ही दिन कहा था जनता इस लोकतंत्र में सबसे बड़ी होती है. करोड़ो/अरबों रुपये के भास्कर का नकली दंभ, अकड़ ढीली करने के लिए दौसा के एसपी योगेश यादव को बेहद शुक्रिया. योगेश जी से बात हुई थी मेरी, मैंने कहा था उनसे कि चढ़ कर रहिएगा, दबाव बनेगा लेकिन वो कोहरे की तरह हट जाएगा.
उन्होंने कहा कि कानून ही डर जाए तो अपराधी बेलगाम हो जाते हैं. मैं डरने वाला नहीं.
तो भास्कर वालों, अपने पत्रकार की जमानत की फ़िक्र करो. न्यायिक हिरासत में जा चुका है. भेजो वकील. और, भविष्य में दुबारा ऐसी गलती न करना. चलो, अब मामला ख़त्म मेरी तरफ से.
विशेष- कार्यकारी संपादक मुकेश माथुर और नेशनल एडिटर कल्पेश याग्निक ने न तो कभी बाइक चोरी की है न तो चेन स्नैचिंग की है. मुकेश जी तो बहुत प्यारे इंसान हैं और कल्पेश जी भी. मुकेश जी से जब बात हुई मेरी तो उन्होंने यही कहा मुझसे, ‘अनस जी मैं बाइक चोर नहीं हूँ.’ ऐसे में उन पर यह आरोप लगाने का कोई औचित्य नहीं. यदि भास्कर परिवार को इस आरोप से पीड़ा पहुंची हो तो खेद व्यक्त करता हूं.
धन्यवाद!
युवा पत्रकार मोहम्मद अनस के फेसबुक वॉल से.