दैनिक भास्कर में मेल हैक कर जबरन इस्तीफा लेने पर पुलिस ने किया केस दर्ज

दैनिक भास्कर चंडीगढ़ में मजीठिया वेज बोर्ड मांगने वाले एक मीडियाकर्मी का फर्जी तरीके से उसी की मेल आईडी से एचआर वालों ने मेल भेजकर उन्हें कार्यमुक्त कर दिया. इस बाबत पीड़िता मीडियाकर्मी सुधीर श्रीवास्तव ने पुलिस में लिखित कंप्लेन दी.

दैनिक भास्कर पूरी दबंगई से पेड न्यूज छापता है, देखें

Sandeep Kumarदेश का सबसे ‘विश्वसनीय’ और ‘नंबर एक’ अखबार अपने पहले पन्ने पर ख़बरनुमा विज्ञापन छापता है और पाठकों को बताना तक जरूरी नहीं समझता कि यह विज्ञापन है. यह वही अखबार है जिसने अपने समूह संपादक की आत्महत्या को दिल का दौरा बताते हुए खबर छापी थी. ये अखबार पोस्ट ट्रुथ से भी आगे …

सवाल ये है कि ‘दैनिक भास्कर’ अब तक खामोश क्यों था और किन मुद्दों पर खामोश था?

दैनिक भास्कर अखबार ने फ्रंट पेज पर एक अपना विज्ञापन दिया है… लिखा है कि- ”भास्कर अब तोड़ेगा सबसे बड़ी चुप्पी… खामोशी अब और नहीं… इंतजार कीजिए….” इस विज्ञापन को पढ़कर लोग पूछने लगे हैं कि आखिर अब तक भास्कर खामोश क्यों था और किन किन मुद्दों पर कितने कितने देर तक खामोश रहा…

धतकरम करने के लिए अखबार अपने पाठकों को ‘नो निगेटिव न्यूज़’ जैसी मीठी गोलियां खिलाता है!

Girish Malviya : दैनिक भास्कर में हर सोमवार ‘नो निगेटिव न्यूज डे’ होता है. भास्कर गर्वपूर्वक कहता है कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी दैनिक भास्कर के ‘नो निगेटिव न्यूज’ कैम्पेन की तारीफ कर चुके हैं. इस सोमवार को नो निगेटिव न्यूज कैम्पेन के तहत भास्कर ने अपने मुख्य पृष्ठ पर देश की सबसे साफ मेघालय …

दैनिक भास्कर की भ्रष्ट प्रसार नीति ने ली अखबार वितरक की जान!

राजस्थान कोटा के अखबार वितरक राठौर ने दैनिक भास्कर के झूठे दिखावे के आगे 10 जनवरी 2019 को अपनी जान गंवा दी। भास्कर खुद को नंबर वन सिद्ध करने के लिये अब किसी की जान लेने में भी पीछे नहीं हटता। दैनिक भास्कर अपनी झूठी ग्राहक संख्या बताने के लिये वितरकों पर अपनी अखबार की …

भास्कर में बड़े पैमाने पर छंटनी होगी, अंग्रेजी अखबार बंद, इंदौर से विकास राठौर गए

खबर है कि दैनिक भास्कर प्रबंधन अपने यहां बड़े पैमाने पर छंटनी की तैयारी कर चुका है. इसी के तहत अलग-अलग आरोप लगाकर लोगों को निकाला जा रहा है. दैनिक भास्कर इंदौर से खबर है कि यहां से विकास राठौर को हटा दिया गया है जो रिपोर्टिंग में कार्यरत थे.

मालिकों ने पेड न्यूज से कितना डकारा, कोई हिसाब नहीं! ईमानदारी-एथिक्स सिर्फ छोटे पत्रकारों के लिए

एथिक्स, ईमानदारी और मिशनरी पत्रकारिता सिर्फ छोटे पत्रकारों के लिए… पत्रकारिता अब अजीब पहेली है। संपादक अब खबरों के लिए कम और मालिकों के लिए ज्यादा काम करते हैं। अधिकांश अखबारों व चैनलों के संपादक विवादित हैं। स्वच्छ छवि के संपादक अब नजर नहीं आते हैं। मसलन हर अखबार का एडिशन निकालने के पीछे मालिकों …

भास्कर समूह नहीं चला पाया अंग्रेजी अखबार डीबी पोस्ट, 6 जनवरी से लगेगा ताला

भोपाल | दैनिक भास्कर समूह भोपाल से प्रकाशित होने वाले अपने अंग्रेज़ी अख़बार डीबी पोस्ट को बंद करने जा रहा है। 12 मार्च 2016 को शुरू हुआ ये अख़बार अपनी तीसरी सालगिरह भी नहीं मना पाया। 12 दिसम्बर को एचआर वालों ने अख़बार के कर्मियों को ये बुरी ख़बर सुनाई कि 6 जनवरी को अख़बार …

मजीठिया क्रांतिकारी का 37 लाख रुपये बकाया कोर्ट में जमा करने का दैनिक भास्कर को निर्देश

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में पंजाब से एक बड़ी खबर आ रही है। पंजाब हाईकोर्ट ने दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डी बी कार्प को निर्देश दिया है कि वह क्लेमकर्ता की पूरी बकाया राशि को रजिस्ट्रार कार्यालय में दस दिनों के अंदर जमा कराए। पूरे देश में ये पहला मामला है जब किसी …

भास्कर ग्रुप ने रवीश कुमार से प्रायोजित सवाल पूछे!

Girish Malviya कल देश के तथाकथित सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर में पत्रकार रवीश कुमार से जो प्रायोजित 10 से 12 सवाल पूछे गए, उनमें से चार सवाल देखिए…

भास्कर के निशाने पर गरीब हॉकर और एजेंट आ गए! पढ़िए नया फरमान

भास्कर वाले न्यूज़ के नाम पर करोड़ों अरबों की सौदेबाजी करने के स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े जाने के बाद भी पैसे के लिए हाय हाय किए हुए हैं. इसी कड़ी में दैनिक भास्कर के निशाने पर गरीब एजेंट व हॉकर आ गए हैं. भास्कर ने जयपुर संस्करण में एक न्यूज़ प्रकाशित कर अखबार वितरण करने …

नेताओं को तेल लगाने के मामले में भास्कर समूह ने सारे मीडिया हाउसों को पछाड़ा! देखें अखबार

कहते हैं कि मीडिया निष्पक्ष होता है. वह अगर पक्षकार है तो आम जन का, गरीब जनता का, हाशिए के लोगों का. पर दैनिक भास्कर में उल्टी गंगा बहती है. छत्तीसगढ़ में सरकार से ढेर सारे अनुग्रह हासिल करने वाले दैनिक भास्कर समूह ने नेताओं को तेल लगाने के मामले में सबको पीछे छोड़ दिया. …

पाखंडी भास्कर समूह को आइना दिखाने वाली बहादुर रिसेप्शनिस्ट आलिया इम्तियाज़ शेख को एक सैल्यूट!

महिला मीडियाकर्मी का यह इस्तीफानामा दैनिक भास्कर के पाखंड को तार-तार करता है… आप भी पढ़ें और दूसरों को भी पढ़वाएं….

दैनिक भास्कर के खाने और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं… आप भी देखें

अखबार एक, रूप अनेक! इसे चिराग तले अंधेरा भी कहते हैं। इसे खाने और दिखाने के अलग-अलग दांत भी कहते हैं। दैनिक भास्कर अखबार फर्स्ट पेज पर छापकर कहता है- ‘No paid news’. लेकिन इसी दैनिक भास्कर अखबार के डायरेक्टर पवन अग्रवाल और अखबार के शीर्ष अधिकारियों पर 20 करोड़ रुपए के बदले मनचाही खबर …

छीछालेदर होते देख दैनिक भास्कर दुम दबाकर भागा, कोबरापोस्ट से मानहानि का मुकदमा वापस लिया

दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस रवीद्र भट्ट और जस्टिस एके चावला की डिविजनल बेंच ने 28 September 2018 को कोबरापोस्ट के खिलाफ दैनिक भास्कर के खिलाफ स्टिंग दिखाने से एकतरफा रोक लगाए जाने को खारिज कर दिया था. साथ ही दैनिक भास्कर को योग्यता के आधार पर जस्टिस योगेश खन्ना के समक्ष प्रकाशन/आपरेशन में असत्यता …

भास्कर समूह का स्टिंग दिखाने से रोक हटी, कोबरापोस्ट ने जारी किया वीडियो, पवन अग्रवाल भी फंसे, देखें

भास्कर ग्रुप अपने स्टिंग को प्रसारित होने से रोकने के लिए कोर्ट भागा था और स्टे आर्डर ले आया था. तब कोबरा पोस्ट ने अदालती आदेश का सम्मान करते हुए भास्कर का स्टिंग दिखाने से परहेज किया था. ताजी सूचना ये है कि कोर्ट ने भास्कर का स्टिंग दिखाने से रोक हटा ली है. इसके …

एनयूजे अध्यक्ष शीतल की विजिट से ‘भास्कर’ के आफिस में हड़कंप

मुंबई स्थित ‘दैनिक भास्कर’ के बीकेसी वाले आफिस में पिछले दिनों तब हड़कंप मच गया, जब एक डोमेस्टिक इन्क्वायरी में पीड़ित का पक्ष रखने के लिए वहां अचानक ‘एनयूजे’ की अध्यक्ष शीतल करदेकर पहुंच गईं! शीतल ने वहां न केवल पीड़ित के पक्ष को मजबूती से रखा, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश में अनिवार्य की …

दैनिक भास्कर ने दिल्ली की लोकल खबरों के पुलआउटट ‘Delhi भास्कर’ को बंद किया

खबर है कि दैनिक भास्कर समूह ने चुपचाप ‘Delhi भास्कर’ को बंद कर दिया है. दिल्ली की स्थानीय खबरों को पुलआउट था. ये रोज मेन अखबार के साथ दिल्ली में बंटता था.

दैनिक भास्कर ने मच्छर मार अखबार छापा, आप भी देखें-पढ़ें

सोशल मीडिया पर दैनिक भास्कर के मच्छर मार अखबार की बहुत चर्चा है. भास्कर का दावा है कि इस अखबार को औषधीय घास सिट्रोनेला आयल में मिलाकर छापा गया है, इसलिए यह पूरी तरह मास्कीटो रिपेलेंट है.

एक मेडिकल कालेज ने फर्जी खबर छापने पर दैनिक भास्कर को भेजा सौ करोड़ की मानहानि का नोटिस

भोपाल : दैनिक भास्कर की एक महा भूल इन दिनों चर्चा में है. दैनिक भास्कर ने कल अपने पहले पेज पर फर्जी खबर छाप दी। भास्कर ने खबर छापा कि भोपाल के महावीर मेडिकल कॉलेज पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है क्योंकि इस मेडिकल कॉलेज ने तीसरे बैच में एडमिशन की अनुमति के …

रिकवरी मैनेजर ने दैनिक भास्कर के यूनिट हेड पर बेस बाल से पिटाई करने का आरोप लगाया

दैनिक भास्कर होशंगाबाद में रिकवरी मैनेजर के रूप में कार्यरत कृष्ण कुमार शर्मा उर्फ केके शर्मा ने लिखित आरोप लगाया है कि उनके उपर दैनिक भास्कर के यूनिट हेड हरिशंकर व्यास ने हमला किया.

क्या दैनिक भास्कर सीएम शिवराज सिंह चौहान का पालतू अखबार है?

लीडरों की बंगलाखोरी पर दैनिक भास्कर भोपाल में छपी खबर में सीएम की बंगलापरस्ती पर एक शब्द नहीं! भोपाल : सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट को दरकिनार कर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले एलाट करने के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के फैसले पर दैनिक भास्कर ने पहले पेज पर पहली बड़ी खबर छापी है.इसमें सुषमा स्वराज और सुरेश …

दैनिक भास्कर के जालंधर आफिस की कुर्की का आदेश

मजीठिया वेजबोर्ड का बकाया ना देने के कारण होगी कार्रवाई… ए.एल.सी. द्वारा पास किया 23.52 लाख का क्लेम ब्याज सहित अदा ना किया तो होगी भास्कर कार्यालय की नीलामी… पंजाब के फिरोजपुर से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां सहायक लेबर कमिश्रर फिरोजपुर की कोर्ट द्वारा भास्कर कर्मी राजेन्द्र मल्होत्रा को 23 लाख 52 …

भोपाल के कुछ अखबारों ने घोटालेबाज सुधीर अग्रवाल और गिरीश अग्रवाल की सचित्र खबर ली, देखें वीडियो

भास्कर ग्रुप से पीड़ित भोपाल के कुछ अखबारों ने घोटालेबाज सुधीर अग्रवाल और गिरीश अग्रवाल की सचित्र खबर ली है… इनने विस्तार से खबर प्रकाशित की है. लेकिन दैनिक जागरण हो या अमर उजाला, दैनिक हिंदुस्तान हो या टाइम्स आफ इंडिया… आजतक हो या कलतक, इंडिया टीवी हो या इंडिया न्यूज… इन सब बड़े अखबारों और चैनलों ने इस बड़े घपले-घोटाले में गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने की खबर को दबा-पचा लिया…

हजारों करोड़ के घोटाले में दैनिक भास्कर के मालिकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

42 कम्पनियों का 7536 करोड़ का घोटाला : सुधीर अग्रवाल और गिरीश अग्रवाल के ख़िलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी… EOW ने घोटाले के आरोपियों के नामों का खुलासा किया… पढ़िए आर्थिक अनुसंधान शाखा द्वारा जारी प्रेस रिलीज…

भोपाल । मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के तत्कालीन अध्यक्ष, संचालक मण्डल, प्रबंध संचालक एवं अन्य अधिकारियों ने षडयंत्रपूर्वक बेईमानी के इरादे से छल करते हुए लगभग 42 डिफॉल्टर कम्पनियों के प्रवर्तकों / संचालको से सांठगांठ कर उन्हें अवैध रूप से लाभान्वित किया। इससे शासन और निगम को ब्याज सहित लगभग 719 करोड़ रुपये की वित्तीय हानि हुई थी। दिनांक 31. 09. 2017 की स्थिति में यह हानि बढ़कर ब्याज सहित 7536.57 करोड़ रुपये हो चुकी है।

फिरोजपुर से भास्कर कर्मी राजेन्द्र मल्होत्रा के पक्ष में जारी हुयी साढ़े बाईस लाख की आरसी

पंजाब के फिरोजपुर से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां दैनिक भास्कर में कार्यरत ब्यूरो चीफ राजेन्द्र मल्होत्रा के आवेदन को सही मानते हुये फिरोजपुर के सहायक कामगार आयुक्त सुनील कुमार भोरीवाल ने दैनिक भास्कर प्रबंधन के खिलाफ २२ लाख ५२ हजार ९४५ रुपये की वसूली के लिये रिकवरी सार्टिफिकेट जारी की है। राजेन्द्र …

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में दैनिक भास्कर के खिलाफ एक और आरसी जारी

मुंबई से खबर आ रही है कि यहां दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डी. बी. कॉर्प लिमिटेड में कार्यरत सिस्टम इंजीनियर अस्बर्ट गोंजाल्विस के पक्ष में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में 26 लाख 38 हजार 203 रुपए 98 पैसे का रिकवरी सर्टीफिकेट (आरसी) जारी किया गया है। इस आरसी को मुंबई (उपनगर) के कलेक्टर को भेज कर आदेश दिया गया है कि वह आवेदक के पक्ष में कंपनी से भू-राजस्व की भांति वसूली करें और आवेदक अस्बर्ट गोंजाल्विस को यह धनराशि प्रदान कराएं। आपको बता दें कि इस मामले में अस्बर्ट गोंजाल्विस ने अपने एडवोकेट एस. पी. पांडे के जरिए मुंबई उच्च न्यायालय में कैविएट भी लगवा दी है।

डीबी कार्प के खिलाफ पीएफ विभाग ने शुरू की जांच

केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय औरंगाबाद ने दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डीबी कार्प के खिलाफ इस कंपनी के कर्मचारी सुधीर जगदाले की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त -१ प्रभारी अधिकारी एम एच वारसी ने ८ नवंबर २०१७ को सुधीर जगदाले को लिखे पत्र में यह जानकारी दी है। सुधीर जगदाले का आरोप है कि वे डीबी कार्प के दैनिक अखबार दिव्य मराठी में काम करते हैं और कंपनी उनका पीएफ सिर्फ बेसिक पर काट रही है जो पूरी तरह गलत है।

मजीठिया मामला : सुप्रीम कोर्ट ने दैनिक भास्कर प्रबंधन को राहत देने से किया इनकार

धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, लतिका चव्हाण और आलिया शेख के मामले में भास्कर प्रबंधन को लगा झटका

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में मुंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट गए दैनिक भास्कर (डी बी कॉर्प लि.) अखबार के प्रबंधन को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार करते हुए उसे वापस मुंबई उच्च न्यायालय की शरण में जाने के लिए मजबूर कर दिया है। यह पूरा मामला मुंबई में कार्यरत दैनिक भास्कर के प्रिंसिपल करेस्पॉन्डेंट धर्मेन्द्र प्रताप सिंह संग मुंबई के उसी कार्यालय की रिसेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण और आलिया इम्तियाज़ शेख की मजीठिया वेज बोर्ड मामले में जारी रिकवरी सर्टीफिकेट (आरसी) से जुड़ा हुआ है… पत्रकार सिंह और रिसेप्शनिस्ट चव्हाण व शेख ने मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट उमेश शर्मा के मार्गदर्शन एवं उन्हीं के दिशा-निर्देश में कामगार आयुक्त के समक्ष 17 (1) के तहत क्लेम लगाया था।

जज की चिट्ठी के बाद मचा हड़कंप, दैनिक भास्कर ने छापा सात कॉलम का खंडन, खेद भी जताया

पिछले दिनों डीबी स्टार के रिपोर्टर के द्वारा जज पर दबाव डालकर फैसला अपने एक परिचित के पक्ष में देने को लेकर उपभोक्ता फोरम के जज इतने भड़क गए कि उन्होंने आईजी को पत्र लिख दिया कि इसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए। इस खबर के भड़ास में छपने के बाद उच्च प्रबंधन हरकत में आया और बताया जा रहा है कि मामले में भास्कर की किरकिरी होते देख जज के घर संपादक और यूनिट हेड गए, ताकि उन्हें मैनेज किया जा सके। इतना ही नहीं, उन्होंने जज अशोक पाठक को आश्वस्त किया कि वे पुरानी खबरों का खंडन छापेंगे। मंगलवार को उसी डीबी स्टार में सात कॉलम में पुरानी खबरों का खंडन छापा है और एक बॉक्स में पुरानी खबरों के लिए खेद भी प्रकट किया है। भास्कर अपनी विश्वसनीयता की बात करता है, उसके इस खंडन से उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं। संभवत: बिलासपुर में यह पहला मामला होगा, जिसमें भास्कर ने सात कॉलम में खंडन भी छापा और खेद भी प्रकट किया।

कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष ने की एसपी से शिकायत- ”दैनिक भास्कर का पत्रकार डाल रहा दबाव”

बिलासपुर : रायपुर, राजनांदगांव के बाद अब बिलासपुर शहर से दैनिक भास्कर के पत्रकार की करतूत सामने आ रही है। इस बार कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष ने एसपी को लिखित शिकायत दी है कि एक पत्रकार आशीष दुबे जो खुद को दैनिक भास्कर में कार्यरत बताता है, उसके द्वारा किसी केस में फैसला अपने परिचित के हक में करवाने दबाव डाला जा रहा है। वायरल हुई इस शिकायत का असर इतना जोरदार हुआ कि खुद प्रेस क्लब के एक बंदे को मामला दबाने तुगलकी फरमान जारी करना पड़ा कि इस खबर को जो भी चैनल या अखबार लगायेगा तो उस पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जायेगी। हालांकि मिली जानकारी के मुताबिक प्रेस क्लब अध्यक्ष ने ऐसे किसी फरमान से पल्ला झाड़ लिया है।
खबर की भाषा बता रही है इरादे..

दैनिक भास्कर में ये क्या छप गया! गई दो पत्रकारों की नौकरी

हैडिंग में कोई शायरी नहीं है। बल्कि हकीकत है दैनिक भास्कर के रायपुर एडिशन की। आनंद पांडे जी के जाने के बाद जब से शिव दुबे को रायपुर भास्कर का संपादक बनाया गया है। भास्कर की छीछालेदर होती जा रही है। ताजा उदाहरण है कि 14 अक्टूबर के सिटी भास्कर में खबर में ऐसे शब्द शामिल हैं जिन पर कड़ी आपत्ति आते ही 2 कर्मियों तन्मय अग्रवाल और सुमन पांडे की विदाई कर दी गई है।

होशंगाबाद के वितरकों ने दैनिक भास्कर के शोषण से परेशन होकर कर दिया हड़ताल

होशंगाबाद से खबर आ रही है कि अखबार वितरकों ने दैनिक भास्कर का बहिष्कार करते हुए हड़ताल कर दिया है. इस बाबत एक पर्चा छपवाकर पाठकों में वितरित किया जा रहा है. इस पर्चे में वितरकों ने दैनिक भास्कर द्वारा खुद के शोषण किए जाने की बात का जिक्र किया है. एजेंटों और वितरकों की हड़ताल से दैनिक भास्कर का बंडल डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर पर ही पड़ा रह गया.

लगता है ‘भास्कर’ के सम्पादक और प्रबंधक पाठकों को मूर्ख समझते हैं!

Krishna Kalpit : ‘भास्कर’ ख़ुद को सबसे विश्वसनीय और नम्बर 1 अख़बार बताता है। आज ‘भास्कर’ के जयपुर संस्करण में जाति-प्रथा के विरोध में एक ख़बर छपी है, जिसमें प्रदेश की सरकारी स्कूलों के रजिस्टर में छात्रों के लिये बने जाति के कॉलम का विरोध किया गया है और जाति-प्रथा को समाज और देश के लिये कलंक बताया गया है। ‘भास्कर’ के इसी अंक में श्री अग्रवाल समाज समिति, जयपुर द्वारा आयोजित श्री अग्रसेन जयंती महोत्सव का पूरे पेज का विज्ञापन छपा है।

डा. कफील की असलियत पता करने गोरखपुर पहुंचे पत्रकार अजय प्रकाश की रिपोर्ट पढ़िए

Ajay Prakash : कई बार सच कुछ और होता है और प्रचारित कुछ और होता है। इसी का फायदा सरकार भी उठाती है और दलाल भी। गोरखपुर में कल सुबह जब मैं कफील के निजी अस्पताल पहुंचा तो मुख्यद्वार ‘डॉक्टर के खान मेडिस्प्रिंग चाइल्ड होस्पिटल’ स्वागत कर रहा था। तारीफ में दो स्थानीय अखबारों के विज्ञापन भी पब्लिश थे। लेकिन कुछ घंटे बाद ही सब निशान कफील ने मिटवा दिए। फिर मैं नाम पर सफेदी चढ़ी तस्वीर भी ले आया। वहां उनकी गुंडई से निपटना पड़ा तो निपटा भी।

भास्कर की मजेदार रिपोर्टिंग : चीन सीमा विवाद पर जयपुर के शिप्रापथ थाना प्रभारी कार्रवाई करेंगे!

सोशल मीडिया पर आजकल दैनिक भास्कर में छपी एक खबर की कटिंग धूम मचाते हुए घूम रही है. इस न्यूज कटिंग में चीन सीमा विवाद पर खबर है और लास्ट में जयपुर के शिप्रापथ थाना प्रभारी मुकेश चौधरी का बयान है कि ”अभी मामले की जांच की जा रही है और लापरवाही सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.”

भास्कर की लैंड डील कैंसल करने वाली महिला आईएएस अफसर का तबादला

लगता है रमन सिंह दैनिक भास्कर के सामने दंडवत हो गए हैं. तभी तो उस महिला आईएएस अधिकारी का तबादला कर दिया गया जिसने दैनिक भास्कर की रायपुर में जमीन की लैंडडील रद्द की थी. इस बारे में स्टेट्समैन अखबार में विस्तार से खबर छपी है, जिसे नीचे पढ़ सकते हैं….

दैनिक भास्कर ने अपने कर्मियों से कहा- ”10 लाख नए पाठक जोड़ने हैं, प्रति पाठक 150 रुपये मिलेंगे!”

दैनिक भास्कर ग्रुप ने ऑफिशियल लेटर जारी कर अपने कर्मियों को इस साल 10 लाख नये पाठक जोड़ने का टारगेट बताया है और इसके लिए उसने अपने कर्मियों को ऑफर दिया है कि वे नये पाठक जुड़वायें जिसके लिए उन्हें प्रति पाठक 150 रुपये का कमीशन या प्रोत्साहन राशि मिलेगी। बहरहाल इस ऑफर के बाद कुछ कर्मी यह सोच रहे हैं कि क्या अब पत्रकारिता “टारगेट जॉब” तो नहीं बन जायेगी? हो सकता है कस्टमर न लाने वालों का इंक्रीमेंट/प्रमोशन भी कंपनी रोक दे।

रमन सिंह ने रायपुर से दैनिक भास्‍कर का डेरा-डंडा उखाड़ने का आदेश दिया!

दैनिक भास्‍कर, रायपुर को 1985 में कांग्रेस द्वारा प्रेस लगाने के लिए (अविभाजित मध्‍य प्रदेश में) पट्टे पर दी गई ज़मीन को छत्‍तीसगढ़ प्रशासन ने शुक्रवार 7 जुलाई के एक शासनादेश के माध्‍यम से रद्द कर के उस पर प्रशासनिक कब्‍ज़े का आदेश दे दिया है। ज़मीन का कुल आकार 45725 वर्गफुट और अतिरिक्‍त 9212 वर्ग फुट है यानी कुल करीब 5000 वर्ग मीटर है। नजूल की यह ज़मीन रायपुर भास्‍कर को प्रेस लगाने के लिए इस शर्त पर कांग्रेस शासन द्वारा दी गई थी कि संस्‍थान अगर प्रेस लगाने के विशिष्‍ट प्रयोजन से मिली ज़मीन को किसी और प्रयोजन के लिए इस्‍तेमाल करेगा तो शासन उसे वापस ले लेगा। इस ज़मीन का पट्टा 31 मार्च 2015 को समाप्‍त हो चुका था और दैनिक भास्‍कर ने इसके नवीनीकरण के लिए अग्रिम आवेदन किया था।

इस्तीफा देने को मजबूर करने पर मीडियाकर्मी ने भास्कर प्रबंधन की लेबर आफिस में शिकायत की!

अन्यथा पेमेंट और ग्रेच्यूटी रोकने की धमकी देता है…

जिद से दुनिया बदलने वाले दैनिक भास्कर के बिलासपुर प्रबंधन द्वारा एक मीडियाकर्मी से जबरन इस्तीफा लेने का केस सामने आया है। यह हम उस शिकायत पत्र के आधार पर कह रहे हैं जो सहायक श्रमायुक्त, बिलासपुर को पीड़ित द्वारा दिया गया है। इस शिकायत पर सहायक श्रमायुक्त कार्यालय से जवाब तलब हेतु नोटिस भी जारी किया गया है।

भास्कर ग्रुप के चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी

पेशी से कन्नी काटने पर पंजाब की कोर्ट ने ‘आज़ाद सोच’ के दावे वाले अखबार दैनिक भास्कर ग्रुप चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल के खिलाफ अंततः नॉन बेलएबल वारंट जारी किए. पंजाब से जल्द रवाना होगा विशेष तामीली टीम. हत्थे चढ़े तो लाकर कोर्ट में पेश किए जाएंगे चेयरमैन रमेश अग्रवाल. एक मासूम आरोपी की पहचान उजागर करने के मामले में कोर्ट ने किया है तलब.

भास्कर प्रबंधन को तमाचा : लेबर ट्रिब्यूनल ने छह कर्मियों की बर्खास्तगी को गैर-कानूनी करार दिया

दैनिक भास्कर, जालंधर के छह मीडियाकर्मियों को जीत मिली है. लेबर ट्रिब्यूनल ने भास्कर प्रबंधन द्वारा इन छह कर्मियों की बर्खास्तगी को गैरकानूनी करार दिया है. ट्रिब्यूनल ने इनकी सेवाओं को बर्खास्तगी की डेट से ही बहाल करने के आदेश दिए हैं. जिन लोगों को इस आदेश से लाभ मिला है उनके नाम हैं- पत्रकार वीना जोशी, नीलांबर जोशी (अब दिवंगत), अनिल शर्मा, जतिंदर कुमार, जतिंदर चौहान व संजय शर्मा.

इस ग़ज़ब की खबर के लिए भास्कर के महान मालिकों और संपादकों को एक सलाम तो बनता है :)

दैनिक भास्कर अखबार के मालिक और संपादक लोग महानता की ऐसी राह पर चल पड़े हैं जहां उन्हें लगता है कि वे जो भी कह कर देंगे, वही दुनिया फालो करेगी, उसी राह पर चलेगी और उसी को पत्रकारिता मानेगी. तभी तो इस अखबार के मालिक और संपादक ऐसी ऐसी खबरें छापने लगे हैं जिसे पढ़ देखकर लोग कहते हैं क्या अब ऐसी ही खबरें छापने के लिए अखबार बचे रहेंगे? इससे अच्छा तो है कि ये अखबार बंद हो जाएं ताकि पेड़ पर्यावरण बचे और झूठ की दुकान का कारोबार कम हो जाए.

‘नो नेगेटिव’ के नाम पर झूठे तथ्य पढवा रहा लुधियाना भास्कर

एक रोज सुबह सैर के बाद हम दोस्त पार्क में चाय पी रहे थे. तभी दैनिक भास्कर अखबार आया. हम सब नियमित पाठक हैं. खासकर सोमवार ‘नो नेगेटिव’ एडिशन के. लेकिन बड़ा अफसोस हुआ पढके. लुधियाना भास्कर में मुख्य खबर लगी कि सिंधवा नहर में विश्व का पहला सोलर‌ प्लांट‌ लग रहा है. हमने जब यह पढा तो गुजरात में कारोबार के सिलसिले में जाने वाला मेरा दोस्त बोला कि ये तो गलत है, गुजरात में तो नर्मदा नदी पर ऎसे‌ अनेक सोलर‌ प्लांट लग चुके हैं वो भी तब जब प्रधानमन्त्री नरेंदर मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे. अब तो वो तीन साल से पीएम हैं.

भास्कर ग्रुप का घोटाला खोलने वाले ‘स्वराज एक्सप्रेस’ चैनल के रिपोर्टर को देना पड़ा इस्तीफा

मेरे सभी सम्मानीय मित्रों एवमं मेरे सभी सहयोगियों… 

यह बताते हुए मुझे अत्यंत ख़ुशी हो रहा है कि मैंने अपने पूरे होश में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रीजनल न्यूज चैनल ‘स्वराज एक्सप्रेस’ के खरसिया रिपोर्टर के पद से त्यागपत्र दे दिया है। कारण यह हैं कि यह चैनल एक समय पत्रकारों का चैनल हुआ करता था किन्तु आजकल इसमें भी कुछ दलाल किस्म के लोग सक्रिय हो गए हैं। मैंने पिछले 1 वर्ष से बिना कोई पेमेंट प्राप्त किये खुद के व्यय से अपना कैमरा, अपना कैमरामेन, अपना इंटरनेट लगाकर काम किया। सबसे ज्यादा कीमती अपना बहुमूल्य एक वर्ष का समय है जिसके मूल्य का आकलन मैं स्वयं नहीं कर सकता हूँ।

मजीठिया जंग : हेमकांत को स्टे के बावजूद ऑफिस में न घुसने देने वाले दैनिक भास्कर प्रबंधन पर कोर्ट ने शुरू की अवमानना कार्रवाई

मजीठिया मांगने वाले हेमकांत चौधरी को ट्रांसफर पर स्टे के बावजूद ऑफिस में नहीं घुसने देने वाले दैनिक भास्कर के अफसरों पर कोर्ट ने शुरू की अवमानना कार्रवाई… तीन महीने जेल की सजा और 5000 जुर्माना होना तय, भास्कर के अफसरों में हड़कंप… मजीठिया मामले में अब तक की सबसे बड़ी खबर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से प्रकाशित होने वाले दैनिक भास्कर के मराठी अखबार दिव्य मराठी से आई है। यहाँ प्रबंधन की लगातार धुलाई कर रहे हेमकांत चौधरी ने अबकी बार प्रबंधन के चमचों को पटखनी देते हुए एक ही दांव में न केवल धूल चटा दी है बल्कि चारों खाने चित्त कर दिया है।

मजीठिया मांगने वाले को फंसाने वाला दैनिक भास्कर का मैनेजर अपने ही बुने जाल में फंसने जा रहा!

खबर जालंधर से है. दैनिक भास्कर के मैनेजर को एक पत्रकार के लिए जाल बुनना महंगा पड़ने जा रहा है. यह खबर दूसरे अखबारों और अन्य मैनेजरों के लिए भी चेतावनी है कि वे मजीठिया वेज बोर्ड मांगने के लिए लड़ रहे साहसी मीडियाकर्मियों से टक्कर न लें वरना उन्हें एक न एक दिन ऐसे जाल में फंसना पड़ेगा जिससे वे निकल न सकेंगे और उनके अखबार मालिक भी उनकी कोई मदद न कर पाएंगे.

मजीठिया की जंग : झूठ लिख कर बुरा फंसा डीबी कॉर्प!

‘जिद करो दुनिया बदलो’ का नारा देने वाला डीबी कॉर्प अब ‘झूठ बोलो और बुरे फंसो’ के पैटर्न पर काम कर रहा है। मंगलवार को मुंबई के श्रम आयुक्त कार्यालय में डी बी कॉर्प की महिला रिसेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण और आलिया शेख के मजीठिया वेज बोर्ड बोर्ड मामले की सुनवाई थी। लतिका और आलिया ने मजीठिया वेजबोर्ड के तहत वेतन और एरियर न मिलने पर 17 (1) के तहत रिकवरी का क्लेम श्रम आयुक्त कार्यालय में किया था।

जानिए, आजकल क्यों खुद को मरियल और फिसड्डी बताने में जुटा है दैनिक भास्कर!

जो अपनी क्लास में ही पांचवे या दसवें नंबर पर हो क्या वह शहर में अव्वल आने का दावा कर सकता है? कर तो नहीं सकता लेकिन हिंदी का एक बड़ा अखबार ऐसा ही करता आया है, आज से नहीं लंबे समय से… भारत का सबसे तेज बढ़ता, सबसे ज्यादा सर्कुलेशन वाला और भी न जाने क्या क्या दावा करने वाला अखबार दैनिक भास्कर… पर समय की गति देखिए कि कल तक खुद के बारे में बड़े बड़े दावे करने वाला यह अखबार अब खुद को मरियल और फिसड्‌डी बताने की जुगत में है। यहां तक कि ये अखबार अपने कर्मचारियों को अपनी गरीबी की दुहाई भी देने लगा है। है न अचरज की बात? चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि दैनिक भास्कर जैसा दुनिया के सबसे बड़े अखबारों में खुद को शामिल बताने वाला अखबार अब जगह जगह यह दावा सरकारी विभागों में दावा करता फिर रहा है कि वह तो फलां जगह आठवें और अमुक जगह दसवें नंबर का अखबार है।

भास्कर को झटके पर झटका, पत्रकार धर्मेंद्र के बाद अब रिसेप्शनिस्ट लतिका के भी ट्रांसफर पर कोर्ट ने लगाई रोक

भारत में ‘ज़िद करो दुनिया बदलो’ का नारा देने वाले डीबी कॉर्प को लगातार झटके लग रहे हैं, किंतु भास्कर प्रबंधन है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। दैनिक भास्कर ने मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और एरियर मांगने पर अपने प्रिंसिपल करेस्पॅान्डेंट धर्मेन्द्र प्रताप सिंह का मुम्बई से सीकर (राजस्थान) ट्रांसफर कर दिया। धर्मेन्द्र प्रताप सिंह अदालत की शरण में गए और इंडस्ट्रियल कोर्ट ने इस ट्रांसफर पर रोक लगा दी। इसके बाद अब भास्कर की सहायक महाप्रबंधक (कार्मिक) अक्षता करंगुटकर ने डी बी कॉर्प के मुम्बई के माहिम स्थित कार्यालय में कार्यरत महिला रिसेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण का सोलापुर में ट्रांसफर कर दिया।

भास्कर के पत्रकार ने प्रबंधन को दिया जोरदार झटका, अदालत से ट्रांसफर रुकवाया

मजीठिया वेज बोर्ड मांगने के कारण भास्कर प्रबंधन ने अपने पत्रकार धर्मेन्द्र प्रताप सिंह का कर दिया था ट्रांसफर…

मुम्बई के तेज-तर्रार पत्रकारों में से एक धर्मेन्द्र प्रताप सिंह का दैनिक भास्कर ने मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और एरियर मांगे जाने पर राजस्थान के सीकर में ट्रांसफर कर दिया था। मुम्बई में दैनिक भास्कर में एंटरटेनमेंट बीट के लिए प्रिंसिपल करेस्पांडेंट पद पर कार्यरत धर्मेन्द्र प्रताप सिंह को भास्कर प्रबंधन ने पहले उन्हें लालच दिया कि कुछ ले-दे कर मामला ख़त्म करो। फिर उन्हें भास्कर की सहायक महाप्रबंधक अक्षता करंगुटकर (कार्मिक) ने धमकी दी, जिसकी शिकायत धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने श्रम आयुक्त से की।

चपरासियों से इस्तीफे साइन कराए भास्कर ने

अपने आपको देश का सबसे बड़ा अखबार बताने वाला दैनिक भास्कर भी मजीठिया आयोग से घबराने लगा है। पहले उसने सभी कर्मचारियों से सामूहिक इस्तीफे लिए। कोर्ट ने इसे नामंजूर कर दिया और कहा कि कुछ भी कर लो लेकिन मजीठिया देना पड़ेगा।

दैनिक भास्कर को गुमराह करने की सजा, सुरजीत दादा का इंदौर ट्रांसफर

पिछले दिनों दैनिक भास्कर लुधियाना के खिलाफ और यहां कार्यरत कर्मचारी प्रीतपाल सिंह संधू के पक्ष में ट्रिब्यूनल कोर्ट द्वारा दिए फैसले में नया मोड़ आया है। सूत्रों के अनुसार जिस सुरजीत दादा के कारण कंपनी को इतनी फजीहत सहनी पड़ी है, उसे मैनेजमेंट ने इंदौर ऑफिस ट्रांसफर कर दिया है। वहां सुरजीत दादा को फिलहाल कोई बड़ा काम नहीं दिया गया। इससे पहले वह अपने आप को पंजाब का क्रिएटिव हेड मानकर लगभग दस साल से अपनी मनमानी चलाता रहा है। अपने भाईयों और रिश्तेदारों को दैनिक भास्कर में भर्ती करवाकर उन्हें मोटी तनख्वाहें दिलाईं।

कोर्ट में भास्कर प्रबंधन को मिली करारी हार, मीडियाकर्मी के हक में आया फैसला, नौकरी बहाल करने के आदेश

दैनिक भास्कर लुधियाना से सूचना आ रही है कि यहां के एक सीनियर डिजाइनर के हक में इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल कोर्ट ने फैसला दिया है. फैसले में कहा गया है कि डिजायनर की नौकरी बहाल की जाए और इतनी देर से हैरसमेंट के एवज में हर्जाना भी अदा किया जाए। सूचना के अनुसार लुधियाना के एक सीनियर डिजाइनर को डिजाइनिंग हेड सुरजीत दादा ने रंजिश के कारण बिना किसी वजह ऑफिस में उसकी एंट्री बंद करा दी थी।

भास्कर वालों ने महिला के मरने पर उसे चरित्रहीन लिख दिया, परिजनों ने ठोंका संपादकों पर मुकदमा

अखबार वाले किस कदर संवेदनहीन होते जा रहे हैं, इसके उदाहरण तो आए दिन मिलते रहते हैं लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा में एक ऐसा मामला हुआ है जिसे सुनकर पूरे पत्रकार समुदाय का सिर शर्म से झुक जाता है. दैनिक भास्कर वालों ने एक महिला के मरने के बाद उसे चरित्रहीन और व्यभिचारी बताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा. इससे नाराज परिजनों ने अखबार के संपादकों पर मुकदमा ठोंका है और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की अपील की है.

पंजाब में डीआईजी ने दैनिक भास्कर के खिलाफ क्रिमिनल केस किया

पंजाब से खबर है कि डीआईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपनी छवि धूमिल किए जाने और गलत खबरें छापने को लेकर दैनिक भास्कर अखबार के खिलाफ क्रिमिनल केस दायर किया है. इस बारे में विस्तार से खबर पंजाब के एक स्थानीय अखबार में छपि है, जिसकी कटिंग नीचे दी जा रही है. अगर पढ़ने में दिक्कत हो तो न्यूज कटिंग के उपर क्लिक कर दें…

भास्कर समूह का नया अंग्रेजी दैनिक ‘डीबी पोस्ट’ लांच

भास्कर समूह ने अपना नया अंग्रेजी अखबार लांच किया है. भोपाल में लांच इस अखबार का नाम डीबी पोस्ट है. अखबार की प्रिंट लाइन में मुद्रक के रूप में नाम मनीष शर्मा और संपादक के रूप में नाम श्याम पारेख का जा रहा है. भोपाल में स्थानीय संपादक अंकित शुक्ला हैं. अखबार कुल दस पन्ने का है जिसे आनलाइन भी पढ़ा जा सकता है. इ-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: 

अजमेर में भास्कर और पत्रिका ने दाम बढ़ाया तो अखबार वितरकों ने शुरू किया बहिष्कार, नवज्योति की बल्ले बल्ले

अजमेर में दैनिक भास्कर और राजस्थान पत्रिका ने एक राय होकर विगत 22 फरवरी को अचानक अखबार की कीमत 4.50 रुपए प्रति कॉपी कर दी। उस दिन तो हॉकर ने अखबार उठा लिया लेकिन अगले दिन उन्होंने बढ़ी कीमत वापस लेने की मांग करते हुए अखबार उठाने से मना कर दिया। उस दिन से वे लगातार दोनों अखबारों का बहिष्कार कर रहे हैं। इससे अखबार प्रबंधन में हड़कम्प मचा हुआ है।

क्या वाकई दैनिक भास्कर दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा प्रसार वाला अखबार है?

दैनिक भास्कर ने 4 जनवरी को पहले पेज पर मत्थे के नीचे बड़ी खबर छाप कर खुद के विश्व का चौथा सबसे ज्यादा प्रसार वाला अखबार होने का दावा ठोंक दिया है। अखबार ने दुनियाभर मे सबसे ज्यादा बिकने वाले पाँच अखबारों की सूची प्रकाशित की है जिसमे तीन अखबार जापान के और एक-एक अमेरिका और भारत का है। चूंकि दावा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है इसलिए वर्ल्ड एसोसियशन ऑफ न्यूज़पेपर्स एंड न्यूज़ पब्लिशर्स नामक संस्था की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। खबर में दोहराया गया है एबीसी की जनवरी-जून, 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक भास्कर लगातार तीसरी बार देश का सर्वाधिक प्रसार वाला दैनिक बना हुआ है।

भास्कर डाट काम ने नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजित डोभाल का झूठा इंटरव्यू छापा

भास्कर डाट काम की जिस खबर पर बवाल मचा है, उसके बारे में कुछ तथ्य साझा करना चाहता हूं. भास्कर डाट काम ने नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजित डोभाल का झूठा इंटरव्यू छापा था. जिसका डोभाल ने तत्काल  खंडन कर दिया लेकिन भास्कर बेशर्मी से इंटरव्यू को अभी तक चलाये जा रहा है. कोई भी हिंदी मीडिया को गंभीरता से नहीं लेता उसका ये फायदा उठाते हैं. अगर यह इंटरव्यू किसी अंग्रेजी अखबार की साइट पर होता तो अब तक बवाल मच गया होता.

भास्कर कोई छोटा-मोटा अखबार नहीं, नया भी नहीं, फिर यह क्या और क्यों कर रहा है…

: यह कैसी पत्रकारिता : दैनिक भास्कर कोई छोटा-मोटा अखबार नहीं है। नया भी नहीं है। फिर यह क्या और क्यों कर रहा है। मीडिया के कॉरपोरेटीकरण में इस बात का कोई मतलब नहीं है कि संपादक कौन है या अखबार किसका है। मतलब ब्रांड का है और ब्रांड की ऐसी फजीहत। वह भी तब …

दैनिक भास्कर को घुटने टेकने पड़े, माफीनामा प्रकाशित किया

Mohammad Anas :   हजरात हजरात .. दैनिक भास्कर वालों ने आज दौसा मामलें में माफ़ी मांग ली. और इसी के साथ सांप्रदायिक, जातिवादी, कट्टरपंथी मीडिया घराने को टेकने पड़े घुटने. मैंने पहले ही दिन कहा था जनता इस लोकतंत्र में सबसे बड़ी होती है. करोड़ो/अरबों रुपये के भास्कर का नकली दंभ, अकड़ ढीली करने के लिए दौसा के एसपी योगेश यादव को बेहद शुक्रिया. योगेश जी से बात हुई थी मेरी, मैंने कहा था उनसे कि चढ़ कर रहिएगा, दबाव बनेगा लेकिन वो कोहरे की तरह हट जाएगा.

दैनिक भास्कर ने आग लगाने का पूरा इंतज़ाम किया, लेकिन दादरी इस देश का अपवाद है, दौसा मुख्यधारा है

Dilip C Mandal : भारत में पत्रकारिता, किसी अबोध बच्चे के, हाथों की, जूजी है। (कवि धूमिल से प्रेरित, संग्रह- संसद से सड़क तक) । दैनिक भास्कर ने 17 दिसंबर की डेटलाइन से एक फड़कती हुई, सनसनीख़ेज़ खबर छापी। राजस्थान के दौसा शहर में एक घर की छत पर पाकिस्तानी झंडा। पत्रकार ने इस बारे …

उन्माद फैलाने में भास्कर का रिपोर्टर गिरफ्तार, प्रबंधन को लगी मिर्ची, एसपी को दबाव में लेने की कोशिश

Mohammad Anas : इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि गैरज़िम्मेदार पत्रकारिता और भड़काऊ लेख पर भास्कर की गर्दन दबोची गई है। शर्म करो भास्कर। ब्रांड को तगड़ा झटका लगा है। एसपी योगेश यादव को दैनिक भास्कर कर रहा है ब्लैकमेल। अख़बार की ताक़त दिखाने की कोशिश। एसपी के खिलाफ ख़बर लिख कर दबाव …

भास्कर की झूठी खबर से दंगा होते-होते बचा, सोशल मीडिया पर कल्पेश याज्ञनिक की थू-थू

    Mohammad Anas : सेवा में,कल्पेश याग्निक,नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर श्रीमान, जैसा कि कुछ लोगों ने मुझे बताया कि आप दैनिक भास्कर नाम के हिंदी अखबार के नेशनल एडिटर भी हैं तो मुझे आश्चर्य हुआ कि आप एक साथ दो काम कैसे कर लेते हैं. पहला काम ये कि अपने अखबार के माध्यम से …

‘दैनिक भास्कर’ ने जिन्दा थानेदार को मार डाला!

हत्या बेलसर ओपी प्रभारी की हुई खबर छपी लालगंज थानाध्यक्ष की

अपने को देश का सबसे विश्वसनीय और नंबर-1 होने का दावा करने वाला ‘दैनिक भास्कर’ के पटना संस्करण ने पाठकों को अचंभित कर देने वाली एक खबर छापी है। 19 नवम्बर को प्रकाशित यह खबर भास्कर के पहले पन्ने पर सेकेंड लीड खबर है। बुधवार को वैशाली के लालगंज में उपद्रवियों के हमले में बेलसर के ओपी प्रभारी अजीत कुमार की हत्या कर दी गई थी पर ‘दैनिक भास्कर’ ने गुरुवार को अपने प्रकाशित खबर में जो हेडिंग ‘लालगंज के थानाध्यक्ष को उग्र भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला।’

मोबाइल टावर्स लगाने का लालच और विज्ञापन के भूखे लालची अखबार… पढ़िए एक युवा ने क्यों कर लिया सुसाइड

Vinod Sirohi : जरूर शेयर करें —मोबाइल टावर्स लगाने का लालच और विज्ञापन के भूखे लालची अखबार — आप पर कोई बंदिश नहीं है आप इस मैसेज को बिना पढ़े डिलीट कर सकते हैं। अगर आप पढ़ना चाहें तो पूरा पढ़ें और पढ़ने के बाद 5 लोगों को जरूर भेजें।

मेरा नाम राहुल है। मैं हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना का रहने वाला हूँ। आप भी मेरी तरह इंसान हैं लेकिन आप में और मुझमें फर्क ये है कि आप जिन्दा हैं और मैंने 19 अगस्त, 2015 को रेल के नीचे कटकर आत्महत्या कर ली।

रिपोर्टर सर्वेश कुकरा ने दैनिक भास्कर के फरेबी मालिकों रमेश अग्रवाल और सुधीर अग्रवाल के खिलाफ दायर किया धोखाधड़ी का केस

: टारगेट पूरा करने के बावजूद विदेश भेजने का वादा पूरा न करने पर रिपोर्टर ने दायर किया केस, कोर्ट ने पुलिस को जांच के निर्देश दिए, अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को : हरियाणा में हिसार जिले के हांसी शहर में दैनिक भास्कर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दायर किया गया है। इसमें दैनिक भास्कर के चेयरमैन रमेश अग्रवाल, एमडी सुधीर अग्रवाल समेत कई लोगों को पार्टी बनाया गया है। दैनिक भास्कर के पूर्व रिपोर्टर सर्वेश कुकरा ने कोर्ट में दायर की गई शिकायत में कहा है कि दैनिक भास्कर ने उन्हें विज्ञापन का एक टारगेट पूरा करने के एवज में विदेश टूर का वायदा किया था।

दैनिक भास्कर ने भागलपुर के बाद गया से भी लांच किया एडिशन, अब मुजफ्फरपुर की बारी

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दैनिक भास्कर बिहार के प्रमुख शहरों में विस्तार करो अभियान के तहत अब गया जिले से भी एडिशन लांच कर दिया है. इसके पहले भागलपुर से एडिशन शुरू किया था. दैनिक भास्कर का संचालन करने वाली कंपनी डीबी कॉर्प ने बिहार में अपने नेटवर्क का विस्तार का क्रम जारी रखा हुआ है. गया में दैनिक भास्कर का एडिशन लांच होने के बाद गया दैनिक भास्कर का 60वां एडिशन हो गया है.

अखबार मालिकों और लेबर अफसरों में फिर एका, दोनों मिल कर करा रहे 20J के कागजों पर साइन (देखें प्रमाण)

इस देश में बड़े लोग अपने हित में एक से एक फंडे निकालते रहते हैं और गरीब आदमी न्याय के लिए टुकुर टुकुर ताकता रह जाता है. मीडियाकर्मियों को बेहतर सेलरी और भत्ता देने के लिए बनाई गई सरकारी मजीठिया वेज बोर्ड के रिपोर्ट को लागू करने के केंद्र सरकार के कानूनी और सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक आदेश को धता बताने के लिए मीडिया मालिकों ने झूठ दर झूठ बोलने का काम शुरू कर दिया है. किस तरह पैसे बचा लिए जाएं और अपने कर्मियों को कम दाम में काम करने को मजबूर किया जाता रहे, इसके लिए रोजाना ये अखबार मालिक नए तरीके निकाल रहे हैं.

जानिए, कैसे ब्लैकमेल करते हैं ये दैनिक भास्कर वाले… (सुनें टेप) …रिपोर्टर ने संपादक के लिए प्राचार्य से मांगी LED

दैनिक भास्कर होशंगाबाद के सीनियर रिपोर्टर अभिषेक श्रोती ने यूनिट के संपादक अतुल गुप्ता के लिए रिश्वत में 70 हज़ार रुपये की LED मांगी है. रिपोर्टर ने यह LED ज़िले के शासकीय स्कूल पिपरिया के प्राचार्य से आगे खबर नहीं छापने और अभी तक छापी गई खबर में प्राचार्य सरयाम के विरुद हुई कार्रवाई को कलेक्टेर व जिला शिक्षा अधिकारी से फाड़कर फिकवाने के लिये मांगी है. यह खुलासा प्राचार्य द्वारा की गयी रिकॉर्डिंग में सामने आया है. रिपोर्टर द्वारा रिश्वत मांगने के बाद प्राचार्य ने इस रिकॉर्डिंग को सार्वजानिक की है.

मेरा संपादक श्याम शर्मा और एचआर विकास विजयवर्गीय मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं : रणजीत सिंह राजपूत

आदरणीय यशवंत सिंह
संपादक
भड़ास4मीडिया

महोदय मैं रणजीत सिंह राजपूत, सब एडिटर, दैनिक भास्कर भीलवाड़ा में हूं. वर्तमान में मुझे यहां कार्यरत संपादक श्याम शर्मा एवं एचआर विकास विजयवर्गीय प्रताड़ित कर रहे हैं. मेरे खिलाफ तरह तरह की बातें और अफवाह फैला रहे हैं. ये दोनों यह लोगों को यह कह कर भ्रमित कर रहे है कि रणजीत सिंह राजपूत ने रिजाइन दे दिया है. ये लोग मुझे  इरादतन मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं ताकि मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ जाए या मैं उत्पीड़न से परेशान होकर नौकरी छोड़ दूं.

भास्कर ने शोलापुर से रांची तबादला किया तो हेमंत कोर्ट से स्टे ले आए

भास्कर समूह डीबी कार्प को उसके इंप्लाई हेमंत चौधरी ने तगड़ा सबक सिखाया है. मजीठिया वेज बोर्ड के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने वाले भास्कर के मीडियाकर्मी हेमंत चौधरी को प्रबंधन ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट उमेश शर्मा के माध्यम से मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर अवमानना याचिका लगाने वाले हेमंत चौधरी का पिछले दिनों भास्कर प्रबंधन ने शोलापुर से रांची तबादला कर दिया.

भास्कर के रिपोर्टर की शासन से शिकायत

होशंगाबाद : भास्कर के एक रिपोर्टर की हरकतों से तंग आकर जिला चिकित्सालय हौशंगाबाद (मध्यप्रदेश) की नर्सों ने प्रदेश के प्रमुख सचिव से इंसाफ की गुहार लगाई है। सचिव ने आरोप का संज्ञान लेते हुए जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

आरोपी रिपोर्टर अमित शर्मा

क्या पैसों की भूख और धंधे की हवस में सुधीर अग्रवाल सर कहीं खो गए?

(रजनीश रोहिल्ला)


Rajneesh Rohilla : सुधीर अग्रवाल जी आग से खेलोगे तो जल जाओगे। बहुत हो चुका। सहने की भी सीमा है। इतना अत्याचारी आपको किसने बनाया? इतने कठोर आप कब से हो गए? क्या पैसों की भूख और धंधे की हवस में सुधीर अग्रवाल सर कहीं खो गए? जिन लोगों ने आपके लिए रात दिन एक किये, आज वो आपके काम के क्यों नहीं रहे? सर मुझे बड़े दुःख के साथ आपको यह कहना पड़ रहा है कि आपके आस-पास मीडिया का तमगा लगाए पत्रकारों का एक ऐसा गिरोह घूम रहा है, जो आपको सचाइयों से बहुत दूर किये हुए है।

मजीठिया के लिए कोर्ट गए दिव्य मराठी के हेमकांत को भास्कर प्रबंधन प्रताड़ित कर रहा

औरंगाबाद दिव्य मराठी में कार्यरत हेमकांत चौधरी अपने हक के लिए गुजरात हाईकोर्ट गए हैं. वे मजीठिया वेज बोर्ड के तहत सेलरी व एरियर न देने पर अखबार प्रबंधन के खिलाफ खुलकर लड़ रहे हैं. जैसे ही कंपनी को पता चला कि हेमकांत ने केस लगाया है, उत्पीड़न शुरू कर दिया गया. दिव्य मराठी अखबार दैनिक भास्कर समूह का मराठी दैनिक है. औरंगाबाद दिव्य मराठी से हेमकांत चौधरी द्वारा हाईकोर्ट जाने पर कोर्ट ने भास्कर मैनेजमेंट को नोटिस जारी कर दिया.

मजीठिया वेजबोर्ड संघर्ष : अपने ही जाल में फंसते जा रहे हैं भास्कर के साहेबान

हिसार : मजीठिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस करने वाले कर्मचारी अब भास्कर प्रबंधन के गले की फांस बनते जा रहे हैं। एक तरफ तो अधिकारियों को कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट में पार्टी बनाने की योजना बना रहे हैं वहीं आला अधिकारी डर के मारे लेबर कोर्ट में चल रही सुनाई में भी स्वयं न आकर अपने जूनियरों को भेज रहे हैं ताकि उनका दामन और गला दोनों सेफ रहे। सोमवार को हुई लेबर कोर्ट की सुनवाई में बाहर से कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा।

कोर्ट ने भास्कर प्रबंधन को लगाई लताड़, 17 तक मजीठिया वेज बोर्ड का हिसाब पेश करने को कहा

दैनिक भास्कर, होशंगाबाद के दर्जनों कर्मचारियों की याचिका पर बीते दिनों गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. ये याचिका मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी व एरियरर देने के लिए दायर की गई है. याचिका दायर होने के बाद भास्कर प्रबंधन लगातार अपने कर्मियों का उत्पीड़न कर रहा है पर कर्मी भी न्यायिक व कानूनी तरीके से डटकर लड़ाई लड़ रहे हैं और प्रबंधन के कागजों नोटिसों का जवाब उसी तरह मजबूत कागजी कानूनी कार्रवाई के जरिए दे रहे हैं.

कोटा के बाद दैनिक भास्कर भीलवाड़ा में भी बगावत, प्रबंधन पीछे हटा

मजीठिया वेज बोर्ड के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने वाले कर्मियों को लगातार परेशान करने के कारण भास्कर ग्रुप में जगह-जगह विद्रोह शुरू हो गया है. अब तक प्रबंधन की मनमानी और शोषण चुपचाप सहने वाले कर्मियों ने आंखे दिखाना और प्रबंधन को औकात पर लाना शुरू कर दिया है. दैनिक भास्कर कोटा में कई कर्मियों को काम से रोके जाने के बाद लगभग चार दर्जन भास्कर कर्मियों ने एकजुटता दिखाते हुए हड़ताल कर दिया और आफिस से बाहर निकल गए.

बाएं से दाएं : आंदोलनकारी मीडियाकर्मियों के साथ बात करते भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह, अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार रजनीश रोहिल्ला और जर्नलिस्ट एसोसिएशन आफ राजस्थान (जार) के जिलाध्यक्ष हरि बल्लभ मेघवाल.

दैनिक भास्कर होशंगाबाद के 25 कर्मचारी मजीठिया के लिए गए हाईकोर्ट, नोटिस जारी

दैनिक भास्कर से सबसे ज्यादा मीडियाकर्मी मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी एरियर पाने के लिए कोर्ट की शरण में गए हैं. ये संख्या हजारों में हो सकती है. ताजी सूचना होशंगाबाद यूनिट से है. यहां के करीब 25 मीडियाकर्मियों ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है. जब इसकी खबर भास्कर के वरिष्ठ पदाधिकारियों को मिली तो इन्होंने हाईकोर्ट जाने वालों कर्मियों को एक एक कर अलग अलग केबिन में बुलाया और धमकाना शुरू कर दिया. इन्हें नौकरी से निकाल दिए जाने की धमकी भी दी गई है. कर्मचारियों से कहा गया कि उन्हें सात दिन गैर-हाजिर दिखाकर नौकरी से टर्मिनेट कर दिया जाएगा.

दैनिक भास्कर प्रबंधन नीचता पर उतारू, आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कर्मियों के खिलाफ थाने में झूठी शिकायत

दैनिक भास्कर कोटा में मजीठिया वेज बोर्ड के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर प्रबंधन द्वारा किए जा रहे दमनात्मक कार्यवाहियों का सिलसिला थमा नहीं है. पांच छह कर्मियों को आफिस आने से मना करने के बाद अब इनके खिलाफ प्रिंटिंग मशीन खराब करने की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई है. इससे कर्मचारियों में रोष फैल गया. सभी आंदोलनकारी कर्मचारियों ने प्रबंधन की इस नीचता के खिलाफ एकजुट रहने और आखिरी दम तक लड़ने का संकल्प लिया है. इस बीच भास्कर प्रबंधन ने अपने सभी विभागों के राजस्थान हेड को कोटा भेज दिया है और संकट से निपटारे की कोशिश शुरू कराई है.

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के साथ बैठक के बाद ग्रुप फोटो खिंचाते दैनिक भास्कर कोटा के हड़ताली मीडियाकर्मी.

सलाखों के भय से ‘चंडीगढ़ इंडियन एक्सप्रेस’ ने मजीठिया आधा-अधूरा लागू किया, …लेकिन भास्कर कर्मियों का क्या होगा?

सबके दुख-सुख, विपदा-विपत्ति, परेशानी-मुसीबत, संकट-कष्ट, मुश्किल-दिक्कत, आपत्ति-आफत आदि-इत्यादि को अपनी कलम-लेखनी, कंप्यूटर के की-बोर्ड से स्टोरी-आर्टिकल, समाचार-खबर की आकृति में ढाल कर अखबारों, समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की अनवरत मशक्कत-कसरत करने वाले मीडिया कर्मियों को अपने ही गुजारे के लिए मिलने वाली पगार अमृत समान हो गई है। हां जी, अमृत समान! मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों को लेकर अखबारों के कर्मचारियों और मालिकान के बीच चल रही लड़ाई शायद इसी पौराणिक कथा का दूसरा, पर परिवर्तित रूप लगती है।

दैनिक भास्कर ने कुछ संस्करणों में ‘जेड प्लस’ फिल्म के लेखक रामकुमार सिंह का नाम रिव्यू से हटाया

Ajay Brahmatmaj : जयप्रकाश चौकसे के कॉलम ‘पर्दे के पीछे’ से दैनिक भास्‍कर के जयपुर समेत कुछ संस्‍करणों में फिल्म के लेखक Ramkumar Singh का नाम हटा दिया गया। पत्रकार बिरादरी की तुच्‍छता है यह। यह शर्मनाक और दुखद है। फिलहाल जयप्रकास चौकसे को पढ़ें और कल फिल्‍म देखने का फैसला करें। शेयर करें और दूसरों को पढ़ाएं।

मुंबई के वरिष्ठ फिल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज के फेसबुक वॉल से.

बिहार विस चुनाव से पहले भास्कर का प्रकाशन गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर से करने की तैयारी

: बिहार में छा जाने की भास्कर की योजना : देखते-देखते सम्पूर्ण बिहार में छा जाना है। भास्कर इसी रणनीति के तहत काम कर रहा है। भास्कर ने बिहार-झारखंड में ‘हिन्दुस्तान‘ को चमकाने वाले वाइस प्रेसिडेट वाईसी अग्रवाल को अपने साथ क्या जोड़ा, पटना के सभी अखबारों में हड़कंप मचा हुआ है। ‘हिन्दुस्तान‘ की दुर्गति तो अपने आप हो रही है। कंटेंट खत्म और भराउ मैटर ज्यादा। यही है हिन्दुस्तान की दशा। बिहार में अगले साल नवंबर में विधान सभा का चुना होना है। भास्कर प्रबंधन की मंशा है कि इसके पूर्व ही गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर से इसका प्रकाशन प्रारंभ कर दिया जाये।

दैनिक भास्कर को औकात दिखाने वाले सीनियर रिपोर्टर रजनीश रोहिल्ला को आप भी सलाम करिए

रजनीश रोहिल्ला


9950954588. ये मोबाइल नंबर रजनीश रोहिल्ला का है. अजमेर में हैं. यहीं से प्रकाशित दैनिक भास्कर अखबार में सीनियर रिपोर्टर हैं. इन्होंने भास्कर प्रबंधन की आंख में आंख डालकर कहा- ”मजीठिया दो”. न मिलना था सो न मिला. उल्टे ट्रांसफर और प्रताड़ना का दौर शुरू. तब फिर रजनीश रोहिल्ला ने भास्कर प्रबंधन की आंख में आंख डालकर कहा- ”तुझे तेरी औकात दिखाउंगा”. ठान लिया तो पूरी कायनात रजनीश रोहिल्ला के लक्ष्य को पाने-दिलाने में जुट गई.

दैनिक भास्कर अजमेर ने छापी ईद की एक साल पुरानी फोटो

old photo

हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा अखबार होने का दावा करने वाला दैनिक भास्कर अब लगता हैं बासी व पुरानी फोटोज़ से ही अपनी गुजर बसर कर रहा हैं। भास्कर के कर्मचारियों के आलस्य का अनुमान आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक फोटो जो साल भर पहले भास्कर ने ही अपने अखबार में छापी थी उसे फिर से आज अखबार में छाप दिया गया। अगर कोई खड्ड़ा या कोई ऐसी समस्या की फोटो होती जो साल भर पूर्व भी ऐसी थी और अब भी वैसी हैं तो समझ आता हैं मगर फोटो तो थी ईद पर नमाज अदा कर रहे अकीदतमंदों की।