यमुनानगर। खनन माफिया से जुड़े लोगों से पैसे लेने के लिये यमुनानगर में कई पत्रकार बदनाम है। जिनकी औकात कभी साईकिल की नहीं रही वह आजकल दो-दो कारों से घूमने लगे हैं। इतना ही नहीं कई पत्रकारों ने तो महिलाओं को बतौर अपनी पीए रखने का चलन शुरू कर दिया है। इन आरोपों प्रत्यारोपों के बीच ख़बर है खिजराबाद के एसएचओ ने एक व्यक्ति की शिकायत पर दो पत्रकारों के विरुद्ध ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज किया है। बताया जाता है कि पुलिस को लंबे समय से इस संबध में शिकायतें मिल रही थीं। मामला पत्रकारों से जुड़ा था इसलिए पुलिस अब तक थोड़ा ढिलाई बरत रही थी। लेकिन जब मामला ज्यादा बढ़ने लगा तो पुलिस ने दो पत्रकारों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया।
इनमें से एक दैनिक भास्कर का रविंद्र चौहान है व दूसरा सतीश कुमार जालंधर से प्राकशित दैनिक सवेरा का पत्रकार बताया जा रहा है। दोनों पत्रकारों पर ब्लैकमेंलिंग के आरोपों के चलते आईपीसी की दफा 384 के तहत मामला दर्ज हुआ है। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि मामले में कितनी सच्चाई है लेकिन बताया जाता है कि दैनिक भास्कर के नाम पर यहां से रोज़ बड़ी राशि बटोरी जाती रही है। ये देखना दिलचस्प होगा कि दैनिक भास्कर के उच्चाधिकारियों को इस गोल-माल की भनक नहीं लगी या फिर अन्य कारण थे जिसके चलते संबंधित पत्रकार पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
रविंद्र चौहान ने बताया कि उनकी इस मामले में कोई संलिप्तता नहीं है। खनन माफिया के दवाब के कारण पुलिस ने उन पर झूठा मुक़दमा दर्ज किया है। उन्होने स्वयं पुलिस अधीक्षक से मिल कर मामले की किसी भी स्तर की जांच कराने को कहा है। रविंद्र ने बताया कि मामले के दूसरे आरोपी सतीश कुमार से उनका कोई संबंध नहीं है। वहीं दैनिक सवेरा के ब्यूरो चीफ ने बताया कि सतीश अब उनके अख़बार के लिए काम नहीं करता। उसे कुछ समय पहले नौकरी से निकाल दिया गया था।
पत्रकारों द्वारा ब्लैकमेलिंग के इस मामले में पुलिस टीवी चैनल के उन दो पत्रकारों की भी जांच कर रही है जो शराब के ठेक पर जाकर पैसों के लिये दबाब बनाते रहे हैं। इनमें से एक पहले भी बदनाम रहा है और दूसरा कुछ वर्ष पुर्व ही इस लाईन में आया है। एक अन्य टीवी पत्रकार व महिला पत्रकार भी पुलिस के राडार पर बताये जा रहे हैं। इनकी भी लिखित शिकायत पुलिस के पास आई है।
भड़ास को भेजे गए पत्र पर आधारित।