Connect with us

Hi, what are you looking for?

आयोजन

भोजपुरी लोक और साहित्य में भिखारी ठाकुर

नई दिल्ली: मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली द्वारा भोजपुरी के सुप्रसिद्ध नाटककार भिखारी ठाकुर की जयंती के अवसर पर ’भोजपुरी लोक और साहित्य में भिखारी ठाकुर’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन अकादमी के उपाध्यक्ष, श्री कुमार संजॉय सिंह के सान्निध्य और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. गोपेश्वर सिंह’ की अध्यक्षता में दिल्ली विश्वविद्यालय में किया गया। वक्ता के रूप में डॉ. चन्द्रदेव यादव, डॉ.सुनील तिवारी, श्री रंजन कुमार त्रिपाठी, श्री उमेश चतुर्वेदी एवं डॉ. मुन्ना पाण्डेय उपस्थित थे। संचालन अकादमी के सदस्य डॉ. टी.एन.ओझा ने किया। अकादमी की ओर से धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ. जीत राम भट्ट ने किया। 

<p>नई दिल्ली: मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली द्वारा भोजपुरी के सुप्रसिद्ध नाटककार भिखारी ठाकुर की जयंती के अवसर पर ’भोजपुरी लोक और साहित्य में भिखारी ठाकुर’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन अकादमी के उपाध्यक्ष, श्री कुमार संजॉय सिंह के सान्निध्य और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. गोपेश्वर सिंह’ की अध्यक्षता में दिल्ली विश्वविद्यालय में किया गया। वक्ता के रूप में डॉ. चन्द्रदेव यादव, डॉ.सुनील तिवारी, श्री रंजन कुमार त्रिपाठी, श्री उमेश चतुर्वेदी एवं डॉ. मुन्ना पाण्डेय उपस्थित थे। संचालन अकादमी के सदस्य डॉ. टी.एन.ओझा ने किया। अकादमी की ओर से धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ. जीत राम भट्ट ने किया।  </p>

नई दिल्ली: मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली द्वारा भोजपुरी के सुप्रसिद्ध नाटककार भिखारी ठाकुर की जयंती के अवसर पर ’भोजपुरी लोक और साहित्य में भिखारी ठाकुर’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन अकादमी के उपाध्यक्ष, श्री कुमार संजॉय सिंह के सान्निध्य और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. गोपेश्वर सिंह’ की अध्यक्षता में दिल्ली विश्वविद्यालय में किया गया। वक्ता के रूप में डॉ. चन्द्रदेव यादव, डॉ.सुनील तिवारी, श्री रंजन कुमार त्रिपाठी, श्री उमेश चतुर्वेदी एवं डॉ. मुन्ना पाण्डेय उपस्थित थे। संचालन अकादमी के सदस्य डॉ. टी.एन.ओझा ने किया। अकादमी की ओर से धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ. जीत राम भट्ट ने किया। 

इस अवसर पर अकादमी के उपाध्यक्ष श्री कुमार संजॉय सिंह ने कहा कि भिखारी ठाकुर को उनकी जाति-पेशे के हवाले से दया और सहानुभूति का पात्र बनाना कतई उचित नहीं है। सामाजिक सुधार के इस प्रखर योद्धा ने छाती ठोक कर अपनी जाति, पेशा और  पेशे के  उद्देश्य का बार-बार एलान किया था –    ’कहत भिखारी हम ना हईं नचनिया, नचवे में रहि के कहिले कहनिया.’

Advertisement. Scroll to continue reading.

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रो. गोपेश्वर सिंह ने कहा कि साहित्य वही प्रभावशाली होता है जो सहज भाव से जनसाधारण तक सीधे पहुँच सके। भिखारी ठाकुर ने नाच और नौंटकी की जिस परम्परा को विकसित किया वह आज भी प्रचलित है, उसका यह प्रमाण है। उन्होंने कहा कि काफी समय तक नकारे गए भिखारी ठाकुर के जीवन काल में ही उन पर काफी कुछ लिखा जा रहा था। प्रबुद्ध समाज ने उनकी स्वीकार्यता तभी बन चुकी थी।

संगोष्ठी में वक्ता के रूप में डॉ. चन्द्रदेव यादव ने कहा कि भोजपुरी भाषा को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भिखारी ठाकुर का बहुत बड़ा योगदान रहा है। समाज और संस्कृति के उत्थान में उनकी भूमिका कभी भुलाया नहीं जा सकता। डॉ0 सुनील तिवारी ने कहा कि भिखारी ठाकुर ने लोक साहित्य को अपनी रचनाओं व नाटकों के माध्यम से बहुत ही सुनियोजित ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने अपनी रचनाओं में उस समय की ज्वलंत समस्याओं को बहुत कारगर ढंग से उजागर किया है। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्री उमेश चतुर्वेदी ने कहा कि 1922 से 1960 तक के काल को हम भिखारी ठाकुर के कारण भोजपुरी का स्वर्णिम काल कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि भिखारी ठाकुर ने जहाँ अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वहीं स्वतंत्रता आन्दोलन में भी उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावशाली योगदान दिया।

डॉ. रंजन कुमार त्रिपाठी ने कहा कि भिखारी ठाकुर ने धार्मिक परम्परा से लोक परम्परा का निर्माण कर समाज में नई चेतना का संचार किया। भिखारी ठाकुर ने अपनी रचनाओं में अद्भूत उद्धरण प्रस्तुत कर भोजपुरी भाषा को एक नयी दिशा दी। उन्होंने कहा कि भिखारी ठाकुर की रचनाओं का संस्कृत में भी अनुवाद होना चाहिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

डॉ. मुन्ना पाण्डेय ने कहा कि राहुल सांस्कृत्यान ने भिखारी ठाकुर की रचनाओं के आधार पर ही उन्हें अनगढ़ हीरा माना है। उन्होंने ही सबसे पहले कोख पर महिलाओं के अधिकार की बात कही थी। भिखारी ठाकुर ने नारी संवाद के माध्यम से बहुत ही सार्थक व्यंग्य किए हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement