समरेंद्र सिंह-
बहुजन राजा को नाच पसंद है! शौक बड़ी चीज होती है। समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव को नाच का शौक था। उनके बेटे अखिलेश यादव को भी नाच का शौक है। इन्होंने नाच के लिए सैफई में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनवा दिया। अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बड़े शहरों में बनाया जाता है। जहां हवाई जहाज उतरते हों, जहां खिलाड़ियों और मैनेजरों के लिए पांच सितारा होटल हों। और एक बड़ी ऑडियंस हो। लेकिन समाजवादी नेताओं को नाच का शौक था इसलिए सैफई में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बना और उस स्टेडियम में बॉलिवुड के सितारों ने नाच किया।
सितारों और वीआईपी मेहमानों के रुकने के लिए दो वीवीआईपी गेस्ट हाउस बनवाए गए। सलमान से लेकर माधुरी दीक्षित और आलिया भट्ट तक ने कमर मटकाई। नाच पर प्रदेश की गरीब जनता के अरबों रुपये खर्च हो गए। आधुनिक युग के राजा का शौक पूरा हुआ। पिछड़ों के मसीहा का शौक पूरा हुआ। समाजवादी राजा का शौक पूरा हुआ। शौक बड़ी चीज है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी नाच और मुशायरे का शौक है। अभी इनकी हैसियत और बेशर्मी मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के स्तर तक नहीं पहुंची है। इसलिए इन्होंने एक मंचीय कवि, दरबारी कवि, घनघोर ब्राह्मणवादी कवि कुमार विश्वास पर मात्र 60 लाख रुपये खर्च किए हैं। छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकार को मात्र 33 हजार रुपये दिए गए और इस दरबारी भांट को 60 लाख रुपये दिए गए। क्यों? क्योंकि राजा को नाच पसंद है! समाजवादी राजा को नाच पसंद है! कांग्रेसी राजा को नाच पसंद है और भांट पसंद है! ब्राह्मण भांट पसंद है!
(तस्वीर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार आलोक पुतुल जी की वॉल से चुराई गई है।)
लेखक समरेंद्र लम्बे समय तक एनडीटीवी में कार्यरत रहे हैं.