सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड(सीबीएफसी) के 17 सदस्यों को उनके कार्यकाल की समाप्ति के करीब 45 दिन बाद पत्र द्वारा सूचित किया है कि उनके कार्यकाल की अवधि बढ़ा दी गयी है। मीडिया में आयीं ख़बरों के अनुसार सदस्यों के कार्यकाल का विस्तार 15 जुलाई से प्रभावी माना जाएगा। मंत्रालय के फिल्म प्रभाग की निदेशक द्वारा यह पत्र 2 सितंबर को किया गया है। पत्र में विस्तार अवधि का जिक्र नहीं है, यह ‘अग्रिम आदेशों तक’ प्रभावी रहेगा।
सीबीएफसी की अध्यक्षा लीला सैमसन ने ए बोर्ड के गठन तक इसे एक अंतरिम व्यवस्था बताया है। बोर्ड के जिन सदस्यों का वास्तविक कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो गया था उन्हे पत्र द्वारा सूचित किया गया था कि उनका कार्यकाल 15 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। इसके बाद से मंत्रालय औऱ सदस्यों के बीच कार्यकाल विस्तार को ले कर कोई संवाद नहीं हुआ।
सीबीएफसी के कुछ सदस्यों को बिना उनकी सहमति के कार्यकाल बढ़ाया जाना पसंद नहीं आया है। सुछ सदस्य इस विस्तार को स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं। एक सद्स्य ने कहा कि मंत्रालय इसे विस्तार कैसे कह सकता है जबकि सदस्यता की अवधि 15 जुलायी को ही समाप्त हो गयी थी।
गौरतलब है कि पिछले महीने फिल्मों को प्रमाणित करने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में सीबीएफसी के सीईओ राकेश कुमार की गिरफ्तारी के बाद बोर्ड की अनदेखी करने को ले कर मंत्रालय की आलेचना हो रही है। गिरफ्तारी के बाद राकेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है और बाल फिल्म समिति के सीईओ श्रवण कुमार को सीबीएफसी के सीईओ की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गयी है।