सेवा में ,
श्रीमान ग्राहक सेवा अधिकारी,
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया ,
मुंबई
विषय : जांच अधिकारी द्वारा अशोभनीय व्यवहार।
महोदय
मैं प्रार्थी सिंहासन चौहान निवासी ग्राम -शाहपुर टिटिहा , थाना-भीमपुरा, जनपद-बलिया उपरोक्त लिखित विषय पर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूँ कि आपके बैंक की इब्राहिमपट्टी शाखा , बलिया में बैंक अधिकारीयों व जालसाज लोगों की मिली भगत से वर्ष 2012-13 में फर्जी खाते खोल कर सरकारी धन का आहरण किया गया। 3 खाते ऐसे हैं जिसमें एक व्यक्ति 10-15 साल पहले ही मर चुका है व दो व्यक्ति 15-20 साल से गांव में रहते ही नहीं हैं। जिकी डिटेल व जांच रिपोर्ट इस मेल के साथ संलग्न है। माइए इसकी शिकायत PGPORTAL पर की जिसकी शिकायत संख्या DEABD/E/2020/11675 दिनांक 17 मार्च 2020 है।
20 अप्रैल 2020 को एक फ़ोन 9415341375 नम्बर से 12 : 55 बजे आया और मुझसे पूछा आप सिंहासन चौहान बोल रहे हैं ? मैंने कहा जी हाँ मैं सिंहासन चौहान ही बोल रहा हूँ। दूसरी तरफ से आवाज़ आयी आपकी एक कंप्लेंट है फर्जी खाते के सम्बन्ध में मगर आपने उसमें खाता नंबर मेंशन नहीं किया है। क्या आप बैंक आ सकते हैं। मैंने जवाब दिया : जी। फिर उधर से आवाज आयी कितना समय लगेगा। मैंने कहा : आधे घंटे। मैंने कपडे पहने और बैंक चला गया , लगभग 10 मिनट में CBI इब्राहिमपट्टी पहुँच गया। मैनेजर के ऑफिस में गया तो बैंक मैनेजर व एक और व्यक्ति बैठे हुए थे। मैने अपना परिचय दिया और कहा आपने बुलाया था। सबसे पहले तो उन्होंने मुझसे मेरी ID मांगी। मैंने कहा ID तो मैं लाया नहीं। मैंने यही सोचा था कि लॉक डाउन में वैसे ही सबकुछ बंद है लोकल में ही जाना है , इसलिए पर्स भी नहीं लिया था जिसमें ID पड़ी हुई थी। वो बोले हम कैसे मान लें कि आप ही सिंहासन चौहान हो ? मैंने कहा सर आपने मेरे मोबाइल पर कॉल किया और मैं आ गया क्या ये पर्याप्त नहीं है। उसके बाद वो बोले आपने शिकायत के साथ कोई डिटेल नहीं दी है। मैंने कहा सर कंप्लेंट के साथ मैंने पेपर लगा रखे हैं , और पेपर दिखाने के लिए जेब से मोबाइल निकाला तो वो बोले आप रिकॉर्डिंग तो नहीं कर रहे , पहले आप मोबाइल बाहर रखिये|
मैंने कहा रिकॉर्डिंग नहीं कर रहा हूँ आपको पेपर दिखा रहा हूँ। बैंक मैनेजर ने मेरे से मोबाइल लेकर पहले चेक किया जब वो आश्वस्त हो गए कि रिकॉर्डिंग मोड़ में नहीं है तो फ़ोन वापस कर दिया। फिर मैंने देखा कंप्लेंट की कॉपी देखा तो उनके टेबल पर पड़ी हुई थी। वो मैंने उठाया और बोला सर हैं तो। इसमें खाता संख्या कहाँ है। मैंने कहा नाम तो है वर्ष है आप इस आधार पर खोज लीजिये। वो बोले 40 लाख से ज्यादा खाते हैं। कैसे ढूंढेंगे। मुझे बहुत हंसी आ रही थी उनकी इस बात पर इस डिजिटल युग में ऐसी बात कर रहे हैं। नाम पता है साल पता है ब्रांच पता है फिर क्या दिक्कत है। इसी बात को लेकर मेरी बहस हो गयी उनसे। उनका बात करने का अंदाज बदल गया। वो बोले क्या सबूत है कि ये खाता हमारे बैंक के हैं। मैंने उन्हें दिखाया ये इब्राहिमपट्टी लिखा हुआ है और 28751 आपके ही बैंक का कोड है। वो बोले ये कोई साबुत नहीं है। आप का काम ही शिकायत करना है। आपका हिस्सा नहीं मिला तो आपने शिकायत कर दी। आप खुद बैंक के डिफॉल्टेर हो लोन लेकर भर नहीं रहे हो|
इतनी बातें सुनकर मुझे गुस्सा आया और मैं बोला मैं भागा नहीं जा रहा जब मेरे पैसे होंगे मैं भर दूंगा। आपको जो रिपोर्ट लगानी है लगाइये मगर आपने जो शब्द कहे हैं वही बातें मैं पोर्टल पर शिकायत में लिख दूंगा। इतना सुनकर वो आपे से बाहर हो गए और बोले अभी पुलिस बुलाता हूँ आपने मेरे मैनेजर को गाली दी है। मैंने कहा कब गाली दी है। उन्होंने कहा अभी दी है। आपके खिलाफ FIR करेंगे। मैंने कहा सही शिकायत पर आप कार्यवाही नहीं कर रहे और फर्जी FIR करेंगे। ठीक है वो भी कर लीजिये। उन्होंने पुलिस को फोन कर दिया। मैं ऑफिस के बाहर बेंच पर बैठ गया कुछ लोगों को व्हाट्सप्प किया। 5 मिनट में एक SI व एक सिपाही आ गए। हम फिर ऑफिस में बैठ गए। SI ने पूछा क्या बात है। इंक्वारी ऑफिसर ने बताया कि इनकी कंप्लेंट है खाता संख्या नहीं हैं हमें कैसे मान लें कि ये आदमी मरा हुआ है। मैंने कहा सर वीडियो की रिपोर्ट लगी हुई है और क्या चाहिए आपको। मेरे पास जो जानकारी थी वो मैंने बता दी। अब आप पता करिये कि ये आदमी जिन्दा है या मुर्दा।
SI ने बोला कि जो ये पेपर कह रहे हैं वो ला दीजिए। मैंने कहा वो मेरा काम नहीं है फिर भी जहाँ इतना किया है वो भी कर दूंगा। मैंने DM बलिया को 9454417522 पर फ़ोन किया, देर तक घंटी बजने के बाद किसी कर्मचारी फ़ोन उठाया और कहा कि मैं DM आवास से बोल रहा हूँ आप दुबारा DM साहब को फ़ोन कर लीजिये। मैंने कहा मैंने उन्ही के नंबर पर फोन किया था। वो बोला नंबर उन्हीं का है जब वो नहीं उठाते हैं तो हमारे पास डाइवर्ट हो जाता है। उसके बाद मैंने संजय जी को 9473873593 पर फ़ोन किया ADO पंचायत सियर और उनको पूरा मामला बताया और कहा ये अधिकारी जांच के लिए आये हैं इनको क्या पेपर चाहिए लीजिये और फोन इंक्वारी ऑफिसर को दिया सर ये ADO हैं इनको बता दीजिये ब्लॉक से आपको क्या चाहिए। मगर इंक्वारी ऑफिसर ने फ़ोन लेने से मना कर दिया। थोड़ी देर बाद वो चलने के लिए तैयार हुए तो मैंने कहा सर आपका नाम प्लीज। उन्होंने अपना नाम बताने से इंकार कर दिया। पूछने पर उन्होंने अपना नाम ………… श्रीवास्तव बताया। नाम मुझे पूरा ध्यान नहीं है मगर उनका टाइटल श्रीवास्तव है।
महोदय क्या आपके अधिकारी ग्राहक या शिकायत कर्ता से ऐसे ही बात करते हैं। मेरे मन में कुछ सवाल है जो कि निम्न हैं :
1 .इंक्वारी ओफ्फिसरको कैसे पता चला कि मेरा काम ही शिकायत करना है। इस सम्ब्नध में मैं यही कहूंगा गलत काम के लिए आम पब्लिक शिकायत नहीं करेगी तो कौन करेगा। अगर मैं शिकायत ही करता हूँ तो इसका बैंक से क्या लेना देना है?
2 . जब वो मुझे जानते ही नहीं तो कैसे कह रहे थे कि मैं उनके बैंक का डिफॉल्टर हूँ। इसका मतलब मेरे बारे में पूरी जानकारी उन्हें पहले से पता चल गयी थी। मैं बैंक का डिफालटर नहीं हूँ। मैंने अपनी लड़की की पढाई के लिए वैध तरीके से एजुकेशन लोन लिया था। ग्रेजुएशन पूरा होने बाद इस बेरोजगारी के दौर में मेरी लड़की को जॉब नहीं मिल सका और मेरी भी आर्थिक स्थिति इस समय सही नहीं है कि मैं लोन समय पर भर सकूँ। में मेरा ये कहना है की मेरा पैन कार्ड नं AQBPC4720E है। मेरी लोन डिटेल्स चेक की जा सकती है। इससे पहले भी मैंने दो बार लोन लिया है और समय पर भरा है। जब भी मेरे पास पैसे होंगे सबसे पहले मैं बैंक का लोन भरूंगा। अगर बैंक को ज्यादा ही जल्दी है तो इब्राहिमपट्टी ब्रांच में वैसे भी स्टाफ की कमी रहती है मैं कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में डिप्लोमा हूँ , बैंक चाहे तो मुझे इब्राहिमपट्टी शाखा में काम देकर अपने पैसके पिता का नाम मालूम है से वसूल सकता है।
3. ब्रांच मैनेजर व एन्कवारी ऑफिसर का ये कहने कि सिर्फ नाम के आधार पर खाते ढूँढना नामुमकिन है मगर मुझे उनके ये बात हास्यपद लगती है कि इस डिजिटल युग में वे ऐसे बात कर रहे हैं। खाताधारक का नाम मालूम है, उनके पिता का नाम मालूम है, ब्राँच मालुम है , वर्ष मालुम है फिर ढूंढने में क्या दिक्कत है। फिर इन्क्वारी ऑफिसर न ये बात कैसे कही कि हमारी बात प्रधान पंकज सिंह से हुई थी वो कह रहे थे कि बहुत पहले का खाता है हमें याद नहीं है। फिर ये उन्हें कैसे पता चला कि ये खाते पंकज सिंह ने खुलवाए हैं ? इसका मतलब मेरे आने से पहले वो खाताधारकों की सारी डिटेल निकाल चुके थे।
4 . उन्होंने मेरे ऊपर इल्जाम लगाया कि मुझे हिस्सा नहीं मिला तो मैंने शिकायत कर दी। महोदय मैं भिखारी नहीं हूँ जो किसी गरीब खा जाऊंगा। मेरा ये सवाल है इस फर्जीवाड़े में बैंक कर्मचारियों का कितना हिस्सा था और पंकज सिंह ने जांच अधकारी को कितने पैसे रिश्वत दी।
5 . जाँच अधिकारी ने मुझसे मुर्दे का मृत्यु प्रमाणपत्र लाने के लिए बोला। इस संदर्भ में मैं ये कहना चाहता हूँ कि सचिव मुझे मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं देंगे। वो ऑफिसियली पुलिस को या बैंक को दे सकते हैं। बैंक डायरेक्ट क्यों नहीं सचिव ग्राम शाहपुर टिटिहा से मृत्यु प्रमाण पत्र कलेक्ट करता ? क्या खण्ड विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट मान्य नहीं है ? बैंक गाँव में आकर भी इस बात कि तहकीकात करे।
6 . PORTAL पर बैंक ने ये रिपोर्ट लगाकर शिकायत बंद कर दी है कि Matter has been referd to LDM deoria to investigate the case. शिकायत बंद कर दी गयी है मुझे कैसे पता चलेगा कि इस पर क्या कार्यवाही हुई है ?
महोदय जांच अधिकारी का व्यवहार किसी भी तरह से शोभनीय/ऑफिसियल नहीं है| कृपया संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करें।
धन्यवाद,
भवदीय,
सिंहासन चौहान
ग्राम -शाहपुर टिटिहा ,
थाना-भीमपुरा,
जनपद-बलिया
Mob: 9839932064