नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट में कार्यरत वरिष्ठ तकनीकविद और पूर्व संपादक बालेन्दु शर्मा दाधीच को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मंगलवार को एक भव्य समारोह में प्रतिष्ठित ‘आत्माराम पुरस्कार’ से सम्मानित किया। श्री दाधीच को यह पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिए हिंदी भाषा को समृद्ध बनाने के लिए दिया गया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और अनेक गणमान्य हस्तियाँ मौजूद थीं। पुरस्कार के तहत मानपत्र और एक लाख रुपए की राशि दी जाती है।
राष्ट्रपति ने श्री दाधीच को मानपत्र से सम्मानित किया। शाम को एक अन्य समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री प्रो. राम शंकर कठेरिया ने शॉल ओढ़ाकर तथा एक लाख रुपये का चेक देकर उनका अभिनंदन किया। राष्ट्रपति ने जिन अन्य हिंदी विद्वानों, साहित्यकारों और विशेषज्ञों को हिंदी सेवी सम्मान प्रदान किया उनमें साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, प्रख्यात लेखक डॉ. नरेंद्र कोहली, महेश दर्पण, बलदेव वंशी, राजीव कटारा और सुषम बेदी शामिल हैं। पिछले वर्षों के दौरान इसरो के पूर्व चेयरमैन एमजीके मेनन, पद्म विभषण जयंत विष्णु नार्लीकर और प्रसिद्ध विज्ञान लेखक गुणाकर मुले भी आत्माराम पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। यह सम्मान मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से प्रदान किया जाता है।
बालेन्दु शर्मा दाधीच सूचना प्रौद्योगिकी और न्यू मीडिया के क्षेत्र में एक सुपरिचित नाम हैं। हिंदी भाषा में तकनीकी सोच को आगे बढ़ाने तथा सूचना तकनीक के विविध पहलुओं को रहस्यजाल से मुक्त करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। हिंदी सॉफ्टवेयरों तथा वेब सेवाओं के विकास, हिंदी में न्यू मीडिया (वेब पत्रकारिता) को प्रोत्साहित करने, तकनीकी विषयों पर विषद् हिंदी लेखन के लिए जाने-पहचाने जाने वाले श्री दाधीच पहले भी अनेक पुरस्कारों और सम्मानों से अलंकृत किए जा चुके हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह और गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा भी उन्हें हिंदी भाषा के प्रति तकनीकी माध्यमों से उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित कर चुके हैं। राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. कमल किशोर गोयनका भी उपस्थित थे। आत्माराम पुरस्कार संस्थान की हिंदी सेवी सम्मान योजना में दिए जाने वाले सात पुरस्कारों में से एक है। यह विभिन्न क्षेत्रों में हिंदी के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले 14 देसी-विदेशी विद्वानों को प्रदान किया जाता है। अवार्ड दिए जाने संबंधी तस्वीर देखने के लिए नीचे क्लिक करें…
mohan lal
April 21, 2016 at 1:21 pm
Balndu ji purskar mubark ho
Mohan Lal
Jansatta, New Delhi