जब आप खुद से अपने जीवन जीने का अंदाज और प्राथमिकताएं तय करते हैं तो उसके हिसाब से आने वाले संभावित हमलों के लिए भी आपको तैयार रखना होगा, तभी आप इन हमलों से बचकर एक सफल इंसान साबित हो सकते हैं। मेरी रीढ़ की हड्डी झुकी नहीं है, गलत बातों में किसी का समर्थन करना मैंने सीखा नहीं है, जीहजुरी, दलाली, मानसिक गुलामी जैसे महागुण मुझसे हैं नहीं, गलती से मैं समझौतावादी भी नहीं हूं तो ऐसे में आपके खिलाफ एक छोटी सी बात को बतंगड़ बनाने के लिए दर्जनों दलाल निगाह गड़ाए बैठे होते हैं।
उरई में रीजनल न्यूज चैनलों का एक दलाल है उसे लोग दलालजीत सिंह के नाम से भी जानते हैं। उसका नाम दो कारणों से नहीं लिख रहा हूं क्योंकि दलाल लिखने से ही उरई के लोग समझ जाएंगे कि मैं किसकी बात कर रहा हूं। दूसरा अपने मुंह से उसका नाम लिखकर मैं उसकी औकात नहीं बढ़ाना चाहता। रीजनल चैनलों का ठेकेदार बनने वाला ये दलालजीत सिंह पत्रकारिता को दलाली का अड्डा मानता है। ये व्यक्ति बहुत समय से न्यूज नेशन/ न्यूज स्टेट जालौन के रिपोर्टर अनुज कौशिक को हटवाकर खुद को या अपने किसी मित्र को जालौन के लिए चैनल की माइक आईडी दिलवाना चाहता है। इसके लिए ये दलाल आशुतोष द्वेदी नाम से फर्जी आईडी बनाकर न्यूज स्टेट इनपुट पर खबरें भी भेजता है। इस दलालजीत सिंह ने लखनऊ के एक मठाधीश को मदिरा का प्रबंध कराने के साथ ही पैसों को लालच भी दिया था, इतना ही नहीं लखनऊ से लेकर नोयडा ऑफिस में अनुज के खिलाफ खूब दुष्प्रचार भी किया, लेकिन इसे सफलता नहीं मिल सकी।
मैं अमूमन ऐसे भौंकने वाले कुत्तों पर अपनी राय जाहिर नहीं करता सो मैं शांत रहा लेकिन अब ये दलाल मुझसे सीधे तौर पर भिड़ना चाहता है,सो इसकी औकात समय के हिसाब से दिखा दूंगा। अब इस दलाल के हाथ एक मुद्दा लग गया है जिसके माध्यम से ये मुझे बदनाम करने की नाकाम कोशिश कर रहा है।
दरअसल मैंने आरोप लगाने वाली महिला और उसके बेटे के खिलाफ अपनी बहन की तरफ से 392, 504, 506, 323 का मामला उरई कोतवाली में सात जुलाई को ही दर्ज कराया था। इस मामले में विवेचना के दौरान कोतवाली पुलिस की तरफ से उक्त महिला और उसके बेटे को हिरासत में लेने के साथ ही शांति भंग में चालान भी किया गया और चार्जशीट भी कोर्ट भी दाखिल की गई है। उक्त महिला और उसके बेटे ने कई बार पुलिस के माध्यम से मेरे और मेरे पिता के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखाने का प्रयास किया, लेकिन मामला पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में था, इसलिए बात वहीं खत्म हो गई। अब उस महिला ने कोर्ट में 156 (3) के माध्यम से मेरे ऊपर छेड़खानी का आरोप लगाया है। लेकिन गौर करने की बात ये है कि अभी तक कोर्ट की तरफ से पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश नहीं दिए गए हैं, सिर्फ एक महिला ने शिकायत कोर्ट में दी है।
महिला के आरोपों पर सफाई मैं नहीं दूंगा, क्योंकि जिस पर आरोप लगता है वो तो अपने को सही बताता ही है। इस काम को कोर्ट के ऊपर छोड़ देते हैं। इस प्रकरण से दलालजीत सिंह और उसके आका को कंधे पर बंदूक रखकर चलाने के लिए दो ऐसे मूर्ख मिल गए जिनके बयान सुनकर आप खुद ही अंदाजा लगा लेंगे कि वो कितना सच बोल रहे हैं। अब दलालजीत सिंह अपने एक साथी के साथ उस महिला के घर गया। मां-बेटे का वीडियो बनाया। आरोप सिर्फ मेरे ऊपर लगाया गया है लेकिन वेबजह अनुज कौशिक का नाम बुलवाकर चैनल का नाम बदनाम किया गया। खैर, वीडियो बनाने के लिए उस दलाल को मैं बधाई और धन्यवाद देना चाहता हूं, वीडियो में मां-बेटे के बयान पूरी तरह से मेरे हक में हैं, जो शायद मैं कैमरे पर कभी कैद नहीं कर पाता।
खैर जो मुझे जानते हैं उनको पता है कि मैं पत्रकारिता पूरी शिद्धत औऱ अपने सिद्धातों के साथ करता हूं,ऐसी छोटी मोटी बाधाएं मुझे मजूबत ही करती हैं। अगर आपका स्वभाव झुकाव वाला या गुलामी वाला नहीं है तो ऐसी बातों के लिए आपको तैयार रहना होता है।
नीरज पटेल
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