गोरखपुर : गोरखपुर के पत्रकार सत्येंद्र कुमार ने एक दरोग़ा पर मुक़दमा चलाने के लिए वाद दायर करने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुमति माँगी है।
पिछले साल लॉक डाउन के समय पत्रकार सत्येंद्र ने जहरीली शराब बनाने बेचने का स्टिंग किया था। इसके बाद उस क्षेत्र के चौकी इंचार्ज पर गाज गिरी और वे लाइन हाजिर हो गए। तब से दरोगा जी पत्रकार से खुन्नस खाये बैठे थे। रही सही कसर तब पूरी हो गयी जब दरोगा जी छेड़खानी और बलात्कार का प्रयास करने वाले आरोपी के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय उससे अपनी पुरानी मित्रता निभाने लगे। इस घटना की भी खबरें चलने लगी।
सूबे के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पत्रकार ने आरोप लगाया है कि दरोगा जी जनपद के कुख्यात अपराधियों तथा अन्य लोगो की मदद से मुझे किसी फर्जी मामले में फसाने तथा मेरी हत्या का तानाबाना बुनने मे लगे हुए है जिसकी खबर मुझे अपने सशक्त माध्यमो से लग चुकी है।
सब जानते हैं कि वर्दी के खिलाफ वर्दी मुकदमा तभी लिखती है जब कोई बड़ा कांड हो जाए या फिर अपनी छीछालेदर होने से बचाना हो। इसलिए पत्रकार ने सीआरपीसी की धारा 197 के तहत सूबे के सी एम साहब को नियमानुसार पत्र लिखकर दरोगा के खिलाफ मुकदमा दायर करने की अनुमति मांगी है।
पत्रकार सत्येंद्र कुमार का कहना है कि मुकदमा होना तो तय है लेकिन इसके लिए पहले सूबे के मुख्यमंत्री को पत्र भेजने की औपचारिकता को पूरा करना आवश्यक होता है क्योंकि वर्दीधारी एक लोकसेवक है। दरोगा का तबादला भले ही किसी भी जनपद में हो जाये, लेकिन दरोगा जी को अक्सर घूमने के लिए गोरखपुर कचहरी तो आना ही पड़ेगा।