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दिल्ली प्रेस क्लब चुनाव में राहुल जलाली-नदीम पैनल की तरफदारी

दिल्ली : प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का 30 मई, 2015 को चुनाव होने जा रहा है। चुनाव में राहुल जलाली-नदीम पैनल के लिए वोट मांग रहे पैरोकारों का कहना है कि इस बार का चुनाव काफी अहम है। इस साल प्रेस क्लब की नई इमारत की नींव रखी जानी है। पैनल का दावा है कि क्लब की बेहतरी के लिए कार्यकारिणी के तहत कई उप-समितियां गठित करेंगे और उनमें कर्मठ सदस्यों को मनोनीत करेंगे। मीडिया से जुड़ी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएग। फिल्म क्लब, गोष्ठियां, सेमीनार और खेलों से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रेस क्लब में कीमतों को तर्कसंगत बनाए रखने के लिये गंभीर प्रयास किये जाएंगे। वैट, सेल टैक्स, सर्विस टैक्स जैसे सरकारी करों में रियायत के लिए सरकार से बातचीत की जाएगी।

<p>दिल्ली : प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का 30 मई, 2015 को चुनाव होने जा रहा है। चुनाव में राहुल जलाली-नदीम पैनल के लिए वोट मांग रहे पैरोकारों का कहना है कि इस बार का चुनाव काफी अहम है। इस साल प्रेस क्लब की नई इमारत की नींव रखी जानी है। पैनल का दावा है कि क्लब की बेहतरी के लिए कार्यकारिणी के तहत कई उप-समितियां गठित करेंगे और उनमें कर्मठ सदस्यों को मनोनीत करेंगे। मीडिया से जुड़ी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएग। फिल्म क्लब, गोष्ठियां, सेमीनार और खेलों से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रेस क्लब में कीमतों को तर्कसंगत बनाए रखने के लिये गंभीर प्रयास किये जाएंगे। वैट, सेल टैक्स, सर्विस टैक्स जैसे सरकारी करों में रियायत के लिए सरकार से बातचीत की जाएगी।</p>

दिल्ली : प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का 30 मई, 2015 को चुनाव होने जा रहा है। चुनाव में राहुल जलाली-नदीम पैनल के लिए वोट मांग रहे पैरोकारों का कहना है कि इस बार का चुनाव काफी अहम है। इस साल प्रेस क्लब की नई इमारत की नींव रखी जानी है। पैनल का दावा है कि क्लब की बेहतरी के लिए कार्यकारिणी के तहत कई उप-समितियां गठित करेंगे और उनमें कर्मठ सदस्यों को मनोनीत करेंगे। मीडिया से जुड़ी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएग। फिल्म क्लब, गोष्ठियां, सेमीनार और खेलों से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रेस क्लब में कीमतों को तर्कसंगत बनाए रखने के लिये गंभीर प्रयास किये जाएंगे। वैट, सेल टैक्स, सर्विस टैक्स जैसे सरकारी करों में रियायत के लिए सरकार से बातचीत की जाएगी।

दावा है कि पिछले चार साल में प्रेस क्लब के नए भूखंड के लिए पूरा भुगतान केंद्र सरकार को कराने में वे सफल रहे हैं। वे इस निरंतरता को बनाए रखना चाहते हैं ताकि एक भव्य और आधुनिक प्रेस क्लब इमारत का निर्माण कर अपने सदस्यों को गौरवान्वित होने का सुखद मौका दे सकें। नई इमारत का निर्माण एन.बी.सी.सी., सी.पी.डब्लू.डी अथवा दिल्ली मेट्रो जैसी सरकारी संस्थाएं ही करेंगी ताकि भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश ही न रहे। वैसे भी नई दिल्ली के लुटियन जोन में प्राइवेट बिल्डर्स को निर्माण की अनुमति नहीं है। 

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इस साल (2015) के चुनाव में कंपनी अधिनियम 25 के तहत सभी उम्मीदवारों को एक-एक लाख रुपय की राशि जमानत के तौर पर देनी पड़ी है। सरकार के इस निर्णय का विरोध किया गया और इसे निरस्त रखने के कई प्रयास किये। इस निर्णय में संशोधन लाने का अधिकार केवल संसद को ही हैं।

संसद ने सभी कंपनियों के लिये ये कानून 2013 में पारित किया था। प्रेस क्लब की स्थापना 1957 में कंपनी एक्ट के तहत हई थी। इसलिए यह कानून मानने के लिये बाध्य हैं। दिल्ली जिमखाना और चेम्सफोर्ड समेत कई क्लब, सामाजिक संगठन और चैरिटबल संस्थानों में भी यह कानून लागू हो गया है। कोशिश होगी कि इस संगठनों के साथ मिलकर एक लाख रुपये की जमानत राशि को निरस्त बनाने के लिए सरकार पर कानून में संशोधन करने के लिये दबाव डालें। 

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इस वर्ष की कार्यकारिणी के प्रमुख कार्यों का ब्योरा देते हुए बताया गया है कि क्लब को आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़ा किया गया। क्लब के नए भवन के लिये सरकार को पूरा भुगतान किया गया। सभी सदस्यों के लिये स्वास्थ्य बीमा जारी रखा गया। क्लब में कम्प्यूटरों पर काम करने के लिये टर्मिनलों की व्यवस्था की गई। पूरे क्लब में वाई-फाई की व्यवस्था की गई। क्लब का सुन्दरीकरण किया गया। रविवार को विशेष व्यंजन और पकवानों की व्यवस्था की गई। सदस्यों के लिए समय-समय में स्वास्थ्य संबंधी जांच की व्यवस्था की। बाहरी और अनावश्यक लोगों को क्लब परिसर में आने से रोकने के लिये रेल आरक्षण केंद्र का स्थान बदला गया। प्रेस क्लब की त्रैमासिक “The Scribes World” पत्रिका के सफलता पूर्वक 3 अंकों का प्रकाशन हुआ। पहली बार क्लब में पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। 

इस पैनल ने आगामी कार्यों का ब्योरा देते हुए बताया है कि क्लब की नई इमारत का काम शुरू करवाया जाएगा। नई इमारत का निर्माण सिर्फ सरकारी कंपनियों से ही करवाया जाएगा। चुनाव लड़ने के लिये एक लाख रुपये की कानून जमा राशि का निरस्त करने के लिये सरकार से बातचीत की जाएगी। क्लब में कीमतों को और तर्कसंगत बनाने पर जोर रहेगा। स्टॉफ की कार्यशेली में और गुणात्मक सुधार पर बल दिया जाएगा। मीडिया संबंधी कार्यक्रमों में और वृद्धि की जाएगी। सदस्यों के लिये बीमा योजना का और विस्तार किया जाएगा। RNI से रजिस्टर्ड प्रेस क्लब की त्रैमासिक पत्रिका “The Scribes World” का अबाध गाति से नियमित प्रकाशन की व्यवस्था की जाएगी।  

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