
सवर्णों को लगातार निशाने पर रखने वाले पत्रकार दिलीप मंडल को लेकर पिछले चौबीस घंटे से एक अफ़वाह वायरल है कि उन्होंने एनडीटीवी ज्वाइन कर लिया है।


लोगों ने उनका पद भी बता दिया- एग्जीक्यूटिव एडिटर!
दरअसल हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद मचे बवाल के बीच दिलीप मंडल ने अड़ानी ग्रुप का पक्ष लिया था और इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।

इसी के बाद उनके ‘चाहनेवालों’ ने उन्हें अड़ानी द्वारा अधिग्रहित चैनल एनडीटीवी ज्वाइन करा दिया।
आज ख़ुद दिलीप मंडल ने एक पोस्ट लिख कर अपने बारे में चल रही अफ़वाहों का खंडन किया। पढ़िए-
हिंदी पत्रकारिता छोड़कर इंगलिश में पूरी तरह काम करते हुए मुझे कई साल हो गए। हिंदी चैनल या अख़बार में लौटने का मेरा कोई इरादा नहीं है। अफ़वाह फैलाने वाले हिंदी पत्रकारों की बौद्धिक क्षमता संदिग्ध है। एक और स्पष्टीकरण- अपने बारे में चर्चा चलवाने या चर्चा में बने रहने के लिए मैंने किसी को कोई भुगतान नहीं किया है। आप चाहें तो जाँच कर सकते हैं। उन्हें 11 रुपए भी नहीं दिए हैं।
