लंदन : किसी समय में फेसबुक का उद्देश्य लोगों के बीच मित्र-संबंधों को विकसित करना था। साथ ही मित्र परिवार के अनुभवों और जानकारियों को एक दूसरे से साझा करना था लेकिन अब सोशल नेटवर्किंग तलाक की सबसे बड़ी वजह बनता जा रहा है। ब्रिटेन के आंकड़े के अनुसार तलाक लेने वाले हर सातवें सदस्य व्यक्ति की तलाक की वजह सोशल नेटवर्किंग साइट बन रही है।
ब्रिटेन के एक कंपनी सलाहकार एवं कानूनविद के मुताबिक अपने साथी के सोशल नेटवर्किंग साइट पर अत्यधिक समय बिताने से ऊबकर तलाक लेने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। ‘स्लेटर एंड गॉर्डन लॉयर्स’ द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक दुनिया का टॉप सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक वैवाहिक संबंधों को बिगाड़ने में सबसे ऊपर है। स्लेटर एंड गॉर्डन के परिवार कानून के अध्यक्ष एंड्र न्यूबरी ने ऑनलाइन एक बयान जारी करके कहा कि पांच वर्ष पहले विवाह संबंध खत्म होने के मामलों में फेसबुक का जिक्र शायद ही कभी होता था, लेकिन अब लोग सोशल मीडिया को या सोशल मीडिया पर पाई गई किसी सामग्री को विवाह संबंध खत्म करने की प्रमुख वजहों में अक्सर इस्तेमाल करते पाए जाने लगे हैं।
अध्ययन से पता चला है कि सोशल मीडिया विवाह संबंधों के लिए नया खतरा बन चुका है। अध्ययन के मुताबिक आधे लोग अपने साथी की फेसबुक गतिविधियों की गुप्त रूप से पड़ताल करते पाए गए, जबकि हर पांच में से एक व्यक्ति फेसबुक से जुड़ी किसी बात को लेकर अपने साथी के साथ मनमुटाव की स्थिति में है। 25 फीसदी लोगों के बीच सोशल मीडिया को लेकर हर हफ्ते लड़ाई होती है वेबसाइट ‘गीकवायर डॉट कॉम’ के मुताबिक अध्ययन में करीब 25 फीसदी लोगों ने कहा कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सप्ताह में कम से कम एक बार उनके बीच झगड़ा हो जाता है।
करीब 17 फीसदी लोगों ने बताया कि अपने साथी के बारे में सोशल मीडिया पर मिली किसी न किसी चीज को लेकर उनके बीच हर रोज झगड़ा होता है। 58 फीसदी साथियों को अपने साथी का पासवर्ड पता होता है अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि 58 फीसदी लोगों को अपने साथी के फेसबुक लॉगइन एवं पासवर्ड की जानकारी होती है। फेसबुक पर साथी की जासूसी की अहम वजह यह है कि लोगों का आपस में विश्वास कम हो रहा है। साथी यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि किन-किन लोगों के साथ उनका साथी संपर्क में रहता या रहती है। यही नहीं क्या वह अपने साथी से अपने संबंधों के बारे में सच बोलता है या नहीं। हालात अब यहां तक आ गये हैं कि तलाक से जुड़े मामलों में लगभग हर रोज फेसबुक के पोस्ट और तस्वीरें अदालत के सामने पेश की जाने लगी हैं।