कानपुर/औरैया: दैनिक जागरण के कानपुर कार्यालय में स्थितियां सामान्य नहीं हैं। कानपुर यूनिट में आने वाले जिला औरैया में रिपोर्टर के रूप में कार्यरत धनंजय त्रिवेदी ने उत्पीड़न से त्रस्त होकर जागरण को गुडबाय बोल दिया है।
उनको फिलहाल कहीं नौकरी नहीं मिली। उत्पीड़न से परेशान होकर उन्होंने इस्तीफा देकर घर बैठना अधिक उचित समझा। डेढ़ माह के अंतराल में कानपुर यूनिट से 11 विकेट गिर चुके हैं।
धनंजय त्रिवेदी दैनिक जागरण उरई में लंबे समय से कार्यरत हैं। 55 वर्ष की उम्र होने पर भी उनको करीब छह हजार रुपये वेतन ही मिलता था। करीब तीन महीने पूर्व उरई में एक खबर में उन्होंने परीक्षा की तिथि गलत लिख दी। उन्होंने शासनादेश के अनुसार सही तिथि लिखी थी, लेकिन रात में अचानक नया आदेश आने पर उस परीक्षा की तिथि बदल दी गई।
इसकी उनको जानकारी नहीं हो पाई। इसकी शिकायत संपादक जितेंद्र शुक्ला, दिवाकर मिश्रा व यशांश त्रिपाठी से की गई। संपादक ने इससे नाराज होकर जिला प्रभारी विमल पांडेय को धनंजय त्रिवेदी को बैठाने का आदेश दे दिया।
करीब एक महीने बाद धनंजय का ट्रांसफर औरैया कर दिया। उरई के रहने वाले धनंजय छह हजार रुपये में वहां कठिनाई महसूस कर रहे थे। उन्होंने कई बार संपादक जितेंद्र शुक्ला, आउटपुट प्रभारी दिवाकर मिश्रा, प्रादेशिक प्रभारी यशांश त्रिपाठी से उनका तबादला पुनः उरई करने को कहा।
उरई के निवासी होने के कारण वहां छह हजार रुपये महीने में कुछ गुजारा चल जाता था, लेकिन किसी ने उनकी गुहार नहीं सुनी। दुखी होकर वह इस्तीफा देकर घर बैठ गए।
इससे पूर्व अंबर वाजपेई, आशुतोष, विक्सन सिकरोडिया, शशांक शेखर भारद्वाज, श्रीनारायण मिस्र, आकाश, मोहित गुप्ता नौकरी छोड़ चुके है। मनीष को जॉब से निकाले जाने के साथ दो लोगों को जबरन काम करने से रोक दिया गया है। यह सभी लोग दूसरे संस्थानों में बेहतर पोजीशन पर काम कर रहे हैं।
कई और लोग भी दूसरे संस्थानों में जॉब तलास रहे हैं। दिसंबर तक कई औऱ लोग दैनिक जागरण कानपुर से नमस्कार कर लेंगे।
Ashish
November 10, 2021 at 2:02 pm
अंबर वाजपई व आशुतोष ने तो अच्छे आफर की वज़ह से जागरण छोड़ा है ना कि किसी उत्पीड़न से आजिज़ आकर ।