कुत्तों को लेकर दो अलग-अलग खबरें हैं. एक खबर में अदालत ने कुत्ते के काटने पर पीड़ित को प्रति दांत दस हजार रूपया मुआवजा देने की बात कही है. वहीं दूसरी खबर के अनुसार एक बुजूर्ग का गुप्तांग कुत्ते ने काट लिया है. मामले में यही पेंच है कि अब बुजुर्ग को गुप्तांग खोने पर कितना और क्या मुआवजा मिले?
पहली खबर : पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कल मंगलवार 14 नवंबर को एक मामले की सुनवाई करते हुए अपने फैसले में कहा है कि सड़क पर आवारा कुत्तों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. ऐसे में यदि ये आवारा कुत्ते किसी को काटते हैं तो दोनों राज्य सरकारों को इसका मुआवजा देना होगा. कोर्ट ने पीड़ित को 10 हजार रुपए प्रति दांत के निशाने से मुआवजा देने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकारों से इस मामले को लेकर गाइडलाइन बनाने का भी आदेश दिया है.
बताते चलें कि यह फैसला जस्टिस विनोद एस भरद्वाज की बेंच ने 193 याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया. बेंच ने कहा कि, ‘कुत्ते के काटने से दांत के निशाने बनते है तो पीड़ित को प्रति दांत के निशान पर 10 हजार रुपए मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा अगर कुत्ते के काटने से स्किन में घाव होता है तो प्रति 0.2 सेंटीमीटर घाव के लिए कम से कम 20000 रुपए मुआवजा दिया जाए.’
दूसरी खबर : राजस्थान के अलवर से खबर है कि एक पालतू जर्मन शेफर्ड ने अपने ही मालिक पर अटैक कर दिया. इस अटैक में कुत्ते ने मालिक के प्राइवेट पार्ट को काट लिया. बुजुर्ग व्यक्ति के साथ ये घटना तब घटी जब वे कुत्तों की चलती लड़ाई में जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते को छुड़ाने गये थे. इनपुट है कि इस प्राणघातक हमले के बाद बुजुर्ग का अलवर के जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. अब प्रश्न है कि गुप्तांग के हमले में घायल इस बुजुर्ग को किस तरह मुआवजा मिलेगा? या फिर राज्यों की राजनीति में बुजुर्ग का प्राइवेट पार्ट महज योगदान भर बनकर रह जाएगा?