नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश के मोबाइल उपभोक्ताओं को दी गई नंबर पोर्टेबिलिटी की तर्ज़ पर टेलीविजन उपभोक्ताओं को भी सेट टॉप बॉक्स (एसटीबी) बदले बगैर डीटीएच ऑपरेटर बदलने की सुविधा देने पर विचार कर रही है। यदि सरकार ऐसा करती है तो उपभोक्ता घटिया सेवाएं देने वाले डीटीएच ऑपरेटर से बिना किसी झंझट के छुटकारा पा सकेंगे।
सरकार ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्रधिकरण (ट्राई) से इस संबंध में सुझाव मांगे हैं। सरकार ने ट्राई को यह बताने को कहा है कि एसटीबी बदले बगैर डीटीएच ऑपरेटर को कैसे बदला जा सकता है। इंटर ऑपरेटेबिलिटी की सुविधा मिलने से ग्राहक को डीटीएच सेवा देने वाली कंपनी बदलने की सुविधा मिल सकेगी।
सरकार के निर्देश पर ट्राई ने नई डीटीएच लाइसेंस प्रणाली का खाका तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा व्यवस्था में बिना सेट टॉप बॉक्स बदले डीटीएच ऑपरेटर बदलने की सुविधा देना संभव नहीं है, क्योंकि ऑपरेटर अलग-अलग तरह की तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। इस संबंध में भारतीय मानक संस्थान(बीआईएस) को एसटीबी टेक्नालॉजी के लिए नए मानक निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि डीटीएच की मौजूदा लाइसेंस व्यवस्था में भी बिना सेट टॉप बॉक्स बदले ऑपरेटर बदलने की व्यवस्था है लेकिन देश के डीटीएच ऑपेरटरों ने इसका पालन नहीं किया।
देश में डीटीएच सेवाएं देने वाले प्रमुख कंपनियों ने ऑपरेटर बदलने की सुविधा देने से इंकार किया है। कंपनियों का कहना है कि यह व्यावसायिक रूप से भी लाभप्रद नहीं है। विश्व के कई देशों में ऑपरेटर बदलने की सुविधा मौजूद है।