खबर है कि ईटीवी दिल्ली एनसीआर में बड़े पैमाने पर छंटनी चल रही है. अब तक तेरह रिपोर्टर हटाए जा चुके हैं. ये सभी लोग लंबे समय से ईटीवी से जुड़े हुए थे. हटाए गए जिन कुछ लोगों के नाम पता चले हैं, वे इस प्रकार हैं- सुनीता आर्या झा, अक्षय राय, हिमांशु देव, हाशिम इमरान, मनोहर विश्नोई, रामेश्वर, प्रकाश पीयूष, रवि यादव, रजा आदि. सूत्रों के मुताबिक रवि यादव ने लेबर कोर्ट में केस कर दिया है ईटीवी पर. मुकुंद शाही को लेकर चर्चा है कि उन्हें भी साइडलाइन कर दिया गया है.
सुनीता आर्या झा पीएमओ कवर करती थीं. अक्षय राय बीजेपी बीट देखते थे. सूत्रों के मुताबिक शैलेंद्र बांगू, अविनाश कौल आदि मिलकर अपने खास लोगों को नियुक्त कर रहे हैं और पुराने लोगों को किसी तरह परेशान कर निकाल रहे हैं. जिन जिन लोगों को हटाया गया, उन्हें पहले न्यूज वाले ग्रुप से हटाया जाता, फिर इनका मेल बंद कर दिया जाता. अंत में हैदराबाद से सेवा समाप्त किए जाने की काल करा दी जाती. प्रकाश पीयूष ने अपने हटाए जाने पर एक पत्र अपने सभी परिचितों को जारी किया है, जो इस प्रकार है-
ये वक्त रुखसत होने का है। पहला सवाल जो आपके मन मे आ रहा होगा, उसका जवाब दे देता हूं। हां, ये सच है कि मुझे संस्था ने कहा है कि आपकी सेवा की जरूरत नही है इसलिए मैं त्यागपत्र दे रहा हूं। कोई एक साल छह महीने का सफर था जब हम आपके साथ रहे। 22 साल की टीवी में अपनी सेवा देने के बाद ऐसा लगा कि आपकी जिंदगी में एक ऐसा भी वक़्त आ सकता है जब कोई स्ट्रिंगर आपका बॉस बन जायेगा और आपकी स्टोरी पर कहेगा कि वाट इस थिस? मैंने देखा है कि कोई अक्षम व्यक्ति सिस्टम के दोष के बजह से शीर्ष पर बैठा दिया जाय तो वक़्त के साथ कुछ सीख लेता है। लेकिन इस संस्थान में नहीं हो पाया। मैं कोशिश करता रहा कि मेरी जो यूएसपी है उसे इस्तमाल किया जाए लेकिन लगा कि यह रिश्तेदारी ऊपर है, संस्था प्रेम कम। राहुल जोशी जी से अब उम्मीद नहीं रह गयी थी। 22 सालों में मेरी स्टोरी इंटरनेट की दुनिया मे धमाल मचाती रही लेकिन रिश्तेदार पुत्रों को समझ में नही आ पाया। रैना साहब आपके लिए सिर्फ इतना ही कि व्यक्ति से बड़ा समाज और समाज से बड़ा संस्था होता है। आप कभी इन बातों को समझ नही पाए। मेरे कार्यकाल के दौरान 1 साल लगा मुझे इस बात को समझने में कि मैं किसी का आदमी नही हूँ। मैं ईटीवी हूं और ईटीवी का आदमी हूं, यहां कुछ करने आया था। कुछ करना चाहता था। प्लीज कुछ करने देना चाहिए था। रैना साहब आप नहीं समझ पाए। क्यों? इसका उत्तर आपको पता है। देश के कई बड़े चैनलों में कई बड़े नाम के साथ काम किया लेकिन ऐसी हालत नहीं हुई। कोई भी संस्था माँ की तरह होती है और जब बच्चे बिछड़ते हैं तो तकलीफ होती है। मुझे भी हो रहा है। मुझे लगता है कि इस संस्थान में ऐसे पेशेवर लोगों की जरूरत है जो ईटीवी की आत्मा को समझ सके जिसको रामोजी राव ने बनाया था। आमिश देवगन जी धन्यवाद आपको, जो आप हमारी पीड़ा सुनते रहे। अंत में दोस्तों, आपकी बहुत याद आएगी। हाँ अनूप, रिपोर्टर किसी भी संस्थान का आईना होता है, इसे समझना चाहिए, जो लंबे अनुभव के बाद पता चलेगा। बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी।
आपका
प्रकाश पीयूष
Yogeesh sharma
August 18, 2017 at 8:06 am
Etv is.not a place for work..i already regioned in march 2017,beacause of worst salary sturcture.a office boy geta more salary than engineer this is etv …..a worst place for work…