नौगढ़ (चन्दौली) : जनपद के प्रथम प्रकाशन गांव गिरांव हिन्दी दैनिक के 8वें स्थापना दिवस के अवसर पर नौगढ़ स्थित विकास खण्ड परिसर सभागार में आयोजित अखिल भारतीय कवि सममेलन का उद्घाटन मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित कर मुख्य अतिथि अजवेन्द्र कश्यप ब्लाक प्रमुख नौगढ़, विशिष्ठ अतिथि समसुलहुदा सिद्व्की, वन क्षेत्राधिकारी नौगढ़, अशोक राय वन क्षेत्राधिकारी जयमोहिनी रेंज, रामकृष्ण मिश्र क्षेत्राधिकारी नक्सल क्षेत्र नौगढ़ ने किया। कविता पाठ का शुम्भारंभ सरस्वती वंदना से हुआ।
इसे ऊंचाई देते हुए शमीम गाजीपुरी ने अपने काव्यपाठ में कहा कि ”जन्नत लगेगा गांव संजा कर तो देखिये, हर एक को गले से लगा कर तो देखिये। बहुओं को फूंकने का नहीं आयेगा ख्याल, लड़की की अपनी अंगुली जलाकर तो देखिये।” गंगा-जमुनी तहजीब के शायर व ओंज के ख्यातिलब्ध कवि सलीम शिवालवी ने ग्रामीण परिवेंश की पैरवी करते हुए कहा कि ”कब तक आखिर भूखा सोया जायेगा, भीख भी यार न हमसे मांगा जायेगा, अब शहरों में रोटी मिलनी मुश्किल है, गांव चलो कुछ काम तलाशा जायेगा।” हास्य के विख्यात युवा कवि डॉ0 अनिल चौबे ने मां गंगा के अवतरण और सफाई अभियान पर करारा व्यंग्य करते हुए व्यवस्था की चुटकी ली। कवि नागेश शांडिल्य, नरसिंह साहसी श्रीमती विभा सिंह, बैकुंठ जी, शैलेन्द्र मधुर ने भी अपनी अपनी रचनाएं पढ़ीं। देर रात तक चले कवि मंच की अध्यक्षता बैकुंठ बनारसी व संचालन डॉ0 अनिल चौबे ने किया। कार्यक्रम में देररात पहुंचे समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ने अति सुदूर नौगढ़ जैसे नक्सल प्रभावित स्थल पर कवि सम्मेलन कराने के लिये आयोजकों की प्रशंसा की।
गांव-गिरांव परिवार की ओर से आयोजक अशोक जायसवाल, ओमकार नाथ व सुनील श्रीवास्तव, अतुल मिश्रा, रामजन्म जांबाज, राकेश श्रीवास्तव, बृजेश केशरी, केपी जायसवाल ने अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह व बैंज अलकरण से किया। अन्त में गांव-गिरांव के दो सहयोगियों नन्दलाल पटेल व राकेश केसरी के असामायिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
Comments on “‘गांव-गिरांव’ हिन्दी दैनिक का 8वां स्थापना दिवस”
गांव गिराव पूरे परिवार को नव वर्ष की हार्दिक बधाई