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सुख-दुख

अनजान लोगों को तोहफ़े भेजने वाली एक बिंदास औरत!

यशवंत सिंह-

णिका मोहिनी के आप एफबी फ़्रेंड नहीं हैं तो उनके बारे में आप ज़्यादा नहीं जान सकते। वे अपनी वॉल “फ्रेंड ओनली” करके रखती हैं। वे जीवन के उत्तरार्ध में हैं। एक दिन उन्होंने एक चौंकाने वाली पोस्ट की। उन्होंने अपनी असली उम्र बता दिया। मैंने कमेंट में लिखा- साठ पैंसठ साल आपकी उम्र मैं मान कर चल रहा था। वो पोस्ट अभी दिखी नहीं। इसलिए मैं भी अब उनकी असली उम्र न बताऊँगा।

मणिका मोहिनी कई मामलों में मन मोह लेती हैं। अनजान एफबी मित्रों को वे तोहफ़े भेज देती हैं। वे जिनको पढ़ना पसंद करती हैं, जिनके काम को देख कर खुश होती हैं, उससे एड्रेस माँग कर कुछ सरप्राइज गिफ्ट भेज देती हैं। मुझे भी भेजा। फोटो डाला हूँ। बेडशीट! हैं न कमाल की मणिका मोहिनी जी।

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वे मल्टी टैलेंटेड हैं। विदेश सेवा के दौरान कई देशों में रहीं हैं। आर्ट गैलरी, एंटीक चीजों की ख़रीद बिक्री, ऑनलाइन शॉप… जैसी कई चीजों में वे ख़ुद को मगन रखती हैं। ये सब बस टाइम पास शौक़ है। साहित्य की दुनिया से उनका खूब अनुराग है। ख़ुद भी लेखिका हैं। कहानीकार हैं। बिलकुल भड़ासी स्वभाव है। जो है सब सामने है। मुँह पर अच्छा बुरा बोलने वाली!

वे अब जीवन के उस मोड़ पर हैं जहां वक़्त को थामा नहीं जाता। उन्होंने पतंग की डोर ढीली कर दी है। हर क्षण कई भावों को जी लेती हैं। कभी बुद्ध की तरह प्रज्ञावान तो कभी कबीर की तरह विद्रोही हो जाती हैं। कभी कृष्ण की तरह प्रेम मय तो कभी राम की तरह गुरु गंभीर दिखने लगती हैं। वे बहुत सारी छवियों की कोलाज में तब्दील हो गई हैं।

वे अपने घर की चाहरदीवारी में ही ब्रह्माण्ड को महसूस कर लेती हैं।

वे एक भाग्यशाली माँ हैं। अपने बेटे पर उन्हें नाज़ है। वे अपने जीवन से संतुष्ट हैं। वे इतनी बेबाक़ रहीं हैं कि कुछ भी ऐसा मन में नहीं रखा जो दुख या पीड़ा का कारण बन जाये। वे मुक्त महिला हैं। वे एक संपूर्ण महिला हैं। उनमें एक स्त्री की सारी छवियाँ हैं।

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मणिका जी से मिलना है। उनका ऐड्रेस मेरे पास है। एक दिन चुपके से उनके घर पहुँच जाऊँगा, कुछ फूल लेकर। उनकी सेहत और शांति के लिए उनके सामने प्रार्थना करूँगा!

इस ऑनलाइन मित्र को आमने सामने बैठ कर सुनना है।

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उनका एफबी पर होना एहसास कराता है कि एफबी पर बहुत से अच्छे लोग हैं। उनका जन्मदिन कुछ रोज़ पहले ही बीता है। सरप्राइज गिफ्ट पाकर भी मणिका जी को उस वक्त लिख कर धन्यवाद नहीं कह पाया था। तो आज डबल मौक़ा है धन्यवाद और बधाई कहने का। गिफ्ट के लिये शुक्रिया। जन्मदिन की बहुत बधाई। आप ऐसे ही स्वस्थ मस्त बनी रहें!

और हाँ, कुछ न कुछ लिखते रहिए। आपका लिखना आपको ही सुकून देता है, मुक्त करता है। आपका लिखना आपके लिये एक थेरेपी है, दवा है, इलाज है। आपका लिखा बहुत सारा मैंने भड़ास पर पब्लिश किया है।

सुनिए, लव यू!

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साभार : फेसबुक

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