लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्ता और शासन की ज्यादतियों से जूझ रहे सीनियर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ गोमती नगर थाने में बलात्कार का मामला दर्ज कराया गया है। इसके पीछे प्रदेश सरकार का कोई बड़ा षड्यंत्र होने के संकेत हैं। गौरतलब है कि कल ही ठाकुर ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह से मिली धमकी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी थी।
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.नूतन ठाकुर ने बताया कि मेरे पति अमिताभ ठाकुर ने थाना हजरतगंज सुबह 11 जा कर मुलायम सिंह यादव द्वारा कल उन्हें फोन पर धमकी देने के मामले में धारा 506 आईपीसी में एफआईआर के लिए प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया। इंस्पेक्टर हजरतगंज विजय पाल सिंह यादव ने पहले प्रार्थनापत्र रिसीव करने से मना कर दिया पर बाद में मेरे पति द्वारा वहीं बैठ जाने की बात कहने पर प्रार्थनापत्र रिसीव तो कर लिया पर कहा कि जांच के बाद जो सही होगा, वह कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने बताया कि प्रार्थनापत्र में मुलायम सिंह द्वारा ‘जसराना वाली घटना भूल गए, अब आपके साथ वही करना पड़ेगा, जसराना में आपके साथ जो हुआ था, उससे भी ज्यादा अब हो जाएगा, सुधर जाओ’ जैसी बातों को आपराधिक धमकी बतायी गयी है। साथ ही एफआईआर क्यों करवाया और आगे शिकायत नहीं करने की बात कही, जो मेरी दृष्टि में सीधे गायत्री प्रजापति के खिलाफ मेरे लोकायुक्त मामले की शिकायत से जुड़ी दिखती है क्योंकि उसी मामले में परसों एफआईआर हुआ था।
डॉ.ठाकुर ने बताया कि जसराना की जो घटना मुलायम सिंह कह रहे थे, वह यह है कि मेरे पति फिरोजाबाद में वर्ष 2006 में पुलिस अधीक्षक थे, तब मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे। उस समय उनके समधी जसराना विधायक ने अपने गाँव पैडत में डीएम फिरोजाबाद संयुक्ता समद्दार के साथ वीआइपी कार्यक्रम की तैयारी देखने गए मेरे पति पर कातिलाना हमला किया था। उसके सम्बन्ध में मुलायम सिंह ने एफआईआर नहीं करने की ताकीद की थी पर उन्होंने फिर भी थाना एका पर एफआईआर दर्ज करा दी थी। इस मामले में पहले फाइनल रिपोर्ट लगी, फिर पुनर्विवेचना में आरोपपत्र लगा किन्तु कई गवाहों के पक्षद्रोही होने के कारण रामवीर सिंह तथा अन्य अभियुक्त साक्ष्यों के अभाव में बरी हो गए।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा पटना की जो बात मुलायम सिंह कह रहे हैं, वह यह है कि मेरे पिता पूर्व में वर्ष 2005 में मुलायम सिंह से पटना में मिले थे और उस दौरान इस प्रकार की व्यक्तिगत वार्ता हुई थी। मेरे पति ने इसके अलावा मुख्य सचिव आलोक रंजन और डीजीपी जगमोहन यादव को अपनी सुरक्षा के लिए प्रार्थनापत्र दिया है और गृह सचिव, भारत सरकार को भी ईमेल से पूरी बात बताते हुए सुरक्षा की मांग की है।
देश के गृह सचिव को प्रेषित ठाकुर का पत्र इस प्रकार है –
सेवा में, गृह सचिव, भारत सरकार, नयी दिल्ली
विषय- श्री मुलायम सिंह यादव द्वारा कल 10/07/2015 समय 16.43 बजे फोन नंबर 0522-2235477 से मेरे फ़ोन नंबर 094155-34526 पर धमकी पर हमारी सुरक्षा विषयक
महोदय, कृपया निवेदन है कि मैं अमिताभ ठाकुर, उत्तर प्रदेश में एक आईपीएस अफसर हूँ और वर्तमान में आईजी नागरिक सुरक्षा के पद पर हूँ. कल 10/07/2015 को समय 16.43 बजे मेरे फ़ोन नंबर 094155-34526 पर फोन नंबर 0522-2235477 से एक फोन आया जिस पर कहा गया कि नेताजी बात करना चाहते हैं आपसे, मैं समझ नहीं पाया कि किनकी बात हो रही है और मैंने पूछा कौन नेताजी तो कहा गया माननीय मुलायम सिंह जी और उसके कुछ देर बाद उधर से श्री मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश की आवाज़ आई.
मैं श्री मुलायम सिंह के साथ हुई वार्ता, जितना मैं समझ पाया, अंकित कर इस प्रार्थनापत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ. इसमें उन्होंने छूटते ही कहा कि आप जसराना वाली घटना भूल गए, अब आपके साथ वही करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मैंने एफआईआर क्यों करवाया? उन्होंने यह भी कहा कि जसराना में आपके साथ जो हुआ था उससे भी ज्यादा अब हो जाएगा. अंत में उन्होंने मुझे शिकायत नहीं करने की बात कहते हुए कहा कि मैं सुधर जाऊं नहीं.
मैं इस वार्ता में प्रस्तुत कुछ तथ्यों की पृष्ठभूमि बताना चाहूँगा. मैं जसराना, फिरोजाबाद में वर्ष 2006 में पुलिस अधीक्षक था जब श्री मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. उस समय तत्कालीन जसराना विधायक श्री रामवीर सिंह, जो संभवतः श्री मुलायम सिंह के समधी हैं, के गाँव पैडत, थाना एका में श्री शिवपाल सिंह, मंत्री, उत्तर प्रदेश का वीआइपी कार्यक्रम था जहां वे हेलीकाप्टर से आने वाले थे. श्री रामवीर सिंह तमाम गलत आदेशों का पालन कराना चाहते थे जिसे नहीं कर पाने के कारण वे मुझसे काफी नाराज़ थे. उस वीआईपी कार्यक्रम के मद्देनज़र मैं तत्कालीन डीएम फिरोज़बदा सुश्री संयुक्ता समद्दार के साथ शाम में वहां गया था. मौके पर श्री रामवीर सिंह तथा उनके लोगों द्वारा अपनी उसी नाराजगी की वजह से मुझपर कातिलाना हमला किया गया जिसके सम्बन्ध में मैंने श्री मुलायम सिंह, तत्कालीन मुख्यमंत्री को फोन पर बताया. उन्होंने मुझे एफआईआर नहीं करने की ताकीद की थी पर मैंने फिर भी थाना एका पर एफआईआर दर्ज कराया था. इस मामले में पहले फाइनल रिपोर्ट लगा, फिर पुनार्विवेचना में आरोपपत्र लगा किन्तु कई गवाहों के पक्षद्रोही होने के कारण श्री रामवीर सिंह तथा अन्य अभियुक्त साक्ष्यों के अभाव में बरी हो गए.
इसके अलावा पटना की जो बात श्री मुलायम सिंह कह रहे हैं वह यह है कि मेरे ससुर पूर्व में वर्ष 2005 में श्री मुलायम सिंह से पटना में मिले थे और उस दौरान इस प्रकार की व्यक्तिगत वार्ता हुई थी. श्री मुलायम सिंह डॉक्टर साहब आदि जो कह रहे थे उनके सम्बन्ध में मैं नहीं जानता.
मैंने फोन नंबर 0522-2235477 को उत्तर प्रदेश सूचना डायरी में देखा तो यह श्री मुलायम सिंह का ही नंबर ज्ञात हुआ. इसके अलावा मैं भी श्री मुलायम सिंह की आवाज़ अच्छी तरह पहचानता हूँ और जो आवाज़ आई थी वह पूरी तरह उन्ही की दिख रही थी. इसके अलावा उन्होंने जसराना के अलावा मेरे ससुर से जुडी पटना की जो घटना कही वह जाहिर है कि अन्य कोई व्यक्ति नहीं कर सकता है. अतः मेरी जानकारी और मेरी समझ के अनुसार यह फोन श्री मुलायम सिंह का ही था.
इसके अतिरिक्त यद्यपि श्री मुलायम सिंह ने मुझे बताया नहीं पर जितनी बात मैं समझ पाया उससे उनके इस धमकी की पृष्ठभूमि श्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, खनन मंत्री के खिलाफ मेरी पत्नी द्वारा थाना गोमतीनगर में ही दर्ज कराये गए मु०अ०स० 417/2015 धारा 467,468,471, 420, 203, 120बी आईपीसी से सीधे जुडी दिखती है क्योंकि श्री मुलायम सिंह ने बातचीत के शुरुआत में ही मेरे एफआईआर दर्ज कराने पर नाराजगी व्यक्त की थी. जाहिर है कि इसके अतिरिक्त अन्य कोई बात नहीं दिखती जिसके कारण एक बहुत लम्बे समय बाद अचानक श्री मुलायम सिंह को मुझे व्यक्तिगत स्तर पर फोन करने की जरुरत पड़े.
श्री मुलायम सिंह की उपरोक्त बातें स्पष्ट रूप से धमकी की श्रेणी में आती है. इसके माध्यम से मुझे जसराना में हुए हमले से भी ख़राब स्थिति का सामना करने की धमकी दी जा रही थी. यह एक आपराधिक कृत्य है और धारा 506 आईपीसी के तहत आता है. मेरी जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में यह एक संज्ञेय अपराध है. अतः मैंने इस प्रकरण में प्रथम सूचना दर्ज कर अग्रेतर कार्यवाही हेतु थाना हजरतगंज पर एफआईआर प्रस्तुत किया है.
साथ ही मैंने इन तथ्यों से मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश और डीजीपी, उत्तर प्रदेश को भी सूचित करते हुए निवेदन किया है कि मेरी और मेरी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर, जो सामाजिक कार्यकर्ता हैं, और जिनके कई कामों से श्री प्रजापति, श्री मुलायम सिंह सहित तमाम रसूखदार लोगों को दिक्कत होती रहती है, की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित कराये जाने की कृपा करें. किन्तु चूँकि श्री मुलायम सिंह एक बहुत बड़े राजनैतिक दल के सर्वेसर्वा हैं और बहुत ही ताकतवर और रसूखदार व्यक्ति कहे जाते हैं, अतः यदि उनकी मुझसे नाराजगी है अथवा उन्होंने मुझे धमकी दी है तो उसे किसी भी स्थिति में हलके से नहीं लिया जा सकता है. अतः आपसे इस पत्र के माध्यम से मेरा यह निवेदन है कि कृपया मेरी और मेरी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर, जो सामाजिक कार्यकर्ता हैं, और जिनके कई कामों से श्री प्रजापति, श्री मुलायम सिंह सहित तमाम रसूखदार लोगों को दिक्कत होती रहती है, की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित कराये जाने हेतु भारत सरकार और अपने स्तर से भी समस्त आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें.
पत्र संख्या- AT/Complaint/162/15
भवदीय, दिनांक-11/07/2015 (अमिताभ ठाकुर), 5/426, विराम खंड, गोमती नगर, लखनऊ
डॉ. नूतन ठाकुर से संपर्क : 94155-34525, अमिताभ ठाकुर से संपर्क : 94155-34526, [email protected]