पत्रकारिता की जड़ों पर मोदी सरकार के प्रहार

याकूब मेमन की फांसी पर कवरेज को लेकर तीन बड़े समाचार चैनलों को नोटिस जारी करने, और त्रिपुरा का राज्यपाल तथागत राय द्वारा याकूब के जनाजे में शामिल लोगों को आतंकवादी कहने के बाद केंद्र सरकार ने पत्रकारिता की जड़ों पर ही प्रहार करना शुरू कर दिया है। अब सरकार चाहती है कि आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर कैसी रिपोर्टिग करनी है, यह सरकार पढ़ाए और मीडिया संस्थान उसके आज्ञाकारी शिष्य बनकर सरकार के आदेश मानें।

केंद्र सरकार ने मीडिया को दिए 998 करोड़ से ज्यादा के विज्ञापन

दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में मीडिया के लिए विज्ञापनों पर 998.34 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। 

पोर्न पर पाबंदी : सरकार ने कहा- हम किसी के बेडरूम में नहीं झांक सकते

नयी दिल्ली : पोर्न पर प्रतिबंध की चर्चा के बीच आज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट किया कि वह पोर्न पर प्रतिबंध के खिलाफ है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आज अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह चाइल्ड पोर्नोग्राफी को छोड़कर  पोर्न पर बैन के खिलाफ है. सरकार की ओर से कहा गया कि पोर्न पर प्रतिबंध संभव नहीं है, यह निजता का हनन होगा. अगर कोई बंद कमरे में कुछ कर रहा है, तो उसपर प्रतिबंध संभव नहीं है.

हम तो ‘ऐसे’ चैनलों के भी आलोचक और ‘ऐसी’ सरकार के भी

याकूब मेमन फांसी अध्‍याय की ”अप्रिय” कवरेज पर केंद्र सरकार से हिंदी के तीन समाचार चैनलों एबीपी, आजतक और एनडीटीवी को मिले नोटिस पर कुछ संपादकों-पत्रकारों की चिंताएं देखने में आ रही हैं। मैं इन चिंताओं को लेकर चिंतित हूं। हम सब लगातार देख रहे हैं कि समाचार चैनलों ने बीते एक साल में किस तरह सरकार का प्रवक्‍ता बनना स्‍वेच्‍छा से चुना है। 

…. क्योंकि उसका प्रेस, सरकार, पैसा, ज़मीन, कारख़ाने और कोर्ट पर क़ब्ज़ा

देखो भई तुम उसे फाँसी देना चाहते थे, ३० को ही सुबह सुबह देना चाहते थे तुमने दे दी । जो रोकना चाहते थे वे हार गये तुम जीत गये ।

महाराष्ट्र सरकार जल्द बनाएगी पत्रकार सुरक्षा कानून का प्रारूप

मुंबई : विधानपरिषद में विरोधी पक्ष नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि पिछले तीन साल में राज्य भर में करीब 265 पत्रकारों पर हमले हुए। उन पर झूठे आरोप लगाकार मामले दर्ज किए जा रहे हैं। उनकी हत्या हो रही है। सरकार बिना देरी किए पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कड़ा से कड़ा कानून बनाए।

यादव प्रकरण : सीबीआई जांच से हड़कंप, सरकार और नौकरशाहों में शह-मात का खेल

उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में एक बार फिर इतिहास दोहराया जा रहा है। खनन माफिया से मोर्चा लेने के लिये अखिलेश सरकार से भिड़ने वाली आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल की तर्ज पर ही पीसीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने भी मोर्चा खोल दिया है। दोनों नौकरशाह तो अखिलेश सरकार का कुछ खास नहीं बिगाड़ पाये हैं लेकिन सरकार ने दोनों के लिये ही मुसीबत खड़ी करते हुए दोनों के निलंबन का तानाबाना बुन दिया। सरकार की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि उक्त अधिकारियों ने सरकार के खिलाफ जाकर सेवा नियमावली की अवहेलना की है, जबकि नौकरशाह कुछ और ही दलील दे रहे हैं। इन अधिकारियों को लगता है कि उन्होंने जनता से जुड़े मुद्दों पर आवाज उठा कर कुछ गलत नहीं किया। 

दैनिक जागरण में जिस भी नेता का आधा पेज इंटरव्यू छपा, उसकी सरकार चली गई

यह महज एक दुर्योग है या कुछ और। पर बात तथ्‍य पर आधारित है। दैनिक जागरण में जब भी किसी मुख्‍यमंत्री का इंटरव्‍यू आधे पेज से अधिक स्‍थान में छपा, उसकी सरकार चली गई। इसी प्रकार का एक और दुर्योग प्रचलित है कि जो भी मुख्‍यमंत्री नोएडा आया, उसकी सरकार चली गई। आखिर ऐसा क्‍यों होता आया है, बात समझ से परे है। फिर भी मैं सोचता हूं कि जो काम जनहित से परे स्‍वार्थ के लिए किया जाता है, उसमें ये दुर्योग जरूर आते हैं।

यूपी : घिनौनी साजिश के तहत आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ रेप की रिपोर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्ता और शासन की ज्यादतियों से जूझ रहे सीनियर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ गोमती नगर थाने में बलात्कार का मामला दर्ज कराया गया है। इसके पीछे प्रदेश सरकार का कोई बड़ा षड्यंत्र होने के संकेत हैं। गौरतलब है कि कल ही ठाकुर ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह से मिली धमकी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी थी।  

पुलिस बर्बरता और अपराधियों को संरक्षण दे रही यूपी सरकार – रिहाई मंच

 लखनऊ : रिहाई मंच ने बाराबंकी में पत्रकार की मां के साथ थाने में बलात्कार करने के प्रयास में विफल होने के बाद एसओ राय साहब यादव और एसआई अखिलेश राय द्वारा जिंदा जला दिए जाने की घटना को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बलात्कारी व अपराधी पुलिस अधिकारियों को खुला संरक्षण देने का नतीजा बताया है। मंच ने कानपुर में सपा उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन कानपुर ग्रामीण का बोर्ड लगे मकान के अंदर सेक्स रैकेट के खुलासे और उसमें सपा नेता दीपक गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद सपा के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और नेताओं के फार्म हाउसों तथा रिसार्ट पर छापा मारने की मांग की है।

मप्र सरकार ने नियुक्त किया विशेष श्रम अधिकारी, अब मीडिया कर्मियों की परीक्षा

मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसाओं को लागू कराने के लिए चल रहे प्रयासों का दूसरा दौर प्रारंभ हो गया है। मप्र सरकार ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए निर्धारित समय में श्रम अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। अब गेंद पत्रकार और गैर पत्रकार साथियों के पाले में आ गई है। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी की है।

पूंजीपति, अखबार मालिक, माफिया और सरकार में गठबंधन : रमेश शंकर पांडेय

शाहजहांपुर : हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर उप्र श्रमजीवी पत्रकार यूनियन पंजीकृत एवं प्रेस क्लब ऑफ शाहजहांपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता दिवस की सार्थकता तभी है,जब कलम का सार्थक दिशा में उपयोग हो।  

Majithia Wage Awards : Special Labour Inspectors start working in Delhi

Delhi : Secretary General of IFWJ Parmanand Pandey said, ”We congratulate Government of Delhi for conducting surprise checks in the Delhi offices of Dainik Jagran and Dainik Bhaskar to find out the status of newspaper employees and about the implementation of Majithia Wage Awards. The raids were conducted by the special team of labour Inspectors, monitored by a senior PCS officer of U.P. cadre Kapil Kumar, presently on deputation to the Government of Delhi.”

वह सुबह कभी तो आयेगी…..

ठीक साल भर पहले सुबह से दिल की धडकन देश की बढ़ी थी । हर की नजरें न्यूज चैनलों के स्क्रीन पर लोकसभा चुनाव परिणाम का इंतजार कर रही थी। ऐसे में न्यूज चैनल के भीतर की धड़कने कितनी तेज धड़क रही होंगी और जिसे न्यूज चैनल के स्क्रीन पर आकर चुनाव परिणाम की कमेंट्री से लेकर तमाम विश्लेषण करना होगा उसकी धडकनें कितनी तेज हो सकती हैं। यह सिर्फ महसूस किया जा सकता है। रिजल्ट सुबह आठ बजे से आने थे लेकिन हर चैनल का सच यही था कि उस रात रतजगा थी। और रिजल्ट से पहले वाली रात को देश सोया जरुर लेकिन एक नयी सुबह के इंतजार में। सुबह 5 बजे से गजब का शोर हर चैनल के दफ्तर में । एडिटर से लेकर चपरासी तक सक्रिय। सुबह साढे चार बजे घर से नोएडा फिल्म सिटी जाते हुये पहली बार यह एहसास अपने आप जागा कि आज सुबह वक्त से पहले क्यो नहीं। सुबह की इंतजार इतना लंबा। वही एहसास यह भी जागा कि जिस सुबह की आस में बीते कई बरस से देश छटपटा रहा है, वह सुबह आ ही गई ।

सरकारें किसी की भी रही हों, भारतीय होने पर कभी शर्म महसूस नहीं हुई मोदीजी!

कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से विदेशी धरती पर कांग्रेस के बारे में सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि इस बारे में मैं सिर्फ भारत में ही बोलूंगा। यहां मुद्दा यह नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशी धरती पर कांग्रेस की बुराई की। मुद्दा यह है कि प्रधानमंत्री शंघाई में अप्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुये ये बोल गये कि पहले लोग भारतीय होने पर शर्म करते थे लेकिन अब देश का प्रतिनिधित्व करते हुए गर्व होता है।

एक साल से सिर्फ सपने बेच रही मोदी सरकार, जनता के हाथ कुछ नहीं लगा

मोदी सरकार के एक साल पूरे हो गए। सब इस पर चिंतन कर रहे कि हमने क्या पाया क्या खोया, लेकिन जमीनी हकीकत यही है आम लोगों के हाथ में सपनों के अलावा कुछ नहीं आया। हां विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा लेकिन विदेशी निवेश से नहीं अपिंतु मोदी सरकार द्वारा खर्चों में बेतहाशा कटौतियों के कारण। वर्तमान हालात यह है कि मोदी जितना काम नहीं कर रहे है उससे ज्यादा प्रचार और प्रोपेगेंडा फैला रहे है जैसे सरकार ने बहुत बड़ी तीर मार ली हो और कुछ मीडिया के दलाल बड़े ठेके और जमीन पाने की लालच में प्रधानमंत्री का गुणगान कर रहे है। 

केजरी से जंग : जवाब में मीडिया ने कुछ जंग लगे औज़ार पेश कर लड़ाई में बने रहने की कोशिश की

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम अधिवक्ताओं राजीव धवन, राम जेठमलानी,गोपाल सुब्रमण्यम, के टी एस तुलसी,इंदिरा जय सिंह और एच एस फुल्का द्वारा दिल्ली के LG की कार्रवाई को ग़लत ठहराने से बैकफ़ुट पर आये मीडिया ने जवाब में कुछ जंग लगे औज़ार पेश कर लड़ाई में बने रहने की कोशिश की है ।

केजरीवाल सरकार के 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड, पास हुए या फेल, क्या कहती है दिल्ली

केजरीवाल और मनीष सिसोदिया नहीं हैं दिल्ली के सबसे लोकप्रिय विधायक, लेकिन यदि आज चुनाव हों तो भारी बहुमत से सरकार बनाएगी आम आदमी पार्टी www.mlareportcard.com के ऑनलाइन सर्वे की रिपोर्ट ।

मीडिया से सरकार की जंग बरकरार

नई दिल्ली : आजकल मीडिया सवालों के घेरे में है। पिछले कुछ दिनों से मीडिया की कार्यप्रणाली और रुख पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सवाल यह है कि क्या मीडिया बदल रहा है? क्या मीडिया के नैतिक पक्ष पर ऐसे सवाल जायज हैं?

Delhi Government is conspiring to damage the fourth pillar of democracy

New Delhi : The Delhi Journalists Association (DJA) strongly condemned the Delhi Government’s move to curb Press freedom in the national capital. In an emergency meeting called at DJA office in New Delhi today, the senior members of the Association expressed grave concern over the circular issued by the Government of Delhi headed by Chief Minister Arvind Kejriwal. The DJA leaders said the Government is conspiring to damage the fourth pillar of democracy, and they are against any move on the part of the government which hits the press freedom in any sense.