इन दिनों हिन्दुस्थान समाचार में हाहाकार मचा हुआ है। सैकड़ों कर्मचारी निकाले जा चुके हैं और बचे कर्मचारी वेतन के लिए विलाप कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार के चेयरमैन आरके सिन्हा ने पत्रकारों को पिछले चार महीने की सैलरी नहीं दी है। उनको दूसरी बार भाजपा द्वारा राज्यसभा न भेजे जाने के कारण वो नाराज हैं।
यह नाराजगी वो हिन्दुस्थान समाचार के कर्मचारियों पर निकाल रहे हैं। सिन्हा इन दिनों संघ से इतने नाराज हैं कि उनके बड़े पदाधिकारियों को भी इग्नोर कर रहे हैं। संपादकीय टीम व संघ सिन्हा से सैलरी के लिए गिड़गिड़ा रहा है, इसके बाद भी सिन्हा अपने देहरादून की कोठी में सपरिवार आनंद ले रहे हैं।
हिन्दुस्थान के कर्मचारी अपने बच्चों के दूध के पैसे नहीं जुटा पा रहे हैं। मकान का किराया नहीं दे पा रहे हैं। फीस, कॉपी, दवा नहीं जुटा पा रहे हैं। इसके बावजूद संस्थान के शीर्ष पदाधिकारियों पर कोई असर नहीं है। आखिर जब चार महीने का वेतन न मिला हो तो कर्मचारी कैसे जिन्दा हैं, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
वहीं सिन्हा का कहना है कि उन्होंने संस्थान को बहुत कुछ दिया, संघ की खूब सेवा की। पर उन्हें बदले में न राज्यसभा मिली और न राज्यपाल बनाए गए। इन दिनों सिन्हा के सुर बदले हैं। वो बिहार राजनीति में भाजपा से इतर अपना नया ठिकाना तलाश रहे हैं। हालांकि पार्टी विरोधी गतिविधि वो लोकसभा चुनाव में भी कर चुके हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सिन्हा का राजनैतिक रसूख इतना है कि उनकी सिक्योरिटी कंपनी दिन प्रतिदिन कमाई दोगुनी कर रही है। हर सरकारी जगह पर उनकी सिक्योरिटी एजेंसी को मौका दिया जा रहा। वहीं पत्रकार बंधु रोड पर आने को मजबूर हैं।
कुछ कर्मचारियों का कहना है कि अब वेतन पाने के लिए केवल आमरण अनशन ही बचा है। हिन्दुस्थान समाचार के हालात अब लावारिश जैसे हैं। क्योंकि अब कर्मचारियों की पीड़ा का निदान तो दूर कोई महसूस करने वाला भी नहीं है।
(छोटा कर्मचारी हूँ। इसलिए विनम्र निवेदन है कि पहचान गुप्त रखी जाए)
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.