विषय : संगठन के मधुबनी जिला अध्यक्ष द्वारा गाली गलौज और जातिसूचक संबोधन के साथ जान से मारने की धमकी!
माननीय अध्यक्ष महोदय,
इन्डियन फेडरेशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट
महाशय,
ज्ञात हो कि मधुबनी जिला से संगठन के अध्यक्ष के रूप में हेमंत सिंह नामित हैं, बीते दिनों फेसबुक पर उन्होंने कुछ तस्वीरों के साथ एक पोस्ट डाली। इसके माध्यम से उन्होंने खुद को एक्यूप्रेशर का डोक्टर होने की घोषणा कर लोगों से बधाई माँगा, लोगों ने बधाई दिया भी और उस पर टिपण्णी करने वालों में मैं भी शामिल था, तस्वीरों को देखते हुए मैं बधाई देते हुए उनसे कहा की मित्र ये डिप्लोमा है और डिप्लोमा के आधार पर किसी को डॉक्टरेट नहीं मिलता है कृपया पोस्ट को सुधार करें अन्यथा इस पोस्ट के आधार पर अप ही नहीं समूची पत्रकारिता कौम शर्मिन्दा होगी ! जिस प्रतिक्रया के एवज में पहले तो पोस्ट पर ही मुझ से गाली गलौज की गई!
दिनांक 20 जनवरी को जिले के पत्रकारों द्वारा खेलकूद के विषय में मीडिया की एक बैठक रखी गई थी जिसमें जिले के पत्रकार शामिल थे जहाँ अचानक से हेमंत सिंह का आगमन होता है और आते ही मेरे ऊपर हमला के साथ अभद्रता और शर्मनाक गाली गलौज की बौछार होने लगती है, पत्रकार भी शायद सन्न रह गए होंगे लेकिन मेरे तो कुछ समझ नहीं आया और मैं वाकई शून्य में चला गया. गालियों में माँ की पिता की बहन की बेटी की गलियों के बौछारों के बीच जान से मारने की धमकी के साथ कहा गया कि “ब्राह्मण है नहीं तो मुंह में जूता कोंच के मार देता”।
इस शर्मनाक वाकये के गवाह जिले के सभी पत्रकार ख़ामोशी से तमाशबीन बने रहे और हेमंत सिंह ने मर्यादा की सारी सीमा पार की, हाँ कुछ पत्रकारों ने जरूर हेमंत सिंह को पकड़ के रखा अन्यथा वो मुझ पर हमला कर चुका था.
माननीय, क्या संगठन गुंडों को संस्था का अध्यक्ष बनाता है? वैचारिक और संस्थागत सैधानित क्रियान्वयन को धुल धूसरित करने वाले अपराधिक प्रवृति के अध्यक्ष से क्या पत्रकारिता का संगठन पत्रकारों की आवाज़ बुलंद करना चाहता है, वाकई ये शर्मनाक है कि संगठन का जिला अध्यक्ष खबर नहीं लिख सकता, संगठन के लिए एक चिट्ठी नहीं लिख सकता, मगर दबंगता के साथ गैर पत्रकारिता के हर कार्य को संगठन के आड़ में जरूर अमली जामा पहनाता है. हेमंत सिंह ने अब वो अपने वाल से पोस्ट हटा चुका है मगर फिर भी मैं आपको उसके द्वारा पोस्ट किये गए आई कार्ड और प्रमाण पत्र को साझा कर रहा हूँ जिसमें आई कार्ड की वैधता 2019 तक है और प्रमाण पत्र 2017 का निर्गत है जो स्पष्ट करता है कि ये डिप्लोमा भी फर्जी है!
मैं हेमंत सिंह के व्यक्तिगत कार्यों और कृतित्वों पर सवाल नहीं उठा रहा। मैं हेमंत सिंह को आरोपित भी नहीं करूंगा क्यूंकि मेरा सवाल संगठन से उठेगा और उत्तर भी संगठन से ही उचित कार्यवाही के साथ अपेक्षित रखूंगा!
भवदीय
रजनीश के झा
सम्पादक, लाइव आर्यावर्त डॉट कॉम
+91-9899730304
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