वरिष्ठ जेल अधीक्षक, लखनऊ ने अमिताभ ठाकुर की सभी शिकायतों को निराधार बताते हुए उन्हें झूठी शिकायत करने का आदी बताया है. डीआईजी जेल लखनऊ को भेजी अपनी आख्या में उन्होंने कहा कि उन्होंने अमिताभ ठाकुर के सभी सामान वापस कर दिए हैं और अब कोई सामान जेल के पास नहीं है.
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कहा कि अमिताभ द्वारा जेल में आने से आज तक जेल की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. उसके द्वारा जेल में बंदी के दौरान सामान्य कैदी की तरह आचरण नहीं करके एक आईपीएस की तरह आचरण किया जाता रहा. जेल के स्टाफ के प्रति उसका व्यवहार और भाषा ऐसी थी जैसे वे उसके अधीनस्थ हों. उसके द्वारा नियमविरुद्ध सुविधाओं की मांग की जाती थी और उनके पूरा नहीं होने पर न सिर्फ जेल के अफसरों को धमकी दी जाती थी बल्कि कोर्ट में झूठे प्रार्थनापत्र दे कर जेल पर अनैतिक दवाब बनाने का दुस्साहस भी किया जाता था.
अमिताभ ने कहा कि वे अपने आरोपों पर पूरी तरह कायम हैं और उन्हें वे अंतिम परिणाम तक पहुंचाने का पूर्ण प्रयास करेंगे.
जेल भ्रष्टाचार मामले में लोकायुक्त ने सबूत मांगे
अमिताभ ठाकुर द्वारा लखनऊ जेल में कैदियों के कल्याण के नाम पर बेचे जा रहे सामानों में भ्रष्टाचार की शिकायत के संबंध में उप लोकायुक्त ने उनसे सबूत मांगे हैं.
अमिताभ ने अपनी शिकायत में कहा था कि लखनऊ जेल में सुविधा के नाम पर दैनिक उपयोग की तमाम वस्तुएं, सब्जियां, दुग्ध उत्पाद, बीड़ी आदि की बिक्री अपने वास्तविक मूल्य से काफी बढे मूल्य पर की जा रही है. उदाहरण के लिए 5 रुपये के पार्ले-जी बिस्कुट के 2 पैकेट, 10 रुपये का रिन साबुन, 10 रुपये का टूथपेस्ट का छोटा पैक 15 से 20 रुपये में बेचे जा रहे हैं. इसी तरह 01 रुपये का माचिस का डब्बा 5 रुपये तथा पराग का आधा लीटर का फुल क्रीम मिल्क 29 रुपये की जगह 40 रुपये में बेचा जा रहा है. इसी तरह हर सामान को बढे दाम पर बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा था कि उनके पास इस संबंध में सबूत भी हैं.
अमिताभ ने कहा था कि उन्हें प्राप्त जानकारी के अनुसार यूपी के बाकि जेलों में भी यही स्थिति है, जिससे लाखों रुपये प्रति दिन की कमाई की चर्चा है.
उन्होंने इस संबंध में जाँच कर कार्यवाही की मांग की थी. अब लोकायुक्त प्रशासन ने उन्हें इस मामले में विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. अमिताभ ने कहा कि वे शीघ्र साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे.