जनसत्ता वाले दंगा फैलाकर मानेंगे, देखें ये खबर

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Sarfaraz Nazeer : ये खबर हरामीपना की इंतेहा है। इस दलाल अखबार और इसके दलाल संपादक को ये खबर दिखा कर क्या मिलेगा?

मैं बताता हूँ – ये खबर बांग्लादेश की है। बताइए बांग्लादेश से हमें क्या मतलब?

ज़ाहिर है कि वहाँ कोई हिंदी नहीं पढ़ता तो ये खबर भारत का आदमी पढ़ेगा।

ज़रूरी नहीं कि सभी ये साईट खोल कर पढ़े ही।

प्रथम दृष्टया ये खबर भारत की समझ कर नफरती चिंटू टप से उठा लेंगे और मिनटों सेकंडो में व्हाट्सेप पर नैरेटिव सेट कर लेंगे और फिर नफरत का कारोबार शुरू हो जाएगा और शिकार बनेगा ठेला रेहड़ी वाला।

हम आप जैसे लोग सफाई देते फिरने लगेंगे।

जनसत्ता ने ये खबर जानबूझकर चलाई है। ये गलती नहीं अपराध है, अपराधी की जगह जेल है लेकिन वो टीवी पर रोज़ आता है। उसके ऊपर कृपा है। आपके हिस्से में रासुका है। यही एकमात्र सच है।

एडवोकेट सरफराज नज़ीर की एफबी वॉल से.

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