लखनऊ : सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने जौहर अली शोध संस्थान मंत्री आज़म खान के निजी ट्रस्ट को सौंपने के मामले में प्रस्तुत परिवाद पर लोकायुक्त की आपत्तियों का जवाब दिया। अपने उत्तर में उन्होंने कहा है कि गोपनीयता की शर्त पर जानकारी देने वाले अधिकारियों का नाम जानने की बजाए मामले की फाइल तलब की जाए ताकि तथ्यों का खुलासा हो सके।
लोकायुक्त ने कहा था कि वादिनी उन लोगों के नाम और शपथपत्र दें, जिन्होंने उन्हें इस मामले की सूचना दी है। साथ ही आज़म खान के अलावा अन्य शामिल लोगों के नाम बताने को कहा गया था।
डॉ ठाकुर ने अपने उत्तर में कहा है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कुछ जूनियर अफसरों ने गोपनीयता की शर्त पर उन्हें तथ्य बताये थे। उन अफसरों की सुरक्षा के मद्देनज़र वह उनके नाम नहीं बता सकती हैं। यदि उनके नाम उजागर हो गए तो उन्हें निश्चित रूप से काफी नुकसान पहुँचने की आशंका रहेगी। अफसरों के नाम की जानकारी की बजाए इस मामले की फाइल तलब कर तथ्यों की जानकारी आसानी से की जा सकती है क्योंकि सारी बातें फाइल में दर्ज हैं। डॉ. ठाकुर ने मांग की है कि इस मामले में आज़म खान के साथ ही अल्पसंख्यक कल्याण सचिव एसपी सिंह की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।