रायपुर से खबर है कि ड्यूटी छोड़कर वसूली में लिप्त दो पुलिस कर्मियों का एक पत्रकार ने शुक्रवार को वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू किया तो पुलिस वालों ने पत्रकार का मोबाइल छीन लिया. इसके बाद दोनों पुलिस वाले मोटरसाइकिल से भाग गए. पत्रकार ने इसकी सूचना एसपी को दी. एसपी ने दोनों पुलिस कर्मियों को तलब किया. पत्रकार का मोबाइल वापस कर दोनों को निलंबित कर दिया है.
एक न्यूज चैनल में काम करने वाले पवन ठाकुर ने बताया कि वे शुक्रवार दोपहर बंजारी वाले बाबा चौक से कलेक्टोरेट चौक की ओर जा रहे थे. उन्होंने देखा कि राजभवन चौक के पास प्रधान आरक्षक जगदीश प्रसाद और बद्रीराम दोनों मोटरसाइकिल वालों को रुकवाकर वसूली कर रहे हैं. वे दूर से ही खड़े होकर अपने मोबाइल से दोनों का वीडियो रिकॉर्ड करने लगे. जगदीश और बद्री ने उन्हें रिकॉर्डिंग करते हुए देख लिया. इसके बाद उनके पास गए और गाली-गलौज करने लगे. उनसे वीडियो डीलिट करने को कहा. लेकिन पवन ने मना कर दिया. तब वे दोनों पवन का मोबाइल छीनकर भाग गए. पवन ने दोनों का नाम और बैच नंबर नोट कर लिया था. यहां तक कि मोटरसाइकिल का नंबर भी नोट किया. वे तुरंत सिविल लाइन थाने पहुंच गए. वहां लिखित में शिकायत की. वहां जाने पर पता चला कि मामला गोलबाजार का है. तब तक एसपी ओपी पाल खुद सिविल लाइन पहुंच गए. उन्हें घटना के बारे में बताया. एसपी ने दोनों पुलिस कर्मियों को बुलाकर पूछताछ की और पत्रकार का मोबाइल वापस कर दिया. एसपी पाल ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं. कोतवाली सीएसपी अंशुमान सिसोदिया को जांच अधिकारी बनाया गया है. एएसपी पंकज चंद्रा ने बताया कि दोनों पुलिस कर्मियों को निलंबत कर दिया गया है. सूत्रों के अनुसार दोनों पुलिस कर्मियों ने मोबाइल से वीडियो को डिलिट कर यातायात थाने में छोड़ दिया था और वहां से भाग गए. बाद में अपना मोबाइल भी बंद कर दिया था. जगदीश प्रसाद पुलिस लाइन में पदस्थ हैं, वहीं बद्री राम यातायात में.